ABG Bank Fraud Case: ABG ग्रुप (ABG Shipyard) ने एक-दो नहीं बल्कि दो दर्जन से ज्यादा बैंकों के साथ धोखाधड़ी की है. आंकड़ा इतना बड़ा है कि बैंकिंग घोटाले के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. इस मामले में अबतक 8 लोगों पर FIR दर्ज की जा चुकी है. वहीं, इस मामले के सामने आने के बाद कई राजनीति दलों की तरफ से प्रतिक्रियाएं सामने आयी हैं. इसी कड़ी में बीएसपी प्रमुख मायावती ने तंज कसते सवाल किया, सरकार बताए जनता की कमाई सुरक्षित है भी या नहीं?
मायावती ने मामले को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि, "देश में लंबे समय से भयंकर गरीबी, बेरोजगारी, कमरतोड़ महंगाई आदि की मार झेल रहे लोगों के लिए रोजी-रोजगार की कोई अच्छी खबर आने के बजाय, करीब 23 हजार करोड़ रुपए के सबसे बड़े बैंक घोटाले की खबर बेचैनी व आक्रोश बढ़ाने वाली है. क्या देश कभी बैंक घोटालों से मुक्त होगा?
लोगों के मन में कई प्रकार के संदेह
उन्होंने आगे कहा कि, ताजा बैंक घोटाले में किसी घोटालेबाज की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से भी लोगों के मन में कई प्रकार के संदेह पैदा हो रहे हैं जो कि स्वाभाविक प्रतिक्रिया है. इसीलिए केन्द्र सरकार इस जन आशंका को भी दूर करे कि बैंकों में जमा लोगों की कमाई वाकई सुरक्षित है और रहेगी?
22842 करोड़ का सबसे बड़ा बैंक घोटाला!
सीबीआई के मुताबिक ये धोखाधड़ी किसी एक बैंक के साथ नहीं, बल्कि बैंकों के समूह के साथ की गई है. कुल 28 बैंकों के साथ धोखाधड़ी हुई है, जिसमें एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई, पंजाब नेशनल बैंक समेत प्राइवेट बैंक आईसीआसीआई भी शामिल हैं और साथ ही एलआईसी को भी चूना लगाया गया है. इस घोटाले का सबसे पहला खुलासा अगस्त 2020 में हु,आ जब 25 तारीख को एसबीआई के एक डिप्टी जीएम ने सीबीआई को लिखित में शिकायत की थी.
ABG कंपनी पर आरोप क्या हैं
ABG ने बैंकों के समूह से लोन और कई तरह की क्रेडिट सुविधाएं ली.
बैंकों से मिले पैसों को सहयोगी कंपनियों के जरिए विदेशों में भी भेजा गया.
बैंकों से लोन के पैसे से विदेशों में जायदाद और शेयर खरीदे गए.
नियमों को ताक पर रखकर पैसों को एक कंपनी से दूसरी कंपनियों में भेजा गया.
बताया जा रहा है कि ABG कंपनी ने अपने बनाए जहाज विदेशों में भी बेचे हैं, लेकिन कंपनी ने तमाम नियम-कानूनों को ताक पर रखकर बैंकों के ग्रुप को हजारों करोड़ का चूना लगाया.
किसको कितना चूना लगाया?
FIR के मुताबिक ABG कंपनी के चलते SBI को 2468 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ तो साथ ही LIC को भी 136 करोड़ का चूना लगाया. बैंकों के ग्रुप के साथ कुल 22842 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. ये घोटाला 2012 से 2017 के दौरान का है. यानी मनमोहन सरकार से लेकर मोदी राज तक.
सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद 13 जगहों पर छापेमारी की. जिसके दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. सीबीआई सूत्रों का दावा है कि मामले की जांच की आंच बैंकों के बड़े अधिकारियों तक पहुंच सकती है. जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी वैसे-वैसे कई नेताओं के नाम भी सामने आने की भी आशंका है.
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