आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचलें तेज होने लगी हैं. सभी राजनीतिक दल हर दिन नई-नई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं. इस बीच, देश की वीवीआईपी सीटों पर सर्वे किया गया, जिसके आंकड़े बताते हैं कि इस बार कई दिग्गजों के लिए खतरे घंटी बज रही है. 


एबीपी के लिए सी-वोटर ने यह सर्वे किया है, जिसके आंकड़े बताते हैं कि हेमा मालिनी, राहुल गांधी, अजय मिश्रा टेनी, कुंवर दानिश अली, अधीर रंजन चौधरी और साक्षी महाराज जैसे दिग्गजों के लिए जीत की राह बेहद मुश्किल होने वाली है. आइए जानते हैं क्या कहते हैं आंकड़े-



  • उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट की बात करें तो केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद स्मृति ईरानी फिर से यहां जीतती नजर आ रही हैं. वहीं, अगर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी फिर से यहां मैदान में उतरते हैं तो उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है. 2019 में स्मृति ईरानी ने 55,120 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी.

  • भोजपुरी एक्टर रहे बीजेपी सांसद दिनेश लाल निरहुआ की आजमगढ़ सीट भी खतरे में है. साल 2022 में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी. तब निरहुआ ने समाजवादी पार्टी (SP) के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को हराकर जीत हासिल की थी. हालांकि, जीत का अंतर बहुत ज्यादा नहीं था, सिर्फ 8,679 वोटों से निरहुआ जीते थे. इस सीट पर सपा का कब्जा रहा है. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई थी.

  • पश्चिमी यूपी की वीवीआईपी सीट मुजफ्फरनगर की बात करें तो बीजेपी के लिए यह सीट भी खतरे में हो सकती है. सर्वे में मौजूदा बीजेपी सांसद संजीव बालियान कम अंतर से आगे दिख हैं. 2019 के चुनाव में भी करीबी मामला रहा था और संजीव बालियान कम वोटों के अंतर से जीते थे. साढ़े 6 हजार के आस-पास उनकी बढ़त थी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) उम्मीदवार चौधरी अजीत सिंह ने उन्हें कड़ा मुकाबला दिया था.

  • मथुरा लोकसभा सीट पर बीजेपी की हेमा मालिनी सांसद हैं. सीट को लेकर किए गए सर्वे में सामने आया कि मथुरा में जीत की हैट्रिक लगाना हेमा मालिनी के लिए आसान नहीं रहने वाला है क्योंकि वह काफी कम अंतर से आगे नजर आ रही हैं. सर्वे कह रहे हैं कि अगर हेमा मालिनी को पार्टी यहां रिपीट करती है तो फंस सकती है.

  • सर्वे में रायबरेली सीट पर सोनिया गांधी को पांचवीं बार भी जीतते दिखाया गया है. वह ठीक ठाक अंतर से यहां अपनी जीत का रिकॉर्ड कायम रख सकती हैं. हालांकि, सर्वे में यह भी कहा गया कि अगर कांग्रेस अपना उम्मीदवार यहां बदलती है तो गांधी परिवार को सीट से हाथ धोना पड़ सकता है.बीजे

  • बीजेपी सांसद अजय मिश्रा टेनी के लिए लखीमपुर खीरी की सीट बहुत ज्यादा सुरक्षित नजर नहीं आ रही है. साल 2014 और 2019 के चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की, लेकिन इस बार मामला फंसता हुआ नजर आ रहा है. यूपी की कन्नौज सीट पर भी बीजेपी के सुब्रत पाठक के लिए खतरा दिख रहा है. कभी सपा की गढ़ रही इस सीट पर अगर बीजेपी फिर से सुब्रत पाठक को उतारती है तो फंस सकती है.

  • दो बार से उन्नाव सीट पर जीतते आ रहे साक्षी महाराज के लिए इस बार का चुनाव सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है. सर्वे में उन्हें कम अंतर से आगे दिखाया गया है. बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली के लिए इस बार अमरोहा सीट बचा पाना मुश्किल दिख रहा है क्योंकि सर्वे में दिखाया गया कि उनकी जीत खतरे में है. वहीं, बीएसपी के हाथों से गाजीपुर सीट भी निकलती दिख रही है. यहां पर अफजाल अंसारी मौजूदा सांसद हैं.

  • बिहार की बक्सर वीवीआईपी सीट पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के लिए भी इस बार राह मुश्किल होने वाली है. सर्वे में उन्हें कम अंतर से आगे दिखाया गया है. वहीं, पश्चिम बंगाल की बहराम सीट बचा पाना इस बार कांग्रेस के लिए मुश्किल हो सकता है. सर्वे के मुताबिक, अगर कांग्रेस इस सीट पर अधीर रंजन चौधरी को रिपीट करती है तो पार्टी को नुकसान हो सकता है क्योंकि वह कम अंतर से आगे नजर आ रहे हैं. बिहार की  पूर्वी चंपारण सीट पर बीजेपी के लिए भी ऐसी ही स्थिति दिख रही. सर्वे में राधा मोहन सिंह पूर्वी चंपारण सीट पर कम अंतर से आगे नजर आ रहे हैं.

  • सर्वे में बिहार की उजियापुर सीट से बीजेपी सांसद नित्यानंद राय को भी कम वोटों से आगे दिखाया गया है.


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