कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूटी. इस दौरान कई बच्चे अनाथ हो गए और कई लोगों पर यह मुसीबत का पहाड़ बनकर टूटा. इस दौरान अपनों की मदद को इधर-उधर भाग रहे किसी को अस्पताल का बेड नसीब नहीं हुआ तो किसी ने ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ दिया. किसी की नौकरी चली गई तो कम पैसे पर काम करने को मजबूर है.


सी-वोटर की तरफ से कोरोना के दौरान लोगों लोगों की परेशानियों और वैक्सीन समेत कई सवाल करीब 40 हजार लोगों से पूछे गए. यह जानने का प्रयास किया गया कि अभी भी अगर कुछ लोग वैक्सीन नहीं लगवाना चाह रहे हैं तो आखिर उसकी क्या वजह है. आइये जानते हैं सर्वे के दौरान क्या सवाल किए गए और लोगों ने इसका क्या जवाब दिया.


सवाल- क्या कोरोना पर सरकार के कामकाज से वो संतुष्ट हैं ?


इसके जवाब में 74% लोगों ने हां में जवाब दिया यानी वो संतुष्ट हैं.. जबकि 21 फीसदी लोग असंतुष्ट थे... 5 प्रतिशत ऐसे भी थे जो इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए...


 


2- लोगों को कोरोना काल में जरूरत पड़ने पर बेड, ICU, ऑक्सीजन मिला?

32% लोगों ने कहा कि आसानी से मिल गया. 14% ने कहा कि थोड़ी सी परेशानी हुई. 6% ने कहा कि बहुत ज्यादा परेशानी हुई. 9% ने कहा कि ये सब नहीं मिला. जबकि 39% ने कहा कि जरूरत नहीं पड़ी.


 


3- सर्वे में अगला सवाल ये पूछा गया कि क्या कोरोना का खतरा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया ?


52 प्रतिशत लोगों ने हां कहा कि कोरोना को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया... जबकि 37 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते और 11 परसेंट कह नहीं सकते.


 


4- क्या आपको कोरोना होने का डर है?


अभी भी 53 प्रतिशत लोगों को लगता है कि हां उन्हें कोरोना हो सकता है... जबकि 43 प्रतिशत को डर नहीं लगता... जबकि 4 फीसदी कह नहीं सकते...


 


5-अगला सवाल था कि क्या आप वैक्सीन लगवाने के पक्ष में हैं ?


 अच्छी बात ये है कि 84 फीसदी लोग टीका लगवाने के पक्ष में हैं... 8 प्रतिशत नहीं थे और 8 फीसदी ही कह नहीं सकते..


6-अब जिन 8 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कही.. हमने उनसे ये जानना चाहा है कि उनकी वजहें क्या हैं... यानी उनके क्या बहाने हैं...

इनमें से 2.43% लोगों को लगता है कि कोरोना से अब कोई खतरा नहीं है. 0.35% को लगता है कि इलाज का अभी और बेहतर विकल्प मिलेगा. 0.51% को पर्याप्त जानकारी नहीं है. 0.50% को लगता है कि वैक्सीन जल्दबाजी में बनी. 0.91% लोगों को लगता है कि वैक्सीन से कोरोना हो जाएगा. 1.83% को लगता है कि वैक्सीन सुरक्षित नहीं है. 0.99% लोगों को लगता है कि वैक्सीन कारगर नहीं है. 0.30% लोग धार्मिक कारणों की वजह से वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते... जबकि 0.55% लोग अन्य कारणों की वजह से वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं.


 


7- क्या वैक्सीन आपकी धार्मिक मान्यता के अनुरूप है?


इसमें अलग अलग जाति और धर्म के लोगों से बात की है. 58 फीसदी अनुसूचित जाति के लोगों का जवाब हां में, 28 प्रतिशत का नहीं में है.. और 14 फीसदी कह नहीं सकते. एसटी कम्यूनिटी की बात करें तो 55 प्रतिशत ने हां कहा, 28 फीसदी ने नहीं और 14 प्रतिशत ने जवाब नहीं दिया. 62 प्रतिशत ओबीसी का कहना है कि हां वैक्सीन धार्मिक मान्यता के अनुरूप है, 25 फीसदी का जवाब नहीं है और 13 प्रतिशत ने कहा कह नहीं सकते. सवर्णों की बात करें तो 64 प्रतिशत का जवाब हां है 25% का नहीं और 11 प्रतिशत कह नहीं सकते. 55% मुस्लिम भी वैक्सीन को धार्मिक मान्यता के अनुरूप मानते हैं, जबकि 30 फीसदी नहीं और 15 प्रतिशत कह नहीं सकते. 65 प्रतिशत ईसाई भी वैक्सीन को धार्मिक मान्यता के अनुरूप मानते हैं, 27 प्रतिशत नहीं और 8 प्रतिशत कह नहीं सकते. सिख बिरादरी की बात करें तो 57 प्रतिशत को लगता है कि वैक्सीन उनकी धार्मिक मान्यता के अनुरूप है, 26 प्रतिशत को ऐसा नहीं लगता, 17 फीसदी का जवाब था कह नहीं सकते.


8-कोरोना ने लोगों का रोजगार भी बहुत छीना है और अगर छीना नहीं है तो रोजगार पर असर हुआ है?
- 4 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं, उनकी आय नहीं घटी है. 6 परसेंट घर से काम कर रहे हैं और आय कम हुई है. 11 प्रतिशत बेरोजगार हुए. 2% लोगों का काम फुल टाइम से पार्ट टाइम हो गया. 2 फीसदी का तो काम और आमदनी दोनों रुक गए. 20 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो कोरोना के नियमों में काम कर रहे हैं और उनकी आय नहीं घटी है. 37 प्रतिशत लोग कोविड के नियम कायदों में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी आय भी घटी है. जानकर हैरानी होगी कि 4 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं, जो काम भी कर रहे हैं और उनकी कोई आय भी नहीं हो रही. 3 प्रतिशत लोग घर से काम कर रहे हैं, और सैलरी भी पूरी मिल रही है. जबकि 2 प्रतिशत लोग घर से काम नहीं कर रहे हैं लेकिन उनकी सैलरी घटी है. 7 प्रतिशत लोगों के रोजगार पर दूसरी वजहों से असर हुआ है. जबकि 2 प्रतिशत लोग कह नहीं सकते हैं कि असर हुआ कि नहीं हुआ.


9- आपके परिवार या पड़ोस में कोई संक्रमित हुआ ?

65% ने कहा कि कोई नहीं हुआ. 24% ने कहा संक्रमित हुए थे ठीक हो गए. 3 % लोगों की जान पहचान अब भी संक्रमित थे. 7% लोगों के घर में मौत हुई है. जबकि 1 प्रतिशत इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए..


 


10- क्या आपको कोरोना होने का डर है?

अभी भी 53 प्रतिशत लोगों को लगता है कि हां उन्हें कोरोना हो सकता है... जबकि 43 प्रतिशत को डर नहीं लगता... जबकि 4 फीसदी कह नहीं सकते...


डिस्क्लेमर- कोरोनाकाल में मोदी सरकार के कामकाज पर देश का मूड समझने के लिए रिसर्च एजेंसी C-वोटर ने ABP न्यूज के लिए एक सर्वे किया. इस सर्वे में देशभर के 40 हजार लोगों की राय ली गई है.