ABP Ideas of India: फरीद जकारिया ने किया रूस और यूक्रेन की जंग का जिक्र, कहा- सुरक्षा ऑक्सीजन की तरह
फरीद जकारिया ने कहा कि जो लोग भी भारत से हैं, वो भारतीय लोकतंत्र को फलते-फूलते देखते हुए खुश होते हैं. हम भारत में मीडिया को मिले सम्मान को देखते हैं.
इंडियन-अमेरिकन पत्रकार, पॉलिटिकल कमेन्टेटर और लेखक फरीद जकारिया ने भी एबीपी आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2022 में हिस्सा लिया. फरीद जकारिया ने कहा कि मेरे लिए ये सम्मान की बता है, क्योंकि मुंबई मेरा होमटाउन है. मेरे लिए ये बिल्कुल अपने घर आने जैसा है. फरीद जकारिया ने कहा कि मेरा बॉम्बे बदल गया है. उन्होंने कहा कि भारत के लिए ये जरूरी है कि उसके पास एक बाइब्रेंड मीडिया की जरूरत है. अमेरिका में भी पिछले वक्त पहले इस तरह के मामले देखने को मिले, जहां मीडिया ने अपना अहम रोल अदा किया. लोकतंत्र के लिए मीडिया की जरूरत को दरकिनार नहीं किया जा सकता है.
फरीद जकारिया ने कहा कि जो लोग भी भारत से हैं, वो भारतीय लोकतंत्र को फलते-फूलते देखते हुए खुश होते हैं. हम भारत में मीडिया को मिले सम्मान को देखते हैं. हमारा देश विकसित देश है, जिसके पास सिर्फ बाइब्रेंट डेमोक्रेसी ही नहीं बल्कि बाइब्रेंड कल्चर भी है. इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन की जंग कई मायनों में 9/11 से ज्यादा भी महत्वपूर्ण हैं. इसकी वजह है कि इससे दुनिया का एक नजरिया बदल सकता है उसके ग्लोबल ऑर्डर में बदलाव हो सका है. वहीं 9/11 एक देश पर महज आतंकी हमला था.
फरीद जकारिया ने कहा कि अगर आप ओपन इकोनॉमी की बात करते हैं तो ये सिर्फ भारत की बात नहीं, बल्कि कई देशों की इसमें बात होती है. ग्लोबलाइजेशन सबको एक ही प्लेटफॉर्म पर लेकर आता है. वहीं इनफॉर्मेशन रिवॉल्यूशन ने लोगों को इसकी हकीकत को समझने में मदद की. उन्होंने कहा कि बड़ी शक्तियों के बीच शांति बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा ऑक्सीजन की तरह है. ये अगर होती है तो इसको महसूस नहीं किया जाता है, लेकिन जब ये नहीं होती है तो इसका असल अहसास होता है. उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन की जंग दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है. इससे वर्ल्ड इकोनॉमी पर बेहद खराब असर होगा. इससे सप्लाई चेन पर असर पड़ेगा. इससे सभी जगह के बाजार पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में भारत के पास खुद को साबित करना एक चुनौती है. इसके साथ की मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की भी जरूरत है.
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