सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले के सिलसिले में जेल में बंद विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर बुधवार (14 अगस्त, 2024) को सुनवाई की. अब्बास अंसारी ने उन्हें जमानत से इनकार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जवाब मांगा है.
अब्बास अंसारी गैंगस्टर से नेता बने और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी का बेटा है. मुख्तार अंसारी की कुछ महीने पहले जेल में मौत हो गई थी. जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस संदीप मेहता ने ईडी को नोटिस जारी किया और अंसारी की जमानत खारिज करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी अपील पर उसका जवाब मांगा. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार अब्बास अंसारी की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और एडवोकेट अपराजिता पेश हुई थीं. कपिल सिब्बल ने अब्बास अंसारी की ओर से कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सवाल रखा कि अगर कोई अंसारी हैं तो क्या उसको जेल में रहना होगा.
हाईकोर्ट ने नौ मई को अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ईडी ने उनके खिलाफ मामले में धन के लेनदेन के सबूत पेश किए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि दो कंपनियों एम/एस विकास कंस्ट्रक्शन और एम/एस आगाज के साथ अब्बास अंसारी की ओर से धन का लेनदेन साबित होता है. ईडी ने आरोप लगाया कि अब्बास अंसारी ने धन शोधन के लिए इन कंपनियों का इस्तेमाल किया.
ईडी ने पिछले तीन मामलों के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून, 2002 के तहत सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अब्बास अंसारी पर चार नंवबर 2002 को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. मऊ से विधायक अंसारी अभी कासगंज जेल में हैं.