नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत वर्ष का ग्रामीण इलाका कोरोना वायरस से सिर्फ आंशिक रूप से ही प्रभावित है. जो लोग बाहर से आ रहे हैं, सिर्फ उन्हीं में कुछ जगहों पर पुष्टि हुई है. मुझे कहते हुए संतोष और गौरव है कि जब लॉकडाउन की स्थिति बनी तो चिंता की लकीरें बढ़ी तो किसानों ने अनेक विपदाओं के वाबदूद फसल कटाई का काम लगभग पूर्ण हो गया है. प्रधानमंत्री जी के लिए गांव, ग्रामीण और किसान प्राथमिकता रही है.''


उन्होंने कहा,'' लॉकडाउन-2 में भारत के ग्रामीण क्षेत्र में काफी काम शुरू हुआ है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में काफी मदद मिली है.''


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा मनरेगा को लेकर दिए गए सुझाव पर उन्होंने कहा,'' राहुल गांधी जब सरकार में थे तो उन्हें मनरेगा की परिभाषा भी नहीं मालूम थी. हम लोगों ने मनरेगा को प्राथमिकता दी. हमने उसे पारदर्शी बनाने की कोशिश की है. आज 99 प्रतिशत किसानों का भुगतान उनके खाते में हो रहा है. मनरेगा में जो बजट रहता था उसको केंद्र सरकार सप्लीमेंट्री से पूरा करती है. इस बार भी मनरेगा में हम लोगों ने 33 हजार करोड़ रुपये की स्विकृतियां राज्य को प्रदान कर दी है. 21 हजार करोड़ राज्य को भेजा जा चुका है और राज्य की सारी देनदारी चुकाई जा चुकी है. मनरेगा सही से काम कर रहा है.''


उन्होंने आगे कहा,'' जो मजदूर शहर से लौट कर आएंगे वह अपनी खेती का काम करेंगे. मनरेगा में भी उन्हें काम दिया जाएगा. जो हमारी बहनें हैं वह सेल्फ हेल्प ग्रुप के साथ काम कर सकती है. भारत सरकार पूरी प्रतिबद्ध है उन्हें काम मिले.''


नरेंद्र तोमर ने कहा,'' मनरेगा मूल रोजगार नहीं बल्कि वैकल्पिक रोजगार है. जो अतिरिक्त लोग आएंगे उनको काम मिलेगा. जॉबकार्ड अगर वह बनाते हैं. मनरेगा में पैसे चाहिए तो हम और देंगे.''


नरेंद्र तोमर ने आगे कहा,'' पीएम किसान सम्मान निधि के अतंरगत 71 हजार करोड़ रुपया किसानों को दिया गया है. मैं बताना चाहता हूं कि लॉकडाउन के दौरान हमने न खाने की कमी आने दी, न किसी चीज की.  पीएम किसान योजना के तहत 75 हजार करोड़ रुपया किसानों को दिया गया.''


उन्होंने अंत में कहा,'' मैं किसानों को धन्यवाद देता हूं कि किसान कोरोना से योद्धा बनकर लड़ा है, मुझे विश्वास है हिन्दुस्तान को यह ताकत आने वाले कल में बड़ा योगदान देगी. पैसे की पर्याप्त व्यवस्था है, जो लोग लौटे हैं वह जॉब मनरेगा के तहत मांग सकते हैं.''