नई दिल्ली: एबीपी न्यूज़ के ई शिखर सम्मेलन में बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव भल्लव ने शिरकत किया. इस दौरान दोनों के बीच कई मुद्दों पर तिखी बहस हुई. इस दौरान बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा मोदी जी को दूसरी बार जनता ने विश्वात दिखाया यही कामयाबी है.


बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,'' यह एक चुनौतीपूर्ण समय है और 2014 में जनता ने बदलाव के लिए वोट दिया. उसी सरकार को फिर दोबारा जनादेश मिला. यह विश्वास का जनादेश था. पिछले एक साल में श्रमिको के लिए व्यवस्था, किसानों को फायदा, UAPA, तीन तलाक, राम मंदिर का मार्ग प्रसस्त जैसे फैसले और कामयाबी दर्शाते हैं कि मोदी जी ने हर चीज सफलता पूर्वक और क्षमतापूर्वक कर के दिखाया है.


उन्होंने कहा,'' कांग्रेस पार्टी इस समय समस्या से जूझ रहे हैं. अनेक महत्वपूर्ण राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है मगर वो फैसले नहीं ले पा रही है. महाराष्ट्र से पंजाब तक आप अच्छे काम कर हमें आईना दिखाइए लेकिन आपकी सत्ता जहां है वहां भी आप कुछ नहीं कर सकते हैं.''


गौरव भल्लव ने कहा,'' आज पिछले 6 साल में हमने क्या देखा. एक आदमी रात आट बजे आकर देश पर सबकुछ थोप देता है. नोटबंदी की और देश सड़कों पर आ गया. 21 दिन का लॉकडाउन रात में लगा दिया. भारतीय संस्कृतियों में ये निशाचरों वाला काम न करें. आप 12 बजे निर्णय लेते हो और जनता के 12 बजते हैं. आज 196 मजदूरों की दुर्घटनाओं में मौत हो गई. 9 मजदूर भूख से मर गए. मुझे समझ नहीं आता मोदी सरकार राज्यों को पैसा क्यों नहीं दे रही है. फिर मुझे समझ आया कि मोदी जी को पता था कि गुजरात में नकली और फर्जी वेंटिलेटर वाला काम हो जाएगा. हिमाचल में भाजपा के जिंदल साहब जिनकी कल विदाई हुई है, उन्होंने फर्जी मास्क बांटने का काम किया था. इस आपदा के दौरान बीजेपी कम से कम अपने नेताओं को बोले कि फर्जी वेंटिलेटर और मास्क न बांटे.''


सुधांशु त्रिवेदी ने इस पर जवाब देते हुए कहा,'' 23 जनवरी को WHO ने ट्वीट कर के कहा कि ये मनुष्य से मनुष्य के बीच फैसले वाली बीमारी नहीं है. इसकी वजह से who भारी रूप से घेरे में पड़ा. 30 जनवरी को उसने कहा कि ये बीमारी है और ये फैल सकती है. 12 फरवरी को उसने कहा कि ये महामारी है. यदि हम मान लें कि भारत सरकार और WHO के पास जो जानकारियां थी उससे बेहतर कांग्रेस के पास थी तो मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में राहुल गांधी कहां थे. वह इटली में ते, आप स्वयं तो विदेश की यात्रा कर रहे थे और कह रहे हैं कि बारत सरकार को सब बंद कर देना चाहिए था. तो क्या ये आपके आचरन और वक्तव्य में अतंर नहीं है.''


उन्होंने आगे कहा,'' दूसरा विषय कि लॉकडाउन क्यों तत्काल किया गया. देखिए जब महामारी भारत में आई तब देश में एक लैब थी आज सैंकड़ों हैं. अगर उस समय विस्पोट हो जाता तो आज हम 15-20 लाख के उपर होते कोरोना के मामले में. इसलिए सही समय पर लॉकडाउन का निर्णय लिया गया. इस दौरान हमने पीपीई किट्स से लकर मास्क और दूसरी तैयारी की.''


गौरव भल्लव ने कहा,'' मैं उन मजदूरों को क्या बोलूं कि WHO ने बोला था पीएम मोदी को. आपको बोलना चाहिए कि हमसे गलती हुई, हम माफी मांगते हैं कि हमने कुप्रबंधन किया. मजदूरों का घाव भरने का काम करना चाहिए था आप यहां WHO का ज्ञान दे रहे हैं. दूसरी बात 14 मार्च का हेल्थ मिनिस्टरी का स्टेटमेंट है कि कोरोना नाम की कोई महामारी नहीं है. क्या हेल्थ मिनिस्टर उस समय लूडो खेल रहे थे. आज ये नहीं समझ रहे हैं कि अप्रैल माह में 1 करोड़ 21 लाख लोगों ने नौकरी खो दी.''


मजदूरों को लेकर किसने क्या कहा

सुधांशु त्रिवेदी ने मजदूरों को लेकर कहा,'' मजदूरों का दर्द दुखदायक है. मैं एक बात कहुंगा, सबसे पहले कहां के मजदूरों की भीड़ दिखाई दी थी, दिल्ली में अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी सूत्रों ने कह दिया था कि चले जाओ यूपी बॉर्डर पर वहां बस मिल जाएगी. उसके बाद लोकमान्य तिलक टर्मिनल के ऊपर भीड़ दिखी. इसमें हमारी दोष कहां है. सबसे ज्यादा श्रमिक चार राज्यों में आते हैं, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब.इन में से तीन में हमारी सरकार नहीं हैं. महाराष्ट्र से छत्तीगड़ जाने में क्या समस्या थी. झारखंड जाने में क्या समस्या थी. दोनों जगह कांग्रेस है. काम करना हो तो अलग बात है लेकिन हंगामा सिर्फ करना हो तो अलग बात है.''


गौरव भल्लव ने कहा,'' 25 मार्च को कैन सा एडवाइजर था जिसकी सलाह पर प्रधानमंत्री जी ने 21 दिन का लॉकडाउन लगा दिया. ताली-थाली बजाने के लिए तीन दिन का नोटिस दिया इन मजदूरों को भी बोल देते कि तीन दिन या चार दिन बाद 21 दिन का लॉकडाउन लगेगा. कम से कम आज 47 डिग्री में पैरों में छाले लेकर तो नहीं धूमते ये मजदूर.'' उन्होंने कहा,'' मोदी जी एक पैकेज लेकर आए और हमें कहा आप बनो आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर के नाम पर कर्जनिर्भर बना दिया. और बैंक हो गए परमात्मा निर्भर..उस 20 लाख करोड़ में  मजदूरों को क्या दिया.''


सुधांशु त्रिवेदी ने कहा,'' जहां सबसे ज्यादा मजदूर व्यथित हैं वहां के लिए राहुल गांधी कहते हैं कि हम सरकार चला नहीं रहे. समर्थन दे रहे हैं. दर्जन भर मंत्री सरकार में है. वो शर्म की बात है या नहीं इसका निर्णय आप करें. बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस से सवाल किया जाता है तो कहते हैं कि वहां काम में हमारी भागीदारी नहीं है. बच क्यों रहे हैं?