ABP CVoter Survey: लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो चुके हैं और अब 4 जून को मतगणना का इंतजार है. इससे पहले एबीपी सीवोटर ने एक सर्वे किया है. इस सर्वे के मुताबिक यूपी-बिहार में बीजेपी के एक बड़े वोटबैंक को विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन एक इंच भी अपनी ओर नहीं ला सका है.


एबीपी सी वोटर सर्वे में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में 71 फीसदी ठाकुरों ने एनडीए, 22 ने इंडिया, 4 ने बसपा और 1.5 फीसदी ने अन्य को मतदान किया है.  वहीं, 74 फीसदी ब्राह्मणों ने एनडीए, 19 फीसदी इंडिया, 4 फीसदी बसपा और 1.7 फीसदी ने अन्य को वोट किया है. जबकि, बिहार में 64 फीसदी ठाकुरों ने एनडीए, 27 ने इंडिया और 9 फीसदी ने अन्य को मतदान किया है.  वहीं, 64 फीसदी ब्राह्मणों ने एनडीए,  31 फीसदी इंडिया और 6 फीसदी ने अन्य को वोट किया है. 


इंडिया अलायंस को मिला 68 प्रतिशत यादव वोट 


वहीं, सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, अगर हम बात यूपी में एनडीए की करें तो यादव वोट 18 प्रतिशत, जाट वोट 59 प्रतिशत, जाटव वोट 26 प्रतिशत, ठाकुर वोट 71 प्रतिशत, ब्राह्मण वोट 75 प्रतिशत और कुर्मी वोट 44 प्रतिशत मिला है. जबकि, इंडिया गठबंधन को यादव वोट 69 प्रतिशत, जाट वोट 29 प्रतिशत, जाटव वोट 19 प्रतिशत, ठाकुर वोट 23 प्रतिशत, ब्राह्मण वोट 20 प्रतिशत और कुर्मी वोट 41 प्रतिशत मिला है.


NDA को मिला 67 फीसदी सवर्ण वोट


ऐसे में अगर, सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो बीजेपी और एनडीए को 67 फीसदी वोट मिला है और इंडिया गठबंधन को 22 फीसदी मिला है. वहीं, यूपी का एसटी वोट 36 प्रतिशत एनडीए के साथ रहा तो इंडिया गठबंधन के साथ 38 प्रतिशत रहा. वहीं बसपा को 20 फीसदी एसटी वोट मिलने की बात कही गई है.


45 फीसदी OBC वोट रहा NDA के साथ


इसके साथ ही सर्वे में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में 45 फीसदी ओबीसी वोट एनडीए के साथ है. जबकि, इंडिया गठबंधन के साथ 41 फीसदी वोट रहा है. इसके साथ ही 10 प्रतिशत ओबीसी वोट बसपा के साथ भी जाने का दावा किया गया है. सूबे में इंडिया गठबंधन को 42 प्रतिशत महिलाओं का वोट मिलने का दावा किया गया है और इंडिया गठबंधन को 35 प्रतिशत महिलाओं का वोट मिलने की बात कही गई है.


OBC वोट बैंक पर BJP का कैसे बना दबदबा?


दरअसल, बीजेपी ने साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में ओबीसी वोटबैंक में सेंधमारी की थी. इसमें बीजेपी को काफी कामयाबी भी मिली. जिसमें कई इंडिया अलायंस के नेता बीजेपी के खेमें में आ गए. इस मकसद को पूरा करने में ओम प्रकाश राजभर, संजय निषाद, जयंत चौधरी और अनुप्रिया पटेल जैसे कई बड़े नेताओं को एनडीए में शामिल कराया गया. इन्हीं वोटरों पर एनडीए के लिए ओबीसी वोट बैंक बढ़ाने की जिम्मेदारी है.


बिहार में OBC वोटरों का कैसा रहा रुख


वहीं, यूपी की तरह बिहार में भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड चल रहा है. सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, अगर हम बात एनडीए की करें तो यादव वोट 32 प्रतिशत, मांझी वोट 55 प्रतिशत, पासवान वोट 50 प्रतिशत, ठाकुर वोट 64 प्रतिशत, ब्राह्मण वोट 64 प्रतिशत और भूमिहार वोट 44 प्रतिशत मिला है. जबकि, इंडिया गठबंधन को यादव वोट 63 प्रतिशत, मांझी वोट 35 प्रतिशत, पासवान वोट 39 प्रतिशत, ठाकुर वोट 27 प्रतिशत, ब्राह्मण वोट 31 प्रतिशत और भूमिहार वोट 38 प्रतिशत मिला है.


जातिगत जनगणना पर कांग्रेस आक्रामक


गौरतलब है कि, विपक्षी दलों के इंडिया अलायंस में कांग्रेस ने जातिगत जनगणना के मुद्दे को जोर शोर से उठाया है. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी को इस तरह की जनगणना से डर यह है कि इससे अगड़ी जातियों के उसके वोटर नाराज़ हो सकते हैं. इसके अलावा बीजेपी का परंपरागत हिंदू वोट बैंक भी इससे बिखर सकता है.


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