Press Conference: ABP न्यूज के खास कार्यक्रम 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' में पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आए. आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीखे सवालों का सामना किया. कार्यक्रम की शुरुआत उनसे ये पूछा गया कि,आप विपक्ष के उम्मीदवार हैं गणित ये दिखा रहा है कि नंबर आपके पास नहीं है इस मंच से अगर आपको देश के विधायकों को और सांसदों को और जनता को ये बताना पड़े कि दो वजहें ऐसी दें जिससे आप बेहतर राष्ट्रपति साबित हो सकते हैं वो दो कारण क्या हो सकते हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा, भारत के राष्ट्रपति का संविधान में जो स्थान है, वो महत्वपूर्ण है. उसका सबसे पहला कर्तव्य है कि वो संविधान की रक्षा करे. उन्होंने कहा संविधान लिखने वालों ने एक बड़ी गलती की थी. इसके मुताबिक कार्यपालिया यानि कि प्रधानमंत्री और उनका कैबिनेट कोई ऐसा काम नहीं करे जो संविधान सम्मत ना हो. संसद में अगर उनकी मेजॉरिटी है और उनकी सरकार बनी है तो पार्लियामेंट में वो कोई भी प्रस्ताव पारित करवा लेंगे. जो भी नया कानून लाना होगा लेकिन जब ये प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास जाएगा तो राष्ट्रपति का अधिकार बनता है कि वो उस पर सवाल उठाए.
उन्होंने आगे कहा,'' कोई रबर स्टैंप राष्ट्रपति बन जाता है जैसा कि हमने अक्सर देखा है. देश में जो भी प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट की तरफ से प्रस्ताव आएगा उस पर वो अपनी मुहर लगा देंगे, सवाल नहीं पूछेंगे. तो ये जो सेक्शन बैलेंस की व्यवस्था है संविधान में खासकर राष्ट्रपति पद के लिए वो खत्म हो जाता है. अगर एक ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति भवन जाता है जो सरकार के कहने पर ही चलता है अपना माइंड एक्सरसाइज नहीं करता है.
... तो रबरस्टैंप राष्ट्रपति नहीं होंगे यशवंत जी? फिर आपके एनडीए के तमाम साथी जो बीजेपी में भी हैं वो आपको वोट क्यों करेंगे? वो तो चाहेंगे कि राष्ट्रपति ऐसा हो जो हमारी बातों को मंजूर कर ले?
देखिए मैं आपको एक बात बताऊं कि बीजेपी में जो साथी हैं या बीजेपी के जो साथी हैं उनकी मनोस्थिति के बारे में जितना कम कहा जाए उतना ही काफी होगा. मैं व्यक्तिगत रूप से इस बात को जानता हूं. लोगों में बहुत ही नाराजगी है. इसीलिए हम लोग जो गणित देख रहे हैं वो गणित हम पार्टियों के आधार पर देख रहे हैं. उनके बयानों के आधार पर देख रहे हैं. मुझे ऐसा लगता है कि बहुत सारी अदृश्य शक्तियां हैं जो काम कर रही हैं. मुझे भरोसा है उन अदृश्य शक्तियों पर जो मेरे पास आ जाएंगी.
आप अदृश्य शक्तियों की बात कर रहे हैं और मुझे ताजा घटनाक्रम याद आ रहा है. क्या महाराष्ट्र में जो राजनीतिक घटनाक्रम चल रहा है जिस तरीके से सरकार बैठी हुई है? उसके विधायक गायब हो जा रहे हैं वो एक नया फॉर्मेशन बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं. करीब 7500 वोटों का एक आंकड़ा 175 का एक वोट होता है. महाराष्ट्र के एमएलए का क्या ऐसा लगता है. ये सब भी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हो रहा है. सत्ता पक्ष की ओर से किया जा रहा है?
ऐसा किया जा रहा होगा इसलिए किया जा रहा होगा क्योंकि महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष के पास कम वोट थे और अघाड़ी के पास ज्यादा वोट थे. अगर वो उनको तोड़ देते हैं तो फिर उनका वोट बढ़ जाएगा राष्ट्रपति चुनाव के लिए और महाराष्ट्र की सत्ता के लिए भी. भारतीय जनता पार्टी का ये पुराना खेल है, कि वो जनादेश की अवहेलना करते हुए विधायकों की खरीद-फरोख्त करती है. जनादेश के अनुसार बनी सरकारों को गिराती है. अपनी सरकार बनाती है और मैं जानता हूं आप भी जानते हैं.. देश में ऐसे कितने उदाहरण हैं. मैं पूछना चाहूंगा कि क्या ये वही भारतीय जनता पार्टी है जिसके प्रधानमंत्री साल 1999 में एक वोट से लोकसभा में सरकार नहीं बना पाए थे. आपको याद है वाजपेयी जी ने क्या कहा था, मंडी सजी हुई थी मंडी में माल भी था माल बिकाऊ भी था लेकिन हमने खरीदना उचित नहीं समझा. आज क्या वो परिस्थिति भारत में हम दोबारा देख सकते हैं?
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