Uniform Civil Code Issue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलवार (27 जून) को भोपाल में समान नागरिक संहिता को लेकर दिए गए बयान के बाद से शुरू हुई सियासत जारी है. कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) सहित अन्य विपक्षी दल यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.
वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू सभी को विश्वास में लेने की बात कह रही है. इसी बीच यूसीसी को लेकर एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने सर्वे किया है. सर्वे में सवाल किया कि क्या लगता है कि पटना वाली विपक्षी एकता यूसीसी पर टूट जाएगी ? इस पर 48 फीसदी लोगों ने कहा कि हां विपक्षी एकता टूट जाएगी तो 31 प्रतिशत लोगों नें नहीं में जवाब दिया. सर्वे के मुताबिक, 21 परसेंट लोगों ने कहा कि वो कुछ नहीं कह सकते.
दरअसल बिहार के पटना में 23 जून को जेडीयू नेता नीतीश कुमार की मेजबानी में विपक्षी दलों की मीटिंग हुई थी. इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, टीएमसी चीफ ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई नेता शामिल हुए थे.
यूसीसी पर विपक्षी दलों ने क्या कहा?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि पीएम मोदी यूसीसी पर बयान देकर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने और देश में भ्रम पैदा करके 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने की सोच रहे हैं. टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि केंद्र सरकार नौकरी देने का वादा पूरा नहीं कर पाई है, इस कारण यूसीसी का मामला उठा रही है.
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि यूसीसी के जरिए मोदी सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाना चाहती है. वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कहा कि महज शरिया’ का विरोध ही यूसीसी का आधार नहीं हो सकता. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पठाक ने कहा कि उनकी पार्टी यूसीसी का सैद्धांतिक समर्थन करती है.
पीएम मोदी ने क्या कहा था?
पीएम मोदी ने भोपाल में बीजेपी के कार्यक्रम में कहा था कि विपक्षी दल यूसीसी को लेकर लोगों को वोट बैंक के लिए भड़का रही है. बता दें कि लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता पर लोगों और धार्मिक संगठनों से विचार मांगे हैं.
नोट: यूसीसी को लेकर abp न्यूज़ के लिए सी वोटर ने ऑल इंडिया सर्वे किया है. बुधवार से शुक्रवार तक ये सर्वे देश भर में किया गया है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.
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