ABG Shipyard Case: देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड मामले की जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी करेगा. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों के समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लि., उसके पूर्व प्रवर्तकों के साथ अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है. ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की तरफ से प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है.
सूत्रों ने कहा कि सीबीआई की शिकायत और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद ईडी ने धन शोधक निरोधक कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विशेष रूप से बैंक ऋण की कथित ‘हेराफेरी’, लोगों के पैसे को लूटने के लिए मुखौटा कंपनियों के गठन तथा कंपनी के अधिकारियों और अन्य की भूमिका पर गौर करेगा.
सीबीआई ने मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
बता दें कि सीबीआई ने मंगलवार को घोटाले के 5 आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था. यानी ये आरोपी अब देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं. एजेंसी ने कहा है कि मामला दर्ज होने के बाद जब 13 जगहों पर छापेमारी की गई तो इन सभी आरोपियों को देश के अंदर ही पाया गया.
सीबीआई के मुताबिक, यह घोटाला साल 2005 से 2012 के बीच का है. केंद्रीय एजेंसी ने कहा है कि कुछ राज्यों द्वारा सीबीआई जांच से जनरल कंसेंट वापस लेने से भी सीबीआई को अनेक महत्वपूर्ण मामले दर्ज करने में परेशानी हो रही है और ऐसा करना उसके लिए एक बड़ी चुनौती है. महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने सीबीआई जांच से जनरल कंसेंट वापस ले लिया है.
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