ABG Bank Fraud Case: देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले (22842 करोड़ रुपये) के 5 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने लुक आउट सर्कुलर जारी करा दिया है यानी ये आरोपी अब देश छोड़कर नहीं जा सकते. सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि यह घोटाला साल 2005 से 2012 के बीच का है. साथ ही सीबीआई ने अधिकारिक तौर पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा है कि कुछ राज्यों द्वारा सीबीआई जांच से जनरल कंसेंट वापस लेने से भी सीबीआई को अनेक महत्वपूर्ण मामले दर्ज करने में परेशानी हो रही है और ऐसा करना उसके लिए एक बड़ी चुनौती है. ध्यान रहे कि महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने सीबीआई जांच से जनरल कंसेंट वापस ले लिया है.
देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले में आज सीबीआई ने अनेक मुद्दों पर अपना अधिकारिक पक्ष सामने रखा. सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर कहा कि सीबीआई को जांच के दौरान पता चला है कि एबीजी ग्रुप द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा घोटाला साल 2005 से साल 2012 के बीच का है. एफआईआर में अपराध होना साल 2012 से 2017 के मुद्दे पर सीबीआई ने अधिकारिक तौर पर कहा कि बैंकों द्वारा इस घोटाले में जो फॉरेंसिक ऑडिट कराया गया यह उसकी अवधि है. बैंकों में घोटालों के लिए जो फॉरेंसिक ऑडिट कराया जाता है उस ऑडिट के लिए 3 से 5 साल का समय लिया जाता है और यह अवधि वही है, जिसे FIR में साल 2012 से साल 2017 दर्शाया गया है.
सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर यह भी कहा कि इस मामले की एफआईआर में एबीजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक ऋषि कुमार अग्रवाल समेत जिन पांच लोगों के नाम हैं, उन सभी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करा दिया गया है यानी यह सभी आरोपी अब देश छोड़कर नहीं जा सकते. ध्यान रहे कि इसके पहले 12000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी नीरव मोदी और उसका मामा चौकसी देश छोड़कर फरार हो गए थे. सीबीआई का यह भी कहना है कि मामला दर्ज होने के बाद जब 13 जगहों पर छापेमारी की गई तो इन सभी आरोपियों को देश के अंदर ही पाया गया. सीबीआई ने यह भी बताया कि इस मामले में साल 2019 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस मामले के मुख्य आरोपी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कराया था.
सीबीआई का कहना है कि इस मामले में बैंक ने अगस्त 2020 में उसे शिकायत दी थी. अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच 28 बैंकों के इस समूह में से अनेक बैंकों ने एबीजी ग्रुप के खाते को फ्रॉड घोषित किया था. सीबीआई ने इस मामले में पिछले सप्ताह मुकदमा दर्ज कर 13 जगहों पर छापेमारी की थी. इस दौरान अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां और बैंक खातों की डिटेल समेत संपत्तियों की जानकारी आरोपियों के यहां से प्राप्त की गई है. साथ ही सीबीआई ने इस मामले में कुछ और दस्तावेजों एवं जानकारी के लिए 28 बैंकों के समूह से संपर्क साधा है. मामले की जांच जारी है.