ABP C-Voter Survey: दिल्ली अध्यादेश को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ सीएम अरविंद केजरीवाल लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. इस बीच कांग्रेस की ओर से संसद के मानसून सत्र में दिल्ली अध्यादेश का विरोध किए जाने की खबरें सामने आने के बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर विपक्षी दलों की बेंगलुरु में होने वाली बैठक में जाने का एलान किया.
कांग्रेस के दिल्ली अध्यादेश पर समर्थन से एलान से पहले अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने पर संशय बना हुआ था. इस बीच एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने एक सर्वे किया है. इस ऑल इंडिया सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने से नुकसान किसे होगा ?
क्या केजरीवाल साबित होंगे बीजेपी की बी टीम?
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने जब गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का एलान किया था तो उन पर बीजेपी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगा था. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से लेकर गुजरात के पार्टी नेताओं ने इसे अरविंद केजरीवाल की गुजरात में बीजेपी को बढ़त दिलाने की कोशिश के तौर पर पेश किया.
वहीं, अब आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनावी ताल ठोंक रही है. बीते कुछ महीनों में अरविंद केजरीवाल इन राज्यों का लगातार दौरा कर रहे हैं. इस बीच एबीपी न्यूज के लिए सीवोटर के सर्वे में लोगों ने चौंकाने वाली राय जाहिर की है.
क्या कांग्रेस को पहुंचाएगी नुकसान?
सीवोटर के ऑल इंडिया सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान में आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़वे से किसे नुकसान होगा? इसके जवाब में 41 फीसदी लोगों का मानना है कि AAP के इस कदम से कांग्रेस को नुकसान होगा. वहीं, सर्वे में शामिल 22 फीसदी लोगों का मानना है कि आम आदमी पार्टी के इन राज्यों में चुनाव लड़ने से बीजेपी को नुकसान होगा. सर्वे में 22 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जिनका मानना है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को नुकसान होगा.
चौंकाने वाली बात ये है कि 15 फीसदी लोगों का मानना है कि किसे नुकसान होगा, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. वैसे, सर्वे के आंकड़े सही साबित होंगे या गलत ये तो चुनाव के बाद ही तय होगा. इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हुए हैं, जो शायद उनके इन चुनावों से पीछे हटने की वजह बन सकता है.
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