नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अदालत की अवमानना के मामले में दोषी करार दिए जाने के संदर्भ में कहा कि कानून सभी पर निष्पक्ष और संतुलित ढंग से लागू होना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि कई पूर्व न्यायाधीशों समेत कई विभिन्न लोगों ने इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है और मामले पर सावधानी से विचार होना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि पूर्व न्यायाधीशों की बातों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.


कांग्रेस नेता और जानेमाने वकील सिंघवी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस विषय पर वह अपनी निजी राय जाहिर कर रहे हैं. इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेजे जाने की मांग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कई तकनीकी पहलू हैं, जिन पर विचार होना चाहिए और कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए.


सुप्रीम कोर्ट ने ‘अपमानजनक ट्वीट’ के मामले में भूषण को 14 अगस्त को अवमानना का दोषी करार दिया था. कोर्ट ने आज अधिवक्ता भूषण को न्यायपालिका के प्रति अपमानजनक ट्वीट के लिये क्षमा याचना से इंकार करने संबंधी अपने बगावती बयान पर पुनर्विचार करने और बिना शर्त माफी मांगने के लिये 24 अगस्त तक का समय दिया और उनका, सजा के मामले पर दूसरी पीठ की तरफ से सुनवाई का अनुरोध ठुकराया दिया.