आरुषि केस: पूर्व CBI अफसर बोले, 'तलवार दंपत्ति की बेगुनाही के सबूत नहीं पेश किए गए'
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल इस मामले में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में सीबीआई की विशेष कोर्ट का निर्णय निरस्त करते हुए राजेश तलवार और नुपुर तलवार को निर्दोष करार दिया था.
नई दिल्ली: आरुषि-हेमराज हत्याकांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बरी होने के बाद राजेश और नुपुर तलवार की आज गाजियाबाद की डासना जेल से रिहाई हो सकती है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कल इस मामले में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में सीबीआई की विशेष कोर्ट का निर्णय निरस्त करते हुए राजेश तलवार और नुपुर तलवार को निर्दोष करार दिया था.
जब आरुषि केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी उस वक्त अरुण कुमार ने सीबीआई की जांच टीम का नेतृत्व किया था. अरुण कुमार की फैसले पर प्रतिक्रिया आई है. अरुण कुमार ने ट्वीट किया, ''तलवार दंपति को निर्दोष बताने वाले सबूत कोर्ट में पेश नहीं किए गए थे. अपने हिसाब से सबूत के मायने लगाए गए.''
आरुषि केस की जांच सीबीआई के दो अधिकारियों ने की थी. पहले केस अरुण कुमार को सौंपा गया और बाद में जावीद अहमद को सौंपा गया था. इस मामले में जावीद अहमद का कहना है कि वो लोग भी आरुषि के माता पिता को चार्जशीट नहीं करना चाहते थे लेकिन कोर्ट ने कि चार्जशीट करना है. इसीलिए फिर तलवार दंपत्ति के खिलाफ सबूत जुटाते गए.
जावीद अहमद का कहना है कि उनके पास तलवार दंपत्ति के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे सिर्फ जो घटनाक्रम था उसे आधार बनाकर केस लड़ा गया. जिस पर फैसला सुनाते हुए सीबीआई कोर्ट ने आरुषि के माता पिता को उम्र कैद की सजा सुनाई.