ABP News Cvoter Karnataka Exit Poll 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार (10 मई) को हुए मतदान के बाद 'एबीपी न्यूज-सीवोटर एग्जिट पोल' के नतीजों में कांग्रेस की स्थित मजबूत नजर आ रही है. 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए बहुमत का आंकड़ा 113 सीटों का है. एबीपी न्यूज-सीवोटर के एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार कांग्रेस को 100 से 112 सीटें मिलती दिख रही हैं. बीजेपी को 83 से 95 सीटें और जेडीएस के खाते में 21 से 29 सीटें जाती दिख रही हैं. वहीं, आंकड़ों में अन्य को 2 से 6 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.


अगर विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद ऐसी ही स्थिति बनती है तो कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए कुछ एक सीटों की और जरूरत होगी. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस क्या किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए कांग्रेस से हाथ मिलाएगी? 


कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की संभावना क्यों?


दरअसल, पिछले चुनाव का घटनाक्रम ऐसी संभावना को जन्म देता है. 2018 में कर्नाटक में 224 में से 222 सीटों पर चुनाव हुआ था. जयनगर और राजराजेश्वरी नगर सीट पर क्रमशः विधायक बीएन विजय कुमार के निधन के चलते और एक मतदाता धोखाधड़ी कांड के बाद 28 मई तक चुनाव स्थगित कर दिया गया था. 222 सीटों पर हुए चुनाव के कारण बहुमत का आंकड़ा 112 सीटों का था. चुनाव में बीजेपी ने 104, कांग्रेस ने 78 और जेडीएस ने 37 सीटें जीती थीं.


ढाई दिन में चली गई थी सीएम की कुर्सी


उस चुनाव में बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन उसके पास बहुमत के लिए 8 सीटें कम थीं. 17 मई 2018 को बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिलाई गई थी, साथ ही उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था. कांग्रेस ने 15 दिन की छूट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. 18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा को 15 के दिन के बजाय 19 मई की शाम 4 बजे तक बहुमत साबित करने के लिए आदेश दिया था. येदियुरप्पा बहुमत साबित नहीं कर पाए थे और उन्हें सीएम बनने के ढाई दिन में ही इस्तीफा देना पड़ा था.


कांग्रेस-जेडीएस ने मिलकर बना ली थी सरकार, फिर बीजेपी आई


इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बना ली थी. एचडी कुमारस्वामी सीएम बने थे. 14 महीने बाद उनकी सरकार भी गिर गई थी और बीजेपी ने बागी विधायकों की मदद से फिर अपनी सरकार बना ली थी. बीएस येदियुरप्पा को एक बार फिर सीएम बनाया गया था लेकिन दो साल बाद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बसवराज बोम्मई को सीएम पद की कमान सौंप दी थी.


क्या फिर से कांग्रेस के साथ जाएगी जेडीएस?


इस बार के चुनाव से पहले जेडीएस नेता और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी हालांकि यह साफ कर चुके हैं कि वह किसी पार्टी के साथ नहीं जाएंगे. वहीं, बुधवार (10 मई) को कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी कहा कि चुनाव के बाद जेडीएस के साथ गठबंधन की कोई संभावना नहीं है, पार्टी अपने दम पर सरकार बनाएगी.


वहीं, एग्जिट पोल के आंकड़ों के बारे में डीके शिवकुमार ने कहा, ''मेरी पहली प्रतिक्रिया यह है कि मुझे इन नंबरों (एग्जिट पोल्स) पर विश्वास नहीं है. मैं अपने आंकड़ों पर कायम हूं कि हम 146 सीटों को पार कर लेंगे. लोग काफी शिक्षित हैं और बड़े हितों को देख रहे हैं क्योंकि कर्नाटक में डबल इंजन फेल हो गया है.''






किसी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति पैदा नहीं होगी, लेकिन पिछले चुनाव के रिजल्ट पर गौर करें तो किसी को स्पष्ट बहुमत न मिलने पर कर्नाटक में एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई थी. वहीं, बुधवार (10 मई) को ही मतदान के बाद जारी हुए एबीपी-सीवोटर एक्जिट पोल के आंकड़ों को लेकर जेडीएस नेता अफरोज बेग ने एबीपी न्यूज से कहा कि उनकी पार्टी किंगमेकर जरूर बनेगी. 


किंगमेकर जरूर बनेंगे हम- जेडीएस नेता


उन्होंने कहा, ''किंगमेकर जरूर बनेंगे हम... एक फिल्म के डायलॉग से शुरू करूंगा. हार के जीतने वाले को कुमारस्वामी कहते हैं.'' उन्होंने कहा कि जेडीएस किसी के साथ नहीं जाएगी लेकिन जो पार्टी उनकी विचारधारा से मेल खाती है वो उनके पास आएगी. इसी के साथ उन्होंने कहा, ''पिक्चर अभी बाकी है.'' ऐसे में क्या मौका मिलने पर एक बार फिर से जेडीएस कांग्रेस के साथ जाएगी, यह सवाल बना हुआ है.


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