ABP CVoter Survey: क्या शंकराचार्यों का अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का विरोध है सही? जानें सर्वे में क्या है जनता की राय
CVoter Survey: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने अधूरे राम मंदिर मे हो रहे कार्यक्रम का विरोध किया था. इसे लेकर एबीपी की ओर से सी-वोटर ने सर्वे किया.
ABP News CVoter Survey: अयोध्या में होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर को पूरी तरह से सजा दिया गया है. पूरे देश में 22 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. इस बीच एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने जनता से सवाल किया कि क्या शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का विरोध सही है? इस सवाल पर लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सीवोटर सर्वे में लोगों ने क्या कहा?
इस सवाल के जवाब में 52 फीसदी लोगों ने कहा कि दोनों शंकराचार्यों का अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का विरोध सही नहीं हैं. 24 फीसदी लोगों ने कहा उनका विरोध सही है और 24 फीसदी लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते.
- हां- 24
- नहीं- 52
- कह नहीं सकते- 24
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने क्या कहा था?
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि वे इस प्राण-प्रतिष्ठा का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि अभी तक मंदिर पूरी तरह से नहीं बना है. उन्होंने कहा कि अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करना शास्त्रों के खिलाफ माना जाता है. उन्होंने कहा, "मुझे इस कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है. अगर निमंत्रण मिलता फिर भी नहीं जाता. क्योंकि अगर शंकराचार्यों के सामने कोई चीज अशास्त्रीय होती है, तो उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है."
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने जाने से किया मना
22 जनवरी को होने वाले समारोह के लिए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उन्होंने परंपराओं का पालन न करने का हवाला देते हुए इसमें जाने से मना कर दिया था. शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने ये भी कहा था कि रामलला शास्त्रीय विधा से प्रतिष्ठित नहीं हो रहे हैं इसलिए राम मंदिर उद्घाटन में मेरा जाना उचित नहीं है.
इस कार्यक्रम में शंकराचार्यों के नहीं शामिल होने को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पर्टियों बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने 22 जनवरी के कार्यक्रम को बीजेपी और आरएसएस का समारोह बताकर जाने से मना कर दिया.
नोट- 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है. ऐसे में राम मंदिर को लेकर देश का मूड क्या है, इसे लेकर abp न्यूज़ के लिए C-VOTER ने सर्वे किया है. इस सर्वे में 1 हजार 573 लोगों की राय ली गई है. सर्वे 19-20 जनवरी को किया गया है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसद है.