नई दिल्ली: e-शिखर सम्मेलन में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. खासकर बिहार के छात्र और दिहाड़ी मजदूरों को राज्य में वापस लाने को लेकर उन्होंने अपनी बात रखी.


उन्होंने कहा,'' मैंने कभी नहीं कहा कि संशाधन नहीं है. कुछ लोग तोड़मरोड़ कर बात पेश करते हैं. मैंने ये कहा कि बसों से लाना संभव नहीं हा. न तो राज्य सरकारों के पास इतनी बसें हैं. मैंने कहा कि ट्रेनों से ही बुलाया जाना संभव हो सकेगा. दूरी इतनी है कि बस में बैठकर कोई कैसे आएगा.''


उन्होंने कहा,'' बसों से बनारस से आ सकता है लेकिन सूरत से नहीं. मैं धन्यवाद दूंगा पीएम मोदी को जिन्होंने रेल की इजाजत दी है. आज रात जयपुर से एक ट्रेन चल रही जो पटना छात्रों को लेकर पहुंचेगी.''


उन्होंने कहा,'' नीतीश जी ने भी कभी नहीं कहा कि हम अपने छात्रों और राज्य के मजदूरों को नहीं लाएंगे. मुझे खुशी है कि नीतीज कुमार के अपील पर ही MHA के गाइडलाइन्स में बदलाव किया गया. केवल बच्चे ही क्यों आएंगे श्रमिक भी आएंगे.''


उन्होंने कहा,'' हम केवल कोटा की नहीं बेंगलोर और हैदराबाद में भी फंसे अपने छात्रों और मजदूरों की चिंता करते हैं. हमने लोगों के खाते में 1000 रुपये भेजे हैं.''

उन्होंने कहा,'' हम बहुत गरीब राज्य हैं लेकिन जो अच्छे राज्य हैं, विकसित राज्य हैं वहां भी मामले बहुत है तो बिहार की तुलना किसी राज्य से नहीं करनी चाहिए. नया संक्रमण माइग्रेंट लेबर की वजह से बिहार में बढ़ रहा है.''


सुशील मोदी ने आगे कहा,'' पहला दौर संक्रमण का विदेशियों से था, दूसरा तब्लिगियों की वजह से था और तीसरा बिहार में प्रवासी मजदूरों की वजह से था. हालांकि किसी बीमारी का संबंघ किसी धर्म से नहीं है. अगर कोई ऐसा बोलता है तो मैं इसकी निंदा करता हूं.''