नई दिल्ली: केरल में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का एलान हो गया है. चुनावों की तारीख सामने के बाद तमाम पार्टियां राज्य में सत्ता हासिल करने की कोशिशों में लग गई हैं. इस बीच एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर राज्य के वोटरों की नब्ज़ टटोलने की कोशिश की है. ओपिनियन पोल में ये जानने का प्रयास किया गया है कि क्या मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन एक बार फिर अपनी अगुवाई में एलडीएफ को सत्ता पर काबिज़ कराने में कामयाब होते हैं या केरल की जनता कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को मौका देती है.


किसे कितने फीसदी वोट ?


एबीपी न्यूज़ सी-वोटर के ओपिनियन पोल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को 40 फीसदी वोट मिलता नज़र आ रहा है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के खाते में 33 फीसदी वोट जा रहा है. जबकि बीजेपी को 13 फीसदी और अन्य को 15 फीसदी वोट मिलने की संभावना है.


किसे कितनी सीटें ?


सीटों के लिहाज़ से देखें तो ओपिनियन पोल कहता है कि एलडीएफ के खाते में इस बार 83-91 सीटें जा सकती हैं और यूडीएफ को 47-55 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. जबकि बीजेपी को महज़ 0-2 सीटें ही मिलती दिख रही हैं. अन्य को भी 0-2 सीटें ही मिलती नज़र आ रही हैं.


सीएम पद की पहली पसंद कौन?


ओपनियिन पोल में ये भी सवाल किया गया कि राज्य में लोग सीएम के तौर पर सबसे ज्यादा किसे पसंद करते हैं. इस सवाल पर 38.5 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर पिनराई विजयन को अपनी पहली पसंद करार दिया. जबकि 27 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के ओमान चांडी को अपनी पहली पसंद बताया.


पिछले चुनाव में कैसे थे नतीजे?


आपको बता दें कि केरल की 140 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को एक ही चरण में मतदान होना है. चुनावी नतीजें 2 मई को आएंगे. इस वक्त केरल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है. पिनाराई विजयन राज्य के मुख्यमंत्री हैं. साल 2016 के चुनाव में एलडीएफ को 91 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने 47 सीटें हासिल की थी. यहां बहुमत के लिए 71 सीटें चाहिए.


कैसे हुआ सर्वे? 


5 राज्यों में चुनाव का एलान हो चुका है. abp न्यूज के लिए सी वोटर ने ओपिनियन पोल किया है. इस ओपिनियन पोल में सभी पांच राज्यों की 824 विधानसभा सीटों पर 70 हजार 608 लोगों से बात की गई है. 21 फरवरी तक का ये सर्वे पिछले 6 हफ्तों में किया गया है. इस सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस तीन से प्लस माइनस पांच फीसदी तक का है.