नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद है. पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने कुलभूषण को फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्तान का बस चलता तो कब का कुलभूषण जाधव को फांसी पर चढ़ा चुका होता लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी अदालत यानी अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट से फांसी पर रोक लगी हुई है.


कुलभूषण जाधव को लेकर एबीपी न्यूज़ ने बड़ा खुलासा किया है. खुलासे मुताबिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने कभी पकड़ा ही नहीं था. पाकिस्तान से जाधव की गिरफ्तारी की बात झूठी है.


आतंकी संलश्कर-ए-खुरासन ने जाधव को पकडकर पाकिस्तान की नापाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के हवाले किया. ये खुलासा करने वाले बलूचिस्तान की आजादी के आंदोलन के कार्यकर्ता मेहराब सरजाव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो इसके सबूत अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में देने को भी तैयार हैं.


क्या है कुलभूषण जाधव पर बड़ा खुलासा?
एबीपी न्यूज़ ने लंदन में रह रहे बलूचिस्तान की आजादी के आंदोलन के कार्यकर्ता और मिडिल ईस्ट कूटनीति के एक्सपर्ट मेहराब सरजाव से बात की. मेहराब सरजाव ने पाकिस्तान के झूठ का खुलासा करते हुए बताया कि जाधव को पाकिस्तान ने अपने जाल में फंसाया है. इसके लिए पाक ने पूरी साजिश भी रची.


मेहराब सरजाव ने बताया कि जाधव को अगवा कराने के लिए बलूची आदिवासी कुनबे कुबदानी और जरदारी को मोहरा बनाया गया. उसे वहीं ले जाया गया जहां उसे लाना तय किया गया था.

मेहराब सरजाव ने बताया, "'जाधव को अगवा करने का ठेका मिला था लश्कर ए खुरासन को जो फिरौती के लिए विदेशी नागरिकों को अगवा करने में एक्सपर्ट है. जाधव से गलती सिर्फ ये हुई कि वो बिजनेस के मोह में अपहरण के नापाक में जाल में फंसते चले गए.''


खुलासे के मुताबिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने कभी पकड़ा ही नहीं था. पाकिस्तान से जाधव की गिरफ्तारी की बात झूठी है. लश्कर-ए-खुरासन ने जाधव को पकडकर पाकिस्तान की नापाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के हवाले किया था लेकिन इसके बीच 3 हफ्ते का समय लगा था.


ये है जाधव के अपहरण की पूरी कहानी
कुलभूषण जाधव ने भारतीय नौसेना में काम किया था. नौसेना की नौकरी छोड़ने के बाद जाधव 2003 में ईरान चले गए जहां कमिंगा ट्रेडिंग नाम की कंपनी शुरू करके स्क्रैप का बिजनेस करने लगे. ईरान में जाधव के बिजनेस के तौर तरीके लोगों की नजर में आने लगे. चाबहार ईरान पाकिस्तानी सीमा पर है और विदेशियों के अपहरण, फिरौती के धंधे के लिए बदनाम है.


जाधव बिजनेस बढ़ाने में लगे हुए थे. उसी दौरान उनका संपर्क ऐसे लोगों से हो गया जो हर तरीके के गोरखधंधे में लगे हुए थे. इसी दोस्ती यारी में जाधव के पास किसी बलूच नागरिक का ऐसा ऑफर आया कि जाधव लालच में आ गए. जिसके कुलभूषण जाधव ने बहुमूल्य ऑफर समझा वो असलियत में जाधव को फांसने की नापाक साजिश थी.


फिर क्या. जाधव किराए की कार लेकर ईरान के चाबहार से एक सहयोगी के साथ पाकिस्तान सीमा से सटे सरावन रवाना हुए. वहां उनकी कार में एक बलूच अलगाववादी भी बैठ गया. वही बलूच व्यक्ति जाधव को लेकर पाकिस्तान की सीमा में लेकर चला गया. एक घंटे तक कार चली. एक घंटे बाद कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की पकड़ में थे.


बड़ा सवाल कुलभूषण की कार में बैठा बलूच अलगाववादी कौन था?
सूत्र की मानें तो सरावन से बलूच अलगाववादी कुबदानी और जरदारी बलूची कुनबे से जुड़े अलगाववादी जाधव को लश्कर ए खुरासन के पास लेकर जा रहे थे जो सरावन से एक घंटे के भीतर पकड़ कर कुलभूषण जाधव को तुरबत के पास जामरान की पहाड़ी ले गए. इसी जगह में छुपकर खुरासन आतंकी गतिविधियां चलाता है. जहां जाधव को तीन हफ्ते तक रखा गया, तीन हफ्ते के बाद खुरासन के नेता मुल्ला उमर ने पाकिस्तानी आईएसआई को सौंप दिया.


जाधव के पास मिले कुछ सामान ने मुल्ला उमर को ये यकीन दिला दिया कि जाधव उससे ज्यादा पाकिस्तान के लिए कीमती साबित हो सकता है जिससे पाकिस्तान भारत और ईरान दोनों की नब्ज पकड़ सकता है. मुल्ला उमर पर पाकिस्तान के आकाओं आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के बहुत अहसान हैं.


जाधव और पाकिस्तानी सेना के बयान में बड़ा अंतर
पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का जो वीडियो बयान जारी किया और इसके बाद पाकिस्तान की सेना ने जो बयान जारी किया उसमें बड़ा अंतर है. जहां जाधव गए थे और जहां से उनकी गिरफ्तारी दिखाई थी वो अलग अलग दिशा में है.  इस झूठ को छुपाने के लिए पाकिस्तान गुमराह करता रहा.


ईरान के चाबहार से सरावन की दूरी है 454 किलोमीटर जहां किराए की कार लेकर जाधव गए थे. सरावन से मशकेल की दूरी है करीब 180 किलोमीटर जहां से जाधव की गिरफ्तारी का दावा पाकिस्तान ने किया. पाकिस्तान के ये झूठ पाकिस्तान से ही जारी दो वीडियो जाधव के बयान और सूचना मंत्री के बयान से साफ हो चुका है. तथ्यों में ये गलती सिर्फ चूक नहीं थी बल्कि पकड़ा गया झूठ था जो छिपाने की लाख कोशिश के बाद भी छुप नहीं सका.

दुनिया के सामने आया पाकिस्तान का एक और डर्टी गेम
झूठ को सच साबित करने की इस नापाक हरकत से पाकिस्तान का ये डर्टी सीक्रेट भी बेनकाब हो गया कि पाकिस्तान की आईएसआई का संबंध ईरान के जेहादी संगठन लश्कर-ए-खुरासन से है. आईएसआई ने खुरासन की मदद से ही ईरान से अगवा करके जाधव को अपने कब्जे में लिया और दुनिया के सामने झूठ की तस्वीर पेश की कि जाधव को बलूचिस्तान में अशांति फैलाने और जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.


इस डर की वजह से कुलभूषण से किसी को नहीं मिलने दे रहा पाक
पाकिस्तान जानता है कि कुलभूषण जाधव को लेकर उसने अब तक जो भी कुछ बोला है वो सब झूठा है. इस झूठ की कलई खुल जाएगी अगर उसने भारत के किसी भी व्यक्ति को कुलभूषण जाधव से मिलने दिया. इसी डर के कारण पाकिस्तान भारत के काउंसर एक्सेस की 13 अपील को ठुकरा चुका है. यहां तक कि मां अवंतिका को भी बेटे से मिलने नहीं दे रहा है. सच सिर्फ जाधव जानता है इसलिए जाधव को उसने काल कोठरी में कैद कर रखा है.