नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संकट के बीच मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा करने जा रही है. इस मौके पर एबीपी न्यूज़ ने आज शिखर सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया है. एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन 4 को लेकर पूछे गए कई अहम सवालों के जवाब दिए. कोरोना के इलाज में कारगर दवाई को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अभी इसकी कोई दवा तो है नहीं, बस लॉकाडाउन और दुआ ही ऐसे मौके पर काम आती है.


हमने बहुत इमानदारी से देश को चलाया है- रविशंकर


रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''कोरोना जैसी विभीषिका सैकड़ों साल में आती है. जान के साथ अब जीवन में भी आगे बढ़ाना है. यह चुनौती भरा समय है. नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत में बदलाव के निर्णायक काम किए हैं. चाहे वह भारत की सुरक्षा हो, स्वच्छ भारत हो या उज्जवला योजना, हमने बहुत इमानदारी से देश को चलाया है.'' उन्होंने कहा, ''डिजिटल इंडिया आम भारतीय को मजबूत कर रहा है. हमने 53 हजार करोड़ रुपया सीधे गरीबों के अकाउंट में भेजा है.''


लॉकडाउन में छूट दी होती तो मौत का आंकड़ा लाखों में होता- रविशंकर


रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, ''लॉकडाउन में अगर हमने ज्यादा छूट दी होती तो मौत का आंकड़ा लाखों में होता. अमेरिका में सब लोग स्थिति देख ही रहे हैं. पीएम मोदी ने लोगों में इस महामारी के दौर में उत्साह को बढ़ाया है.'' मजदूरों की खराब हालत को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी तस्वीरों को देखकर पीड़ा हो रही है. लेकिन बिना प्लानिंग के लॉकडाउन नहीं हुआ है. हमारे प्रयोग और भी देश अपना रहे हैं.



केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''राहुल गांधी लगातार पूछते हैं कि लॉकडाउन से क्या फायदा हुआ है. लेकिन यही सवाल वो अपने मुख्यमंत्रियों से क्यों नहीं पूछते हैं. हम सकारात्मक विपक्ष की बात करते हैं. आपको कमियों की आलोचना करने का अधिकार है.''


ट्रंप और ट्विटर से जुड़े विवाद  रविशंकर ने नहीं की टिप्पणी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ट्विटर से जुड़े विवाद पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने टिप्पणी करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, ''फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और टिक टॉक को भारत में जगह मिली है तो उसका सदुपयोग करें. भारत को तोड़ने की बात बर्दाश्त नहीं की जाएगी.''