नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ के ई शिखर सम्मेलन में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शिरकत की. उन्होंने मजदूरों के पलायन से लेकर उद्योग तक हर मुद्दे पर बात रखी. गडकरी ने कहा,'' मजदूर जो पैदल निकले हैं ये दुर्भाग्यपूर्ण है. कारण उनके मन का डर है. मुंबई के मजदूर डर से पटना और दूसरी जगह निकल गए. हम सबको एक सेल्फ कॉनफिडेंस बनाना चाहिए. हमारी पूरी इंडस्ट्री केवल माइग्रेंट लेबर के भरोसे नहीं है. 10 से 20 प्रतिशत लेबर बाहर से हैं. इनमें से सभी मजदूर चले नहीं गए हैं. हां कुछ गए हैं. NH, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट काम शुरू होने से मजदूरों में भरोसा फिर से जगा है. जो गए हैं उनको लाने की भी व्यवस्था की जा रही है. जब तक वैक्सीन नहीं मिलता तब तक गाइडलाइन पर चलना होगा.''


नितिन गडकरी ने आगे कहा,'' अभी एक वैज्ञानिक ने एक टिकली तैयार की है जैसे महिलाएं अपने माथे पर लगाती हैं. उसको अगर आप लगाएंगे तो बुखार आने पर लाल कलर का टिकली पीला हो जाएगा. अभी दुबई में सरकार ने कहा कि हर मजदूर उस टिकली को लगाए. आज मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या है. हम काम शुरू कर रहे हैं लेकिन अब हमें मास्क लगाना, दो मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और उद्योग में जाने से पहले हाथ धोना या सेनिटाइज करने पर ध्यान देते हुए आगे बढ़ना होगा. अब हमें कोरोना वायरस के साथ जीने की पद्दति विकसित करनी होगी.''


उन्होंने आगे कहा,'' अभी नागपुर में मैंने देखा कि लोग एक-एक मीटर की डिस्टेंसिंग के साथ दुकानों पर खड़े हैं. सब्जी बाजार में भी यही स्थिति है. ये ऐसी विचित्र स्थिति है कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो समस्या और ज्यादा हो जाएगी, वहीं ज्यादा दिनों तक सब बंद रखा तो रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की समस्या होगी. हमें बीच का रास्ता निकलाना होगा. जिस दिन वैक्सीन आ गया सब ठीक हो जाएगा. काफी देशों में प्रयोग सफल हुए हैं. एक या दो महीने में वैक्सीन आएगा मुझे विश्वास है.''


उन्होंने आगे कहा,'' सरकार ने एक बड़ा पैकेज दिया है. ये संकट बहुत कठिन है, लेकिन इसको जीतना असंभव नहीं है. धीरे-दीरे हम कारोबार को चालू करें तो एक-आध महीने में सब ठीक होगा. हमारा एक्सपोर्ट कैसे बढ़ेगा, चीन के खिलाफ जैसे पूरी दुनिया में माहौल है.''


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा,''मैं मानता हूं कि एक महीने में धीरे-धीरे उद्योग नियमित हो जाएंगे. उन्हें लोगों को निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. चीन को लेकर दुनिया भर में एक भावना पैदा हो रही है कि उसके साथ व्यवहार नहीं करना है. भारत ही अब ऑप्शन है. यहां मैनपावर है, स्किल है. बदलाव की शुरुआत होगी. मैं मानता हूं कि गंभीर समय है.''


उन्होंने आगे कहा,'' अगले दो महीने में 65 से 70 फीसदी प्रोडक्शन आएगी. तबतक वैक्सीन भी आ जाएगी. हमारे यहां पौरन इंवेस्टमेंट बी हो रहा है. एक महीना और सयंम रखना होगा. इस वक्त आर्थिक श्रेत्र में थोड़ा चैलेंज है. इसी की वजह से सरकार ने 20 लाख करोड़ का बजट दिया है. जब पूरा पैसा मार्केट में आएगा, लिक्विडिटी बढ़ेगी तो अच्छा होगा.''