ABP CVoter Survey: अविश्वास प्रस्ताव से पहले YSR कांग्रेस और BJD ने किया सरकार का समर्थन, सर्वे में लोगों ने बताया फैसला सही या गलत
ABP News Survey: 'मणिपुर हिंसा' मुद्दे पर आक्रामक विपक्षी गठबंधन केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था, जिससे पहले 2 विपक्षी दलों ने सरकार को समर्थन दिया. इस पर सर्वे में लोगों ने राय दी है.
ABP CVoter Survey On No Confidence Motion: संसद के मानसून सत्र का आखिरी हफ्ता सोमवार (7 अगस्त) से शुरू होगा. 20 जुलाई को शुरू हुआ मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा. मौजूदा सत्र में दो मुद्दों पर काफी हंगामा देखा गया है. पहला मणिपुर हिंसा और दूसरा दिल्ली सेवा बिल.
मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर विपक्षी गठबंधन INDIA प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाता आ रहा है. गठबंधन की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि प्रधानमंत्री दोनों सदनों में मणिपुर के मुद्दे पर बयान दें. इसके लिए विपक्षी गठबंधन ने सदन के नियम 198 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाने के उपाय का इस्तेमाल किया.
26 जुलाई को विपक्षी गठबंधन लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया था, लेकिन इस पर चर्चा और वोटिंग होना बाकी है. इस प्रस्ताव को लेकर उन दो विपक्षी दलों की भी चर्चा है जिन्होंने अविश्वास प्रस्ताव से पहले केंद्र सरकार को अपना समर्थन दे दिया था. इनमें आंध प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी शामिल है.
अविश्वास प्रस्ताव से पहले केंद्र सरकार को समर्थन देकर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और बीजेडी ने सही किया या गलत, इस बारे में एबीपी न्यूज के लिए किए गए सी-वोटर के ऑल इंडिया सर्वे में लोगों ने अपनी राय रखी है, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
अविश्वास प्रस्ताव से पहले विपक्षी पार्टी YSR कांग्रेस और BJD ने सरकार का समर्थन किया है. सही किया या गलत? (स्रोत- सी वोटर)
सही किया 43%
गलत किया-34%
पता नहीं-23%
सबसे ज्यादा लोगों ने YSRCP और BJD के कदम को बताया सही
सर्वे में सबसे ज्यादा 43 फीसदी लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले केंद्र सरकार को समर्थन देने के वाईएसआरसीपी और बीजेडी के कदम को 'सही' बताया है. दूसरे नंबर पर 34 फीसदी लोगों ने दोनों पार्टियों के इस कदम को 'गलत' करार दिया. वहीं, 23 फीसदी लोगों ने रहा कि उन्हें इस बारे में 'पता नहीं' है.
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर मौजूदा सत्र के इस आखिरी हफ्ते में चर्चा और वोटिंग की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि लोकसभा के नियम के अनुसार नोटिस स्वीकार किए जाने के 10 दिनों के भीतर चर्चा का दिन रखा जाता है.
(नोट- abp न्यूज़ के लिए सी वोटर ने ऑल इंडिया सर्वे किया है. इस सर्वे में 2,367 लोगों की राय ली गई है. सर्वे गुरुवार और शुक्रवार (3-4 अगस्त) को किया गया है. इस सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.)
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