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Exclusive: शुभेंदु अधिकारी बोले- पश्चिम बंगाल से टीएमसी को उखाड़ फेंकना ही लक्ष्य
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है. ममता बनर्जी केवल चेहरा हैं, सरकार उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी चलाते हैं. उन्होंने कहा कि टीएमसी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील हो गई है.
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कोलकाता: हाल ही में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत की. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से टीएमसी को उखा़ड़ फेंकना ही उनका लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि बंगाल में बड़ी संख्या में लोग बीजेपी की ओर आ रहे हैं. बंगाल से टीएमसी जाने वाली है.
टीएमसी पॉलिटिकल पार्टी नहीं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "टीएमसी पॉलिटिकल पार्टी नहीं है. कानूनी तरीके से मेरा बात सही नहीं है. पार्टी रजिस्टर्ड है लेकिन पार्टी का जो कल्चर है वह प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कन्वर्ट हो गई है. जिसका भी सेल्फ रिस्पेक्ट है, उसका पार्टी में रहना मुश्किल है. टीएमसी में इंटरनल डेमोक्रेसी नहीं है. ममता केवल चेहरा हैं. सरकार उनके भतीजे चलाते हैं."
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि टीएमसी में ममता बनर्जी के बाद अभिषेक बनर्जी हैं. उन्होंने दावा किया कि अभिषेक बनर्जी की वजह से ही मुकुल रॉय या दूसरे लोगों ने पार्टी छोड़ी. उन्होंने कहा कि अभिषेक बनर्जी पॉलिटिकल व्यक्ति नहीं है बल्कि वे डिक्टेटर (तानाशाह) हैं. उनका एक ही काम है पैसा कमाना. तश्करी से लेकर हर तरह की वसूली कौन करता है, ये सब जानते हैं.
प्रशांत किशोर का किया जिक्र
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि प्रशांत किशोर के सभी लोग टीएमसी के पे-रोल पर हैं. पार्टी में सबकुछ पीके तय करते हैं. पीछे से पूरा कब्जा अभिषेक बनर्जी ने कर रखा है. पीके से मिलकर पार्टी को कॉर्पोरेट हाउस में तब्दील कर दिया है. 18-20 साल के लड़के पार्टी के नेताओं को डिक्टेट करते हैं. क्या करना है क्या नहीं करना, वो बताते हैं. जिन लोगों ने 40 साल से राजनीति की उसे समझाया जाता है कि क्या करना है.
क्या बंगाल में बीजेपी का चेहरा होंगे?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है. पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे निभाना है. केवल दस दिनों में बहुत सम्मान मिला है. अपने भाई और पिता के बोजेपी में आने के सवाल पर कहा, "मैं परिवार को रिप्रेजेंटे नहीं करता. वो उनको तय करना है. लेकिन जो भी पॉलिटिकल लोग हैं, उनका टीएमसी में रहना मुश्किल है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "बंगाल में बहुत सी योजनाएं लागू नहीं है. जबकि देश के हर राज्य में योजनाएं चल रही है. पश्चिम बंगाल सरकार केवल कट मनी के लिए चाहती है कि केंद्र का पैसा राज्य को मिले."
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बीजेपी में आने की कोई डील नहीं की है. उन्होंने कहा, "अमित जी (अमित शाह) से बहुत पुराने व्यक्तिगत संबंध हैं. जब मैं टीएमसी में था तो शुभेंदु बढ़िया नेता है लेकिन जब मैं बीजेपी आ गया तो करप्ट हो गया."
सीएम ममता पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ''लोकसभा चुनाव में भी वो कह रही थीं कि सभी सीटें जीतेंगी लेकिन क्या हुआ, 18 सीटें बीजेपी ने जीती. मैं जिन पांच सीटों का इचार्ज रहा वहां मेरे दम पांचों सीटे जीती. यदि मैं लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में आ जाता तो टीएमसी की पांच सीटें और कम हो जातीं. मेरा व्यक्तिगत मानना है कि इलेक्शन कमीशन को बंगाल में तुरंत मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू करके एक फेयर माहौल तैयार करना चाहिए. ये मेरी मांग नहीं है, मेरा मानना है." साथ ही बंगाल में चुनाव जीतने के बीजेपी के दावे पर उन्होंने कहा, "अमित दादा के पास सब जानकारी है."
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