ABP Cvoter Opinion Poll 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कुछ ही दिनों में होने की उम्मीद है. अप्रैल-मई के महीने में चुनाव भी करवाए जा सकते हैं. इस बार मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस-समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों के जरिए मिलकर बने इंडिया गठबंधन के बीच देखने को मिलने वाला है. सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है, ताकि तैयारियों को धार दिया जा सके. 


चुनाव की तैयारियों के बीच एबीपी न्यूज सी वोटर ने ओपिनियन पोल किया है. इसके जरिए चुनाव से पहले जनता का मूड जानने की कोशिश की गई है. इस ओपिनियन पोल के लिए जानकारी को 1 फरवरी से 10 मार्च के बीच इकट्ठा किया गया. जनता से उनके राज्यों को लेकर बन रहे सियासी माहौल पर राय मांगी गई. ऐसे में आइए जानते हैं कि उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वोत्तर भारत और उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक में बीजेपी के लिए ओपिनियन पोल का अनुमान क्या है. 


पंजाब-कर्नाटक में झटका, पूर्वोत्तर में राहत


एबीपी न्यूज सी वोटर को देखने से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बढ़त मिल रही है, लेकिन पंजाब और कर्नाटक में पार्टी थोड़ी पिछड़ती हुई नजर आ रही है. बीजेपी को कर्नाटक और पंजाब की सत्ता में नहीं होने की वजह से थोड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. पंजाब में अकाली दल के साथ बीजेपी का गठबंधन भी टूटा है, जिसका नुकसान दिख रहा है. पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी ने बढ़त बनाई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों का असर साफ नजर आ रहा है. 


पंजाब में क्या है बीजेपी का हाल? 


चुनाव से पहले पंजाब किसान आंदोलन का केंद्र बना हुआ है. किसान अभी भी सड़क पर डटे हुए हैं. पंजाब में मालवा, माझा और दोआब के तौर पर तीन क्षेत्र हैं. मालवा में 8 सीटें हैं, जिनमें से 2019 में कांग्रेस को 5, अकाली दल को 2 और आप को 1 सीट मिली थी, जबकि बीजेपी शून्य पर थी. 2019 के चुनाव में बीजेपी और अकाली दल साथ चुनावी मैदान में थे. लेकिन 2020 में कृषि कानून के नाम पर अकाली दल एनडीए से अलग हो गया.


वहीं, एक बार फिर अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन की चर्चा है. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर बीजेपी में शामिल होने वाली है. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी देश भर में एक साथ हैं, मगर पंजाब में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. ओपिनियन पोल में बताया गया है कि पंजाब की 13 सीटों में से एक पर बीजेपी को जीत मिल रही है. कांग्रेस के खाते में पांच, आप के हिस्से में 6 और अकाली दल एक सीट पर चुनाव जीत सकती है. 


कर्नाटक में क्या स्थिति है? 


कर्नाटक को बीजेपी का दक्षिण का द्वार कहा जाता है. पिछले चुनाव की तुलना में बीजेपी या कहिए कि एनडीए गठबंधन कर्नाटक में पिछड़ता दिख रहा है. 2019 के चुनाव में एनडीए को कर्नाटक में 26 सीटें मिली थी. इनमें से 25 और एक बीजेपी समर्थित निर्दलीय है, जबकि कांग्रेस को एक और जेडीएस को एक सीटें मिली थी. पिछले चुनाव में जेडीएस और कांग्रेस एक साथ चुनावी मैदान में थी. हालांकि इस बार जेडीएस बीजेपी के साथ है. 


एबीपी न्यूज सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक, कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं. इसमें से 23 सीटें बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास जा सकती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में 5 सीटें आ सकती हैं. हालांकि, जब बात वोटिंग पर्सेंटेज की आती है तो मुकाबला कड़ा हो जाता है. एनडीए का वोटिंग पर्सेंटेज 53 फीसदी रह सकता है, जबकि कांग्रेस 42 फीसदी पर है. इसका मतलब हुआ कि अगर वोटिंग पर्सेंटेज थोड़ा भी इधर-उधर हुआ तो फायदा कांग्रेस को मिल सकता है. 


पूर्वोत्तर भारत पर बीजेपी की पकड़


दक्षिण में नुकसान झेलने वाली बीजेपी का पूर्वोत्तर में क्या हाल है, उसे समझने के लिए सबसे असम के आंकड़ों को समझिए. असम में लोकसभा की 14 सीटें हैं. 2019 में बीजेपी के 9, कांग्रेस को 3, AUDF को 1 और एक निर्दलीय चुनकर संसद पहुंचे थे. असम में कांग्रेस 12 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतार चुकी है, जबकि बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी की थी उनमें 6 पुराने सांसद हैं और 5 नए चेहरे हैं. 


असम में बीजेपी को 12 सीटें मिल सकती हैं, जबकि 2 सीटें कांग्रेस के पास जा सकती हैं. असम के अलावा नॉर्थ-ईस्ट में 7 राज्य हैं, जहां लोक सभा की 13 सीटें हैं. नॉर्थ-ईस्ट को सियासी तौर पर साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम से लेकर अरुणाचल तक घूमकर लौटे हैं. इसका असर भी दिख रहा है. यहां पर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 9 सीटें मिल सकती हैं, जबकि इंडिया गठबंधन को एक सीट मिलती नजर आ रही है. 


यूपी में जारी है बीजेपी का जलवा


बीजेपी को यूपी में किसी तरह का कोई नुकसान होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 74 पर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को जीत मिलती नजर आ रही है. इंडिया गठबंधन के खाते में 6 सीटें जा सकती हैं, जबकि बीएसपी का खाता भी नहीं खुल सकता है. एनडीए का वोटिंग पर्सेंटेज भी 51 फीसदी रहने वाला है, जबकि इंडिया गठबंधन को 35 फीसदी वोट मिल सकते हैं. 


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(Disclaimer- लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले abp न्यूज के लिए सी वोटर ने देश का सबसे बड़ा ओपिनियन पोल किया है. इस सर्वे में 41 हजार 762 लोगों से बात की गई है. लोकसभा की सभी 543 सीटों सीटों के लिए 1 फरवरी से 10 मार्च के बीच सर्वे किया गया है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.)