नई दिल्लीः कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक रहे नवजोत सिंह सिद्धू अब उनके विरोधियों में से एक हैं. पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने नोटबंदी के 2 साल पूरे होने पर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. एबीपी न्यूज से खास बातचीत में उन्होंने पंजाब की राजनीति पर भी बात की.


गलत नीतियों के विरोध में छोड़ी बीजेपी
सिद्धू ने कहा कि उनपर राहुल गांधी का असर नहीं हुआ है बल्कि वो हमेशा से सत्य के मार्ग पर चलने वालों में से रहे हैं. जब उन्हें लगा कि प्रधानमंत्री की नीतियां गलत हैं तो उन्होंने बीजेपी को छोड़ दिया. अमृतसर में 50 हजार लोगों के बीच में पीएम के खिलाफ जुलूस निकाला और जब उन्होंने बीजेपी छोड़ी थी तभी उन्होंने कहा था कि बीजेपी ने ठगों, डाकुओं और चोरों को चुना है और नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब को चुना है. मोदी लहर के बावजूद अमृतसर में अरुण जेटली 1.5 लाख वोटों से हार गए और मेरा जनाधार इतना मजबूत था कि मैं तीन बार जीता हूं. पहले वो (जेटली) इसलिए जीतते थे क्योंकि सिद्धू उनके साथ था और बाद में इसलिए हारे क्योंकि एक तस्कर उनका इलेक्शन लड़ रहा था.


अकाली दल के लोग सेल्फ गोल करते हैं
पंजाब की राजनीति के बारे में बात करते हुए सिद्धू ने कहा कि अकाली दल के लोग सेल्फ गोल करते हैं और उन्हें खत्म करने के लिए किसी और की जरूरत नहीं है. वे लोग अपने लोगों को गालियां देते हैं और इन्होंने पंजाब की बेहतरी के लिए कुछ नहीं किया. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वो सच बोलने से कभी घबराते नहीं हैं और अकाली दल के साथ एक मंच पर चढ़ने से उन्होंने इंकार कर दिया था. बादलों के साथ एक मंच पर चढ़ने से इंकार करने के बाद भी मैं अमृतसर इसलिए रहा क्योंकि लोगों का मुझ पर विश्वास है और आज भी लोग वहां पर मुझे चाहते हैं.


मोदी लहर कहर बन गई है
2014 में जो मोदी लहर आई थी वो कहर बन गई क्योंकि नोटबंदी जैसे फैसले ने लोगों को बर्बाद कर दिया. भारत की इनफॉर्मल इकोनॉमी 93 फीसदी है और 80 फीसदी व्यापार कैश पर चलता है. नोटबंदी ने कारोबार, व्यापार बर्बाद कर दिया. पीएम ने कहा था कि 5-6 लाख करोड़ रुपये की ब्लैकमनी पकड़ी जाएगी लेकिन 99.3 फीसदी रकम बैंकों में वापस आ गए तो कालाधन कहां गया. देश की आम जनता को नोटबंदी से परेशानी हुई लेकिन 90 लाख करोड़ रुपये विदेश के बैंकों में पड़े हैं और उस पर कोई कुछ नहीं कहा. नीरव मोदी जैसे लोग देश का पैसा लेकर भाग गए और उस पर पीएम नहीं बोलते. नोटबंदी के बाद चाय बेचने वाले, सामान्य गृहिणियां, मजदूर वर्ग को भारी नुकसान हुआ. टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी क्योंकि जीएसटी के तहत कई लाख लोग टैक्स देने के दायरे में आ गए और इसको नोटबंदी के फायदे के रूप में नहीं देखा जा सकता है.


कांग्रेस हारी हुई है, मरी नहीं है
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि जब राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे तब ही तो पता चलेगा कि लोगों को फायदा मिलता है या नहीं. जब मैंने पीएम का समर्थन किया था तब मुझे पता नहीं था कि नरेंद्र मोदी इस तरह के निकलेंगे. इस समय प्रधानमंत्री को जवाब देने होंगे क्योंकि उनकी जिम्मेदारी है. कांग्रेस हारी हुई है, मरी नहीं है, पार्टी 70 साल पुरानी है और ये बर्फ की डली नहीं है जो पिघल जाएगी. 10 साल कांग्रेस रही है और 5 साल फिलहाल बीजेपी के हुए हैं लेकिन आगे आने वाले समय में जनता बीजेपी को कितना प्यार देती है ये पता चल ही जाएगा.