(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Aarogya Setu controversy: तहसीन पूनावाला ने CJI को लिखा पत्र, कहा- IT मंत्रालय को पूरी जानकारी देने का निर्देश दें
आरोग्य सेतू एप जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया था, वह उसमें पूरी तरह विफल रहा है- तहसीन पूनावालाCJI इस मामले का स्वतः संज्ञान लें और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को अदालत में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दें- तहसीन
नई दिल्ली: आरोग्य सेतू एप की जानकारी को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक्टिविस्ट तहसीन पूनावाला ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में तहसीन ने सीजेआई से आरोग्य सेतु विवाद के बारे में संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. सरकार ने कल कहा था कि आरोग्य सेतु ऐप किसने बनाया है, इसकी कोई जानकारी नहीं है.
एप से 16.23 करोड़ से ज्यादा यूजर्स की जानकारी जुटाई गई- तहसीन
सीजेआई को लिखे अपने पत्र में तहसीन पूनावाला ने मांग की है कि वह आईटी मिनिस्ट्री से आरोग्य सेतु ऐप के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा का पूरे विवरण देते हुए अदालत में एक हलफनामा दायर करने को कहे. पूनावाला ने लिखा, ‘’आरोग्य सेतु ऐप ने न केवल निगरानी के लिए एक उपकरण के रूप में काम किया है. बल्कि इस एप के माध्यम से 16.23 करोड़ से ज्यादा यूजर्स की जानकारी जुटाई गई है, जिसमें रक्षा सेवाओं, सरकारी अधिकारियों, न्यायाधीशों और आम आदमी भी शामिल हैं. इस एप को सरकार ने सभी के लिए अनिवार्य किया था.’’
अपने उद्देश्य में पूरी तरह विफल रहा आरोग्य सेतू एप- तहसीनI have written to Hon'ble CJI requesting him to ask Hon’ble SC to take cognisance of the #ArogyaSethuApp & direct the Ministry of Information Technology to file an affidavit giving all details of the data collected vide #AarogyaSetu & direct deletion of data collected by the app. pic.twitter.com/rV7K9aAihV
— Tehseen Poonawalla Official (@tehseenp) October 29, 2020
पूनावाला ने आगे लिखा, ‘’आरोग्य सेतू एप जिस उद्देश्य के लिए बनाया गया था, वह उसमें पूरी तरह विफल रहा है. भारत आज कोरोना वायरस के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इस एप को अनिवार्य बनाना किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करता है. मैं माननीय न्यायालय से अनुरोध करूंगा कि वे इस मामले का स्वतः संज्ञान लें और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को अदालत में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दें.’’
क्यों हो रहा है विवाद?
बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा जिस आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है, उसे किसने बनाया, इस बारे में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) को कोई जानकारी नहीं है. केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने सरकार के इस जवाब को अतर्कसंगत करार दिया है.
आयोग ने एनआईसी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि उस पर “प्रथम दृष्टया सूचना को बाधित करने और अस्पष्ट जवाब देने के लिये” क्यों ना सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआई) के तहत जुर्माना लगाया जाए.यह भी पढ़ें-
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