Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावों को लेकर विपक्षी दल एकजुट होने के प्रयास में लगे हैं. विपक्षी दलों की आगे की रणनीति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में बैठक बुलाई है. मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई नेता शामिल होंगे.


इसी बीच विपक्षी दलों की मीटिंग को लेकर एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने सर्वे किया है. इसमें सवाल किया गया कि 23 जून को पटना में विपक्ष की बैठक है. क्या लगता है 2024 तक विपक्ष एकजुट रह पाएगा? इसके जवाब में 39 फीसदी लोगों ने हां में जवाब देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों के अस्तित्व का सवाल है. वहीं 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नहीं ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इनमें विश्वास की कमी है. सर्वे में 10 परसेंट लोगों ने कहा कि अभी कुछ नहीं कह सकते. 


विपक्षी दल क्या कह रहे हैं?
मीटिंग में शामिल हो रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बैठक को समय की जरूरत बताया. शरद पवार ने कहा था, ''नीतीश कुमार ने देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं को इस बैठक के लिए बुलाया है और मैं भी जाऊंगा.''


पवार ने आगे कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने की जरूरत है और इस मकसद में साथ देना हमारी जिम्मेदारी है. वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि विपक्षी दलों की बैठक ऐताहासिक होगी. हम इसमें साल 2024 में होने वाले लोकसभा को लेकर चर्चा करेंगे. 


मीटिंग में कौन-कौन आ रहा है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बताया कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे आ रहे हैं. 


बीजेपी का क्या कहना है?
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये लोग एक दूसरे में सहारा खोज रहे हैं. बिहार में जैसे पुल बहा वैसे ही इनके अरमान भी बह जाएंगे.  


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