केरल में तिरुवनंपुरम की एक सीबीआई अदालत ने मंगलवार को सिस्टर अभया हत्या मामले में फैसला सुना दिया. इस मामले में कैथोलिक पादरी थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को कोर्ट द्वारा दोषी करार दिया गया है. मामले में दोनों आरोपियो का ट्रायल 10 दिसंबर को पूरा हो गया था.


बुधवार को सुनाई जाएगी सजा


21 वर्षीय सिस्टर अभया का शव  1992 में कोट्टायम के एक कॉन्वेंट के कुएं में मिला था. विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जे सनल कुमार ने इस मामले में फैसला सुनाया है वहीं  सजा की अवधि पर फैसला बुधवार को सुनाया जाएगा. अदालत ने कहा कि फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी के खिलाफ हत्या के आरोप साबित होते हैं. दोनों न्यायिक हिरासत में हैं. इस मामले में अन्य आरोपी फादर फूथराकयाल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है.


बेटी को इंसाफ दिलाने के इंतजार में चल बसे माता-पिता


बता दें कि युवा नन के सेंट पियूस कॉन्वेंट के कुएं में से मृत मिलने के 28 साल बाद अदालत का फैसला आया है. वह कॉन्वेंट में रहती थी. अभया के माता-पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी. वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के इंतजार में ही चल बसे.


सीबीआई ने 2008 में मामले की जांच हाथ में ली


पहले स्थानीय पुलिस और फिर अपराध शाखा ने सिस्टर अभया हत्या मामले की जांच की और कहा कि यह खुदकुशी का मामला है. बाद में  सीबीआई ने 2008 में मामले की जांच अपने हाथ में ली.  2009 में सीबीआई ने कैथोलिक पादरी थॉमस कोट्टूर, फादर जोस पथरुक्कायिल और सिस्टर सेफी पर नन की हत्या करने, सबूतों को नष्ट करने और आपराधिक साजिश करने का आरोप लगाया था. लेकिन सबूतों के आभाव में पिछले साल पथरुकायिल को इस मामले से अलग कर दिया गया था. मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल की गई चार्जशीट में कहा गया था कि नन ने दो कैथोलिक पादरियों को कुछ यौन गतिविधियों में शामिल देख लिया था इस वजह से उसकी हत्या कर दी गई थी. इसके पीछे वजह डर बताई गई थी कि कही वह मामले का खुलासा न कर दे.


मामले में सीबीआई ने 3 रिपोर्ट सौंपी थी


इस मामले में सीबीआई ने अपनी 3 रिपोर्टों में से पहली में नन की मौत को आत्महत्या बताया था. लेकिन सीबीआई कोर्ट ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और नए सिरे से जांच के आदेश दिए थे. अपनी दूसरी रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा कि यह संदिग्ध है कि आत्महत्या थी या हत्या. साल 2008 में दायर अपनी अंतिम रिपोर्ट में सीबीआई ने इसे हत्या का मामला बताया और कोट्टूर, पुथुरूकायिल और सेफी को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में सुनवाई पिछले साल 26 अगस्त को शुरू हुई थी इस दौरान कई गवाह मुकर भी गए. अभियोजन के मुताबिक, अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था क्योंकि वह कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह थी जिसमें तीनों आरोपी शामिल थे.


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