नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ के ई शिखर सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शिरकत की. उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय रखी. मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगर मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल देखें तो ये इंसाफ, इकबाल और ईमान का साल रहा है. इससे पहले भी ऐसे ही काम किया गया है. एक बात हमें समझनी चाहिए कि पीएम ने कभी नहीं कहा कि बिजली और घर केवल हिन्दुओं को देंगे मुस्लिमों नहीं देंगे. सभी वर्ग को फायदा मिला. 32 फीसदी गांव अल्पसंख्यकों का था जिसे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया गया. रोजगार के आधार पर देखें तो अल्पसंख्यक समुदाय को फायदा हुआ है. समाज के सभी वर्गों को तरक्की के अवसर मिल रहे हैं.


मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा,'' कुछ लोग विरोध करते रहते हैं. 2014 से आज तक हर दिन इनको हंगामा करना है और देश को बदनाम करना है. इसी बिग्रेड ने सबसे ज्यादा शोर मचाया था कि इस्लामिक देशों से रिश्ते अब मोदी सरकार में खराब होंगे. आज सबसे अच्छे रिश्ते मुस्लिम देशों के साथ भारत के हैं. आज साइबर ठगों ने देश को बहुत बदनाम किया है. ये लोग कभी लिंचिंग तो कभी अल्पसंख्यकों को मोहरा बनाकर अपना एजेंडा चलाते रहे. क्या किसी से मोदी सरकार ने छह साल में भेदभाव किया, किसी को नमाज पढ़ने या किसी भी तरह से धार्मिक काम से रोका गया क्या.''


उन्होंने आगे कहा,'' कुछ लोगों ने ठान लिया है कि इस कोरोना काल में भी मदद नहीं करेंगे लेकिन परेशानी खड़ा करेंगे.'' उन्होंने इस्लामोफोबिया को लेकर कहा,'' मोदी सरकार में इस्लामोफोबिया ये है कि एक मुस्लिम के अर्थी को हिन्दू कंधा देता है. मोदी सरकार में इस्लामोफोबिया ये है कि मुस्लिमों की हिस्सेदारी मोदी सरकार में सरकारी नौकरी में 4 फीसदी से 10 फीसदी हो गई है. इस्लामोपोबिया ये है कि आज वक्फ की सभी पॉपर्टी को जियो मैपिंग कर दिया गया है और 100 फीसदी मोदी सरकार फंडिंग कर रही है कि आप स्कूल बनाइए, मेडिकल कॉलेज बनाइए और हॉस्टल बनाइए.  इस्लामोफोबिया ये है कि एडमिनिस्ट्रेशन में आधे फीसदी भी अल्पसंख्यकों की भागीदारी पहले नहीं हुआ करती थी लेकिन आज आजादी के बाद सबसे ज्यादा इन तीन सालों में, पहले 115, फिर 124 और 138  अल्पसंख्यक लोग एडमिनिस्ट्रेशन में हैं. अब अगर कोई इस्लामोफोबिया की बात करते हैं तो करते रहें. मोदी जी ने कहा था जिन्होंने हमें वोट दिया वो भी हमारे और जिन्होंने नहीं दिया वो भी हमारे हैं.''


उन्होंने आगे कहा,'' ये जो बैसिंग बिग्रेड का भूत है वो झूठ पर चलता है. जब रमजान आया तो सभी ने तय किया की इस बार त्योहार घर पर होगी, लेकिन एक वीडियो चलता है कि देखो कोरोना के नाम पर मस्जिदों को विरान किया जा रहा है. कुछ में बहुत गलत बात कही गई. ये वीडियो ऐसा वायरल हुआ की मैंने इसका पता लगाया, फिर लोगों ने समझाया कि घर में इबादत करें.''