नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही देश के पूर्वी राज्य बंगाल में कुर्सी की असली चुनावी लड़ाई का आगाज हो गया है. एक तरफ जहां दीदी यानी ममता बनर्जी एक बार फिर सत्ता में आने को लेकर निश्चिंत हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में बीजेपी 'सोनार बांग्ला' के नारे के साथ टक्कर देती नजर आ रही है. दो मई को ईवीएम से निकला जनादेश बंगाल के सियासी भविष्य पर मुहर लगाएगा. नेताओं के नारों, वादों और दावों की जंग के बीच चुनाव की तारीखों के एलान के बाद अब गेंद बंगाल की जनता के पाले में आ गयी है.


इस बेहद रोचक चुनाव से पहले सभी के मन में एक ही सवाल है कि आखिर बंगाल की सत्ता पर कौन काबिज होगा?  एबीपी न्यूज ने लोगों का मन टटोला है. एबीपी न्यूज अपने पाठकों और दर्शकों के लिए ओपिनियन पोल लेकर आया है. जिससे बंगाल के राजनीतिक भविष्य की तस्वीर साफ होती नजर आ रही है.


बंगाल का क्षेत्रवार ओपिनियन पोल

क्या कहता है ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र का मूड?
बंगाल के ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र की बात करें तो इसमें कुल 35 सीटें हैं. एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक ग्रेटर कोलकाता क्षेत्र में पूरी तरह टीएमसी का दबदबा नजर आ रहा है. सीटों की बात करें तो ग्रेटर कोलकाता में टीएमसी के खाते में 26-30 सीटें जा सकती हैं. वहीं बीजेपी इस क्षेत्र में महज 2-6 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है. कांग्रेस+लेफ्ट लेफ्ट गठबंधन को भी इस क्षेत्र में 2-4 मिल सकती हैं.


क्या कहता है उत्तर बंगाल क्षेत्र का मूड?
ग्रेटर कोलकाता के बाद बारी आती है उत्तर बंगाल की, सीटों की संख्या के हिसाब से यह तीसरा बड़ा क्षेत्र है. उत्तर बंगाल में कुल 56 विधानसभा सीटें हैं. एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक उत्तर बंगाल में ममता बनर्जी को झटका लगता नजर आ रहा है. यहां बीजेपी टीएमसी का खेल खराब कर सकती है. आंकडों की बात करें तो टीएमसी के खाते में 14-18 सीट जा सकती हैं. बीजेपी के उत्तर बंगाल क्षेत्र के खुश करने वाली खबर है. उत्तर बंगाल में बीजेपी को  21-25 सीटें मिल सकती हैं. वहीं कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन इस क्षेत्र में तीसरे पायदान पर नजर आ रहा है. गठबंधन को 13-15 सीटें मिल सकती हैं.


क्या कहता है दक्षिण पूर्व बंगाल क्षेत्र का मूड?


बंगाल के दक्षिण पूर्व क्षेत्र में विधानसभा की कुल 84 सीटें हैं, सीटों की संख्या के हिसाब यह दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है. दक्षिण पूर्व बंगाल में कोलकाता, हावड़ा, हुगली, नादिया, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिले आते हैं. एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक इस क्षेत्र में टीएमसी बीजेपी पर भारी पड़ती नजर आ रही है. आंकड़ों की बात करें तो टीएमसी के खाते में 43-47 सीटें जा सकती हैं. वहीं दूसरे नंबर पर बीजेपी ममता बनर्जी को इस क्षेत्र में कड़ी टक्कर देती नजर आ रही है और उसे 24-28 सीटें मिलती नज़र आ रही हैं. बाकी दो क्षेत्रों की तरह दक्षिण पूर्व बंगाल में भी कांग्रेस+लेफ्ट तीसरे नंबर पर आता दिखायी दे रहा है. गठबंधन को यहां 12-14 सीटें मिल सकती हैं.


क्या कहता है दक्षिण पश्चिम बंगाल क्षेत्र का मूड?
दक्षिण पश्चिम बंगाल सीटों की संख्या के लिहाज से बंगाल का सबसे बड़ा क्षेत्र है, यहां कुल 119 सीटें हैं. दक्षिण पश्चिम बंगाल क्षेत्र में टीएमसी और बीजेपी के बीच जबरदस्त टक्कर दिखायी दे रही है. लेकिन इस लड़ाई में ममता बनर्जी भारी पड़ती नजर आ रही हैं. एबीपी न्यूज़ सी वोटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक दक्षिण पश्चिम बंगाल में टीएमसी को 65-69 सीटें मिल सकती हैं. वहीं बीजेपी के खाते में 45-49 सीटें जा सकती हैं. सबसे बड़े क्षेत्र में कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन की हालत बेहद खराब नजर आ रही हैं. गठबंधन के खाते में सिर्फ 4-6 सीटें जाती हुयी नजर आ रही हैं.


क्या कहता है बंगाल की जनता का ओपिनियन पोल?
क्षेत्रवार आंकड़ों के बाद अब बारी है, पूरे बंगाल के ओपिनियन पोल के आंकड़ों को जानने की. एबीपी न्यूज़-सीवोटर ओपियिन पोल के मुताबिक बंगाल की कुल  294 सीटों में वोट प्रतिशत की बात करें टीएमसी को 43% वोट, बीजेपी को 38% वोट मिल सकता है. जबकि कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को 13% वोट मिल सकता है. वहीं अन्य के खाते में 6% वोट जा सकता है.


सीटों की बात करें तो ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी एक बार फिर बंगाल में वापसी करती नजर आ रही हैं. एबीपी न्यूज़-सीवोटर ओपियिन पोल के मुताबिक टीएमसी को 148-164 सीटें मिल सकती हैं. वहीं 200 पार का नारा लेकर मैदान में उतरी बीजेपी को 92-108 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है. चुनावी राजनीति में लगातार झटके खा रही कांग्रेस को लेफ्ट के साथ गठबंधन का भी खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है. सर्वे के मुताबिक गठबंधन के खाते में 31-39 सीटें जा सकती हैं.


कैसी थी बंगाल में 2016 के चुनावी नतीजों की तस्वीर?
पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211, कांग्रेस लेफ्ट ने 76, बीजेपी ने तीन और अन्य ने दो सीटें जीती थी. इस बार के चुनाव में बीजेपी सत्तारूढ़ टीएमसी को कड़ा मुकाबला दे रही है. वहीं कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है. 2011 के विधानसभा चुनाव में वाम दलों के गढ़ में ममता बनर्जी ने पहली बार बड़ी सेंध लगाई थी.


34 साल तक सत्ता में रहे वामदलों के गठबंधन को हराकर टीएमसी ने कुल 294 सीटों में से 194 सीटें हासिल की. 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी और मजबूत हुई और पार्टी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की. बंगाल में किसी भी दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 148 सीटों की जरूरत होती है.