School Dropouts: बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने पढ़ाई छोड़ने वालों (School Dropouts) के बारे में सरकार से बीते दिनों जानकारी मांगी थी. शिक्षा पूरी न कर पाने वाले छात्रों की राज्य-वार और जिला-वार संख्या के आंकड़ों के बारे में सरकार से पूछा था. राजीव प्रताप रूडी के सवालों के जवाब शिक्षा मांत्रालय में राज्य मांत्री अन्नपूर्णा देवी (Annpurna Devi) ने दिए हैं.
आइये पढ़ते हैं अन्नपूर्णा देवी ने क्या कुछ बताया...
शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) ने शिक्षा के शलए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस (यूडाइज़+) प्रणाली विकशसत की है ताकि सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा प्रदान की गई स्कूल शिक्षा के संकेतकों से संबंधधत डाटा रिकॉर्ड किया जा सके.
ड्रॉपआउट को कम करने के लिए...
स्कूल शिक्षा के विभिन्न स्तरों के लिए छात्रों की ड्रॉपआउट दर की गणना जेंडर-वार और सामाजिक श्रेणी-वार की जाती है. शिक्षा संविधान की समिती सूची में है और अधधकांश स्कूल संबंधित राज्य और संघ राज्य क्षेत्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं. ड्रॉपआउट को कम करने के लिए, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 2018-19 से स्कूल शिक्षा के लिए एक एकीकृत केंद्र प्रायोजित योजना- समग्र शिक्षा शुरू की है.
इस योजना को अब एनईपी 2020 की सिफारिशों के अनुरूप किया गया है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी बच्चों के समान और समावेशी कक्षा के माहौल के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच प्राप्त हो. उन्होंने आगे बताया कि योजना के तहत, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को स्कूल से बाहर के बच्चों की संख्या कम करने के लिए विभिन्न गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इसमें वरिष्ठ माध्यमिक स्तर तक नए स्कूल खोलना, कस्तूरबा गांधी बाशलका विद्यालयों की स्थापना, उन्नयन और संचालन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों की स्थापना शामिल हैं.
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