(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बांद्रा मामला: ABP Majha के संवाददाता राहुल कुलकर्णी को जमानत मिली
एबीपी माझा के संवाददाता राहुल कुलकर्णी को मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी. राहुल कुलकर्णी को मुंबई के बांद्रा में जुटी भीड़ के मामले में गिरफ्तार किया गया था.
मुंबई: मुंबई के बांद्रा में इकट्ठा हुई भीड़ के मामले में गिरफ्तार किए गए ABP माझा के संवाददाता राहुल कुलकर्णी को जमानत मिल गई है. पत्रकार की गिरफ्तारी की चौतरफा आलोचना हो रही थी.
राहुल कुलकर्णी के वकील ने बताया कि पुलिस ने रिमांड एप्लीकेशन फाइल किया और कस्टडी की मांग की. पुलिस ने आरोप लगाया कि जो रिपोर्ट राहुल कुलकर्णी की टीवी पर चली उसका कनेक्शन बांद्रा की भीड़ से था. हमने कोर्ट को बताया ऐसा कोई कनेक्शन दिखाई नहीं देता है. अरेस्ट करने की कोई जरूरत नहीं थी और यह गैरकानूनी था. कानूनी आधार को देखकर कोर्ट ने फैसला लिया.
राहुल कुलकर्णी को जमानत मिलने पर एबीपी न्यूज नेटवर्क (ANN) के सीईओ अविनाश पांडे ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''मैं हर उस पत्रकार का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने जिम्मेदार पत्रकारिता के प्रति अपना समर्थन दिया. आज, पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर घर से बाहर जा रहे हैं और रिपोर्ट कर रहे हैं, जो अविश्वसनीय है. एबीपी माझा के रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी को अदालत ने जमानत दे दी है, उन्हें झूठा आरोप लगाकर गिरफ्तार किया गया था, उनपर आरोप था कि उन्होंने चैनल के माध्यम से फर्जी खबरें फैलाईं. हम पूरी ईमानदारी और धैर्य के साथ अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के किसी भी दुर्भावनापूर्ण प्रयास का सामना करेंगे. यह बिल्कुल अपमानजनक था कि हमारी खबर फेक न्यूज़ पर आधारित थी.''
उन्होंने आगे कहा, ''हमें भारत की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम फेक न्यूज़-गलत सूचनाओं के खतरे से लड़ने के लिए अपनी क्षमता से सब कुछ करेंगे. एबीपी माझा एक सम्मानजनक और जिम्मेदार समाचार चैनल है. प्रसारण से पहले अपने स्रोतों की जानकारी और विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं.'' अविनाश पांडे ने कहा कि पूरे मामले में निष्पक्ष जांच के लिए अपना पूरा समर्थन सुनिश्चित करेंगे, ताकि असली अपराधियों को सजा मिल सके.
एनबीए ने की निंदा ABP Majha के संवाददाता राहुल कुलकर्णी की गिरफ्तारी की न्यूज़ ब्रोडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) ने भी निंदा की है. एनबीए ने गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन बताते हुए कहा गया है कि ये फ्री प्रेस पर एक हमला है. इस संबंध में एनबीए के अध्यक्ष और पत्रकार रजत शर्मा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राहुल की एफआईआर और गिरफ्तारी को अकारण करार दिया है और इसे हैरान करने वाला और दर्द भरा बताया है.
ABP माझा ने पत्रकार की गिरफ्तारी को छवि खराब करने वाला कदम बताया था. एबीपी माझा ने पूरी घटना को लेकर एक बयान भी जारी किया. बयान में कहा गया-
''मुंबई के बांद्रा वेस्ट स्टेशन में जुटी भीड़ और ABP माझा पर चली एक खबर के आपसी संबंध को बताने वाली कई रिपोर्ट्स आ रही हैं. ये रिपोर्ट्स पूरी तरह से गलत हैं और इन्हें ABP माझा की छवि खराब करने के लिए फैलाया जा रहा है.
चैनल की खबर को जनहित में प्रसारित किया गया था, जिसका आधार वैध दस्तावेज और जानकारी थी. सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री के लॉकडाउन बढ़ाने के संबंध में दिए गए दिये गए संबोधन और रेल मंत्रालय की तरफ से कई ट्रेन को रद्द करने और 3 मई 2020 तक के किराए के रिफंड की घोषणा के बाद दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक हमने कई खबरें चलाई.
ABP माझा पर हमने साफ कहा कि कोई भी ट्रेन नहीं चलेगी. इसलिए करीब दोपहर 3:45 पर बांद्रा वेस्ट स्टेशन पर जुटी भीड़ और चैनल की खबर को आपस में जोड़े जाने की कोई वजह नहीं बनती.
ABP माझा की इस खबर और उसके अपडेट्स को आपराधिक कृत्य कहना अपमानजक है. हम इस बात से स्तब्ध और निराश हैं कि हमारे संवाददाता राहुल कुलकर्णी को इस खबर के संबंध में गिरफ्तार किया गया. हम कानून के तहत जरूरी और त्वरित कदम उठाएंगे. हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम जिम्मेदार पत्रकारिता के रास्ते से भटके नहीं हैं.
पत्रकारिता और मीडिया जरूरी सेवाएं हैं. रेल मंत्रालय के 13.4.2020 के उस पत्र से इनकार नहीं किया जा सकता जिसमें प्रवासी मजदूरों को उनके गृहजिलों में वापस भेजने के लिए ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है. हम एक जिम्मेदार और सम्मानित चैनल हैं, हम समाज के एक बड़े वर्ग को जानकारी और खबर देकर एक आवश्यक सेवा प्रदान कर रहे हैं.
हम कोई भी खबर या जानकारी किसी विश्वसनीय सूत्र से लेने से पहले और उसे प्रसारित करने से पहले उसकी सत्यता की हर संभव जांच करते हैं. प्रधानमंत्री के भाषण से पहले सुबह में चलाई गई खबर के बावजूद, रेल मंत्रालय की इस घोषणा के बाद कि 3 मई 2020 तक कोई ट्रेन नहीं चलेगी, हमने फौरन अपने चैनल पर एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते ये खबर चलानी शुरू कर दी. हम ये कहना चाहते हैं कि पत्रकारों को गिरफ्तार करने से पहले हर तथ्य और परिस्थिति की जांच पड़ताल होनी चाहिए.''