ABP Exit Poll: एग्जिट पोल के नतीजों के क्या मायने हैं? क्या नीतीश अब दोबारा सीएम नहीं बन पाएंगे?
तमाम न्यूज़ चैनलों के एग्जिट पोल से साफ है कि नीतीश कुमार के लिए दोबारा सीएम बनने की राह खासी मुश्किल होती दिख रही है. क्या नीतीश फिर बिहार की सत्ता पर काबिज हो पाएंगे या नहीं, ये अब सबसे बड़ा सवाल बन गया है.
ABP Exit Poll: सभी चैनलों के एग्जिट पोल के साथ ही एक सवाल हरेक के जेहन में गूंजने लगा कि क्या अब नीतीश कुमार सीएम की कुर्सी पर फिर से विराजमान नहीं हो पाएंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि एग्जिट पोल में न सिर्फ जेडीयू की सीटें कम हो रही हैं बल्कि उसे बीजेपी से भी कम सीटें मिलती दिख रही हैं. हालांकि, कई चैनलों के एग्जिट पोल में किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है, लेकिन जो आंकड़े आए हैं उनमें सीटों के हिसाब से जहां आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है वहीं बीजेपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है. जेडीयू तीसरी बड़ी पार्टी बन सकती है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का साफ कहना है कि जो स्थिति बन रही है उसमें नीतीश का सीएम बनना खासा मुश्किल है.
दरअसल एग्जिट पोल में नीतीश कुमार की फिर से बिहार की सत्ता में लौटने की उम्मीद के पूरा होने की संभावना कम होती नजर आ रही है और चुनावी सभाओं में लगाई तेजस्वी यादव की हुंकार जनता को पसंद आती दिख रही है. लगभग सभी चैनलों के एग्जिट पोल में महागठबंधन को ही बिहार की सत्ता पर काबिज होने का अनुमान दिया गया है. एबीपी न्यूज के एग्जिट पोल में भी जहां एनडीए को 128 सीटें तो महागठबंधन को 131 सीटें मिलती दिख रही हैं.
नीतीश कुमार का 'आखिरी चुनाव' का दांव नहीं चला नीतीश कुमार ने कहा था कि ये चुनाव उनका आखिरी चुनाव होगा और इस इमोशनल कार्ड के जरिए वो लोगों का ज्यादा से ज्यादा समर्थन हासिल करना चाहते थे, लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़ों से ये साफ है कि उनका ये दांव चल नहीं पाया है.
तेजस्वी के वादों पर जनता भरोसा करती दिखी तमाम न्यूज चैनलों ने जो एग्जिट पोल कराया है उसमें तस्वीर साफ होती दिख रही है कि इस बार बिहार चुनाव में वोटर्स ने बदलाव की बयार लाने का मन बना लिया है. तेजस्वी के 10 लाख नौकरियों के वादे पर जनता भरोसा करती दिख रही है, ऐसा कहा जा सकता है. ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि बिहार के चुनाव में 7.30 करोड़ वोटर्स में से इस बार करीब 78 लाख युवा वोटर्स हैं जो पहली बार अपने वोटिंग के अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं.
एनडीए ने झोंकी ताकत पर जनता का मूड है अलग बिहार के चुनावी समर में मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने दोबारा सत्ता पाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है और इसमें नीतीश कुमार की जेडीयू ने 115 सीटों पर बीजेपी ने 110, विकासशील इन्सान पार्टी ने 11 और जीतनराम मांझी की हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हालांकि एग्जिट पोल के आंकड़ों से साफ है कि जहां जेडीयू का अपना वोट घटा है वहीं बीजेपी को भी कुछ सीटों पर नुकसान होता दिख रहा है.
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