नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कल यानी शुक्रवार को पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इन पाचों राज्यों के चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. उत्तर पूर्वी राज्य असम में विधानसभा की 126 सीटों पर तीन चरणों में वोट डाले जाएंगे. पहले चरण के लिए 27 मार्च को वोटिंग होगी. 2 मई को वोटों की गिनती होगी.


असम में सत्ताधारी बीजेपी गठबंधन वापसी की उम्मीद लगाए हैं तो वहीं कांग्रेस भी गठबंधन के साथ बीजेपी को कुर्सी से हटाने की कोशिश में लगा हुआ है. असम के रोचक चुनाव के बीच  एबीपी न्यूज ने लोगों का मन टटोला है. एबीपी न्यूज अपने पाठकों और दर्शकों के लिए ओपिनियन पोल लेकर आया है. जिससे असम के राजनीतिक भविष्य की तस्वीर साफ होती नजर आ रही है.

असम में किसे कितना वोट शेयर?
एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक असम में बीजेपी+ के खाते में 43.8% वोट जाता दिखायी दे रहा है. वहीं कांग्रेस गठबंधन को 41.4% वोट मिल सकता है. असम में अन्य के खाते में 14.8 प्रतिशत वोट जा सकता है.

असम में किसे कितनी सीटें
एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक असम में बीजेपी गठबंधन की सत्ता में वापसी को नकार नहीं सकता. आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी+  के खाते में 68-76 सीटें जा सकती हैं. वहीं कांग्रेस गठबंधन को 43-51 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है. वहीं सर्वे में 27% वोट शेयर पाने वाले अन्य के हिस्से 5-10 सीटें आ सकती हैं.  असम में विधानसभा की 126 सीटें और सदन में बहुमत के लिए 64 सीटें चाहिए.



असम में सीएम की पहली पसंद कौन?
एबीपी न्यूज़ और सी वोटर के सर्वे के मुताबिक असम की जनता एक बार फिर मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती है. सर्वे में शामिल 44% लोगों ने सीएम के लिए अपनी पहली पसंद सर्बानंद सोनोवाल को बताया. वहीं दूसरे नंबर पर पूर्व सीएम तरुण गोगोई के बेटे और कांग्रेस नेता गौरव गोगई हैं. सर्वे में शामिल 26% लोगों को गौरव गोगोई को सीएम पद के लिए पहली पसंद बताया. तीसरे नंबर पर राज्य के वित्त मंत्री हेमंत विस्वा शर्मा हैं, इन्हें 15% लोगों ने मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद के तौर पर चुना.


2016 के चुनाव में कैसी थी असम की सियासी तस्वीर?
बीजेपी असम में 2016 के विधानसभा चुनाव में कुल 126 सीटों में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 60 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. कांग्रेस 122 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 26 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी. एजीपी 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 14 पर सफलता हासिल की थी.


 वहीं बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ ने 74 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई और 13 सीटों पर सफलता मिली. बीओपीएफ ने 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 12 पर उसके उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे. विधानसभा चुनाव में सीपीआई 15 सीटों पर चुनाव लड़ी था लेकिन खाता नहीं खुला.