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देश में नए कोरोना के मामलों में करीब 50% केस केरल में | जानें इस पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

देश में पिछले 24 घंटे में 43 हजार 654 नए कोरोना मामले रिपोर्ट हुए हैं. इसमें से केरल में 22 हजार 129 नए कोरोना के केस सामने आए हैं. इस पर एक्सपर्ट ने अपनी राय रखी है. जानिए उन्होंने क्या कहा है.

Coronavirus in India: भारत में पिछले 24 घंटो में 43 हजार 654 नए कोरोना मामले रिपोर्ट हुए हैं और 640 लोगों की मौत हुई है. 24 घंटो में सामने आए नए केस में सबसे ज्यादा केस केरल से रिपोर्ट हुए है. ये नए मामलों का करीब 50 फीसदी है. जानकारों का कहना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि केरल में देश के बाकी राज्यों के मुताबिक सीरो प्रिवलेंस कम था यानी बड़ी आबादी संक्रमित नहीं हुई थी. यही वजह की पूर्वोत्तर के राज्यों में भी केस बढ़ रहे हैं. 

पिछले 24 घंटे में केरल से कुल 22 हजार 129 मामले रिपोर्ट और 156 मरीजों की संक्रमण से मौत हुई है. सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के नए मामले और मौत केरल से सामने आ रहे हैं. मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि केरल के 7 जिलों से लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं. ये जिले अलाप्पुझा, कोट्टायम, मलप्पुरम, त्रिशूर, वायनाड, एर्नाकुलम और पथानामथिट्टा हैं. 

केरल में केस बढ़ने की वजह पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष और दिल्ली के एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ संजय राय के मुताबिक अभी भी बहुत बड़ी आबादी को वहां संक्रमण नहीं हुआ है और वो संक्रमण के दायरे में हैं. उनके मुताबिक, भारत में जब भी सीरो प्रिवलेंस सर्वे हुआ है उसमें वहां संक्रमण कम ही पाया गया है.

डॉ संजय राय कहते हैं, “शुरू से देखे आप अगर पूरा कोरोना को देश मे तो केरल से ही शुरुआत  हुई. उसके बाद कुछ दिन फरवरी में कोई केस नहीं आए. मार्च केस बढ़े तब केरल पहले नंबर पर था लेकिन एक महीने में केरल ने कंट्रोल कर लिया और वहां इन्फेक्शन रेट बहुत लो रहा. जितने सीरो सर्वे हुए उसमे भी कम था, बाकी देश मे बढ़ता रहा लेकिन केरल में कम था.”

संजय राय के मुताबिक, कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर एक फैक्टर हो सकता है लेकिन केस बढ़ने का मुख्य कारण नहीं हो सकता है. इस तरह की बीमारी की एपिडेमोलॉजी को समझने की जरूरत है और कितने वक़्त तक हम इसको कब तक प्रिवेंट कर सकते है. उनके मुताबिक, ये रेस्पिरेटरी बीमारी है जिसे लंबे वक्त तक नहीं रोक सकते है. खासकर जो व्यक्ति से दूसरे में फैलती है और ये तो काफी तेजी से फैल रहा है. नए वैरिएंट आ रहे हैं तो उसपर कंट्रोल करना मुश्किल होता है. एक बार कम्युनिटी लेवल पर इन्फेक्ट हो जाता है तो ज्यादातर आबादी को इन्फेक्ट कर ही कंट्रोल में आती है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा, “भारत के जिन स्टेट्स में इन्फेक्शन का रेट ज्यादा था वहां जल्दी कंट्रोल हुआ. दिल्ली उसका उदाहरण है और बाकी राज्य भी हैं. नॉर्थ-ईस्ट में कम था. हमने पहले कहा था कि वहां बढ़ेगा. ऐसा नहीं है है अचानक लोगों ने कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन शुरू कर देते है या बंद करना शुरू कर देते हैं. कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की भूमिका है लेकिन हमें इसकी एपिडेमोलॉजी को समझनी पड़ती है कि हम इसको कब तक प्रिवेंट कर सकते है. केरल का कोई सीरो सर्वे देख लें और पूरे देश के सीरो सर्वे की तुलना करें तो केरल का हमेशा कम रहा है सीरो सर्वे. मुम्बई जब धारावी में 55 फीसदी था तब केरल में 10 फीसदी था. सेकंड वेव में भी 20 फीसदी को भी क्रॉस नहीं किया था. केरल में लगातार 6 महीने से केस बढ़ रहे है या कभी नीचे आते है.”

पिछले 24 घंटो में सामने आए नए मामलों में 65.38 फीसदी केस सात राज्यों है जिसमें केरल भी शामिल है. केरल के अलावे ये राज्य मिजोरम, मणिपुर, असम, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम है. मिज़ोरम से 1,845, मणिपुर से 1,165, असम से 1,436, मेघालय से 710, त्रिपुरा से 819 और सिक्किम 440 केस सामने आए है. इसी तरह पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा में 11 जिलों में केस बढ़ रहे है.

  • मणिपुर के पांच जिले चंदेल, चुराचांदपुर, इंफाल पूर्व, नोनी, थौबल में केस बढ़ रहे. 
  • मेघालय के तीन जिले वेस्ट गारो हिल्स, साउथ-वेस्ट खासी हिल्स और साउथ-वेस्ट गारो हिल्स जिले में केस बढ़ रहे है.
  • अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों पापुम पारे, लोहित, पश्चिम सियांग में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे है.
  • वहीं असम और त्रिपुरा के एक एक जिले शामिल है. 
  • बाकी राज्यों में संक्रमण के मामलों में कमी आई है. 

डॉ राय के मुताबिक आनेवाले कुछ दिनों तक केस बढ़ेंगे और इसकी वजह सिर्फ कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर ही नहीं है.

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