नई दिल्ली: e-शिखर सम्मेलन में बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी शिरकत की. दोनों के बीच कई मुद्दों पर बहस हुई. इश दौरान नवाब मलिक ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कोरोना से निपटने में लापरवाही के आरोप लगाए. हालांकि सुधांशु त्रिवेदी ने इसे सरासर निराधार करार दिया.


बहस की शुरुआत में इस्लामोफोबिया को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,'' हमारी सरकार पर इस तरह के आरोप पहली बार नहीं लगे. जब कोरोना काल से पहले CAA के खिलाफ आंदोलन चल रहा था तब भी ये आरोप लगा था. 6 साल पहले जब हम सत्ता में आए तब भी यही माहौल था, इससे पहले 2002 और 1998 में भी ऐसा ही था. दुर्भाग्य की बात है कि इस कोरोना काल में भी जब वायरस किसी मजहब को देखकर नहीं हो रहा तब भी इस तरह का माहौल बनाने की कोशिश है.''


इस पर नवाब मलि ने कहा है,'' जब समय संकट का है तो सभी मतभेद से अलग होकर काम करना चाहिए. इस वक्त इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए.''


बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नवाब मलिक की बात बिल्कुल सही है. कोरोना काल को सांप्रदायिक बिल्कुल नहीं करना चाहिए. आज भी देश में 30 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जी रहे हैं. गांव में 60 फीसदी जनसंख्या आज रहती है और वहां समान्य स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं है. ये लड़ाई राज्य सरकार औऱ केंद्र को मिलकर लड़नी चाहिए लेकिन विपक्ष राजनीति कर रहा है.


 इसी बीच नवाब मलिक ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा,'' कोरोना का संकट बड़ा है और इसको लेकर हमने सही समय पर कदम नहीं उठाए हैं. जब WHO ने गाइडलाइन्स जारी कर दी तो हमने सही समय पर अमल नहीं किया. महाराष्ट्र में जब हमारे सामने पहला  कोरोना का मामला आया तो हम केंद्र सरकार से मांग कर रहे थे कि जो अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स आ रही है उनमें जो यात्री हैं उनको क्वॉरंटीन करने की अनुमति दें. हमसे कहा गया कि ऐसा कोई मामला नहीं है तो चिंता न किया जाए. इससे पहले की केंद्र कोई कदम उठाती हमने पहले ही 20 फरवरी से कर्फ्यू लगाने की शुरुआत कर दी थी. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले हैं लेकिन सबसे ज्यादा अतंरराष्ट्रीय फ्लाइट्स भी हमारे यहां उतरी थी. चूक केंद्र और राज्य दोनों से हुई है. पहले कदम उठाए गए होते तो आज जो मामले हैं वो भी नहीं होते.''


इस आरोप का जवाब देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 23 जनवरी को WHO ने ट्वीट किया कि ये मनुष्य से मनुष्य में फैलने वाली बीमारी नहीं है.फिर वह 30 जनवरी को कहती है कि ये एक खतरनाक बीमारी हो सकती है और 11 या 12 फरवरी को WHO इसे महामारी घोषित कर देता है. हमारी सरकार ने एक हफ्ते पहले ही सारी तैयारी शुरू कर दी थी जिसकी सबने प्रशंसा की. हमने लॉकडाउन लगाई और संवेदनशीलता रखी


सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव कराए जाने की मांग की जा रही है. मध्य प्रदेश में अलग मापदंड और महाराष्ट्र में अलग मापदंड कैसे संभव है. सुधांशु त्रिवेदी के आरोंपों पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट खड़ा हो?


इस पर नवाब मलिक ने कहा कि 17 फरवरी को WHO ने कहा कि कोई भी दुनिया में पब्लिक गैंदरिंग न हो लेकिन हमने 24 फरवरी को नमस्ते ट्रंप करवाया. हमसे गलती हुई और इसे स्विकारना चाहिए.''