ABP News Opinion Poll: पश्चिम बंगाल में BJP-TMC के बीच कड़ी टक्कर, कैलाश वियजवर्गीय बोले- राज्य में परिवर्तन की लहर
ओपिनियन पोल में यह सामने आया कि टीएमसी के खाते में 42 फीसदी, बीजेपी के खाते में 37 फीसदी, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के खाते में 13 फीसदी और अन्य के खाते में 8 फीसदी वोट जा रहे हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर सी-वोटर की तरफ से एबीपी न्यूज के लिए किए गए सर्वे में मुख्यतौर पर दो दलों के बीच यह मुकाबला नजर आ रहा है. ओपिनियन पोल के मुताबिक, राज्य की सत्ताधारी टीएमसी को जहां 152-168 सीटें मिल सकती है तो वहीं बीजेपी के खाते में 104-120 सीटें आ सकती हैं. कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को 18 से 26 सीटें मिल सकती है जबकि अन्य के खाते में 0 से 2 सीटें आ सकती हैं. ओपिनियन पोल में यह सामने आया कि टीएमसी के खाते में 42 फीसदी, बीजेपी के खाते में 37 फीसदी, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के खाते में 13 फीसदी और अन्य के खाते में 8 फीसदी वोट जा रहे हैं.
‘ओपिनियन पोल से ज्यादा सीटें जीतेंगे’
ओपिनियन पोल में बीजेपी की अनुमानित सीटों के बारे में एबीपी न्यूज से बात करते हुए पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि चुनाव को लेकर कुछ हमारी ओपन और कुछ हाइड रणनीति होती है. उन्होंने कहा कि एबीपी के ओपिनियन पोल से कहीं ज्यादा सीटें वे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीतेंगे. मुख्यमंत्री के सवाल पर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं इसके बारे में फिलहाल बताने की स्थिति में नहीं हूं. जब हम 200 से सीट जीतकर आएंगे उसके बाद इस पर इंटरनल कमेटी के जरिए फैसला किया जाएगा.
‘बंगाल में परिवर्तन की लहर’
हालांकि, ओपिनियन पोल को लेकर पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रभारी और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- “सीपीएम के कोर वोटर ही हमारे साथ नहीं है, हमारे पर हर राजनीतिक दल के लोग आए हैं, वो चाहे बात कांग्रेस की हो या फिर टीएमसी की. सीपीएम में भी कुछ बड़े अच्छे लोग हैं जो हमारे साथ आए हैं. उन्हें लगता है कि सीपीएम का राज्य में अब कोई भविष्य नहीं है. बंगाल में एक परिवर्तन की लहर है और लोग परिवर्तन का हिस्सा बनना चाहते हैं.” कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा- आज लोग मोदी जी के लिए काम करना चाहते हैं, विकास के लिए काम करना चाहते हैं.
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- आज अमित शाह की बंगाल में जितनी भी सभाएं होती है 25 हजार से लेकर एक लाख तक लोग आ रहे हैं. हर मैदान छोटा पड़ता जा रहा है. परिस्थितियां बदल गई हैं. आज सभाओं के लिए जगह छोटी पड़ती जा रही है. उन्होंने कहा- बंगाल में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य में सबसे ज्यादा असुरक्षित महिलाएं ही हैं. ऐसे में टीएमसी को बाकी राज्यों की बात करने की बजाय अपने राज्यों की बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक समय था जब बंगाल के स्टैंडर्ड ऑफ एजुकेशन की देशभर में मान्यता थी लेकिन आज बंगाल हर क्षेत्र के अंदर लगातार पीछे जा रहा है.
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