नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया. दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में 234 विधानसभा सीटों के लिए 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे और वोटों की गिनती 2 मई को होगी. तमिलनाडु में जहां एक बार फिर से एआईएडीएमके सत्ता में वापसी के लिए पुरजोर कोशिश में लगी हुई है तो वहीं डीएमके चुनाव जीतकर सरकार बनाने के लिए काफी जोर आजमाईश कर रही है. एआईएडीएमके के साथ बीजेपी का गठबंधन है तो वहीं डीएमके को कांग्रेस का साथ मिल रहा है. विधानसभा चुनाव से पहले एबीपी न्यूज- सी वोटर ने वहां के मतदाताओं का मन टटोला है. इसी आधार पर एबीपी न्यूज अपने पाठकों और दर्शकों के लिए ओपिनियन पोल लेकर आया है. इस ओपिनियन पोल में काफी कुछ साफ दिखाई दे रहा है.


तमिलनाडु में किसे कितना वोट शेयर?


एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक तमिलनाडु में एआईएडीएमके+ को 29 प्रतिशत वोट मिलता दिखाई दे रहा है तो वहीं डीएमके गठबंधन को करीब 41 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना है. अन्य के खाते में करीब 30 प्रतिशत वोट मिल सकता है.


तमिलनाडु में किसे कितनी सीटें


एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक तमिलनाडु में एआईएडीएमके गठबंधन को 58-66 सीटें मिलने का अनुमान है. तो डीएमके गठबंधन को सत्ता में लौटते हुए दिखाई दे रही है. यहां डीएमके गठबंधन को 154-162 सीटें मिल सकती है. वहीं अन्य के खाते में 8 सीटें जाने की संभावना है.


कब खत्म होगा कार्यकाल


तमिलनाडु में 24 मई 2021 को मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. अभी यहां एआईएडीएमके की सरकार है और ई पलानीसामी राज्य के मुख्यमंत्री हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. पिछले चुनाव में एआईएडीएमके ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके ने 89 सीटें हासिल की थी. राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए कम से कम 118 सीटों की जरूरत है.


पिछले चुनाव में एआईएडीएमके गठबंधन ने 134 सीटों पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी. वहीं डीएमके दूसरी बड़ी पार्टी बनी थी. डीएमके कांग्रेस के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी. डीएमके गठबंधन ने 98 सीटों पर जीत दर्ज की थी.


तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2016 में डीएमके दूसरे स्थान पर रही थी. इस चुनाव में जहां एआईएडीएमके फिर से सत्ता में आने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी हुई है तो वहीं डीएमके की कोशिश है कि चुनावों में बहुमत हासिल कर सरकार बनाई जाए.