ABP C-Voter Survey On Ashok Gehlot: राजस्थान कांग्रेस में बगावत के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के लिए मुश्किलें बढ़ती गईं. वे कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से भी बाहर हो गए. उन्होंने पूरे घटनाक्रम के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से माफी मांगी. कभी गांधी परिवार के वफादार रहे गहलोत को लेकर इस घटनाक्रम के बाद कई तरह की अटकलें भी लगाई गईं. इस पर देश का मूड जानने के लिए सी-वोटर ने abp न्यूज़ के लिए त्वरित सर्वे किया. 


सर्वे में सवाल किया गया कि क्या बगावत एपिसोड से गहलोत मजबूत या कमजोर? इस सवाल के जवाब में जनता ने चौंकाने वाले जवाब दिए हैं. सर्वे में 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि गहलोत विधायकों की बगावत के बाद मजबूत हुए हैं. वहीं 56 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इस बगावत एपिसोड से गहलोत कमजोर हुए हैं.


बगावत एपिसोड से गहलोत मजबूत या कमजोर?


मजबूत-   44%
कमजोर-  56%


गहलोत समर्थक विधायकों ने की थी बगावत


दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उतरने की घोषणा की थी. जिसके बाद राजस्थान में सीएम बदलने की अटकलें लगाई गईं. क्योंकि कांग्रेस में 'एक व्यक्ति-एक पद' का सिद्धांत है इसलिए अगर गहलोत पार्टी के अध्यक्ष बनते तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ता. गहलोत के बाद सचिन पायलट को सीएम बनाने की चर्चाएं शुरू हुईं. गहलोत समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट के नाम पर बगावत कर दी.


कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की रेस से हुए बाहर


इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंपी गई. पार्टी ने कार्रवाई करते हुए गहलोत के करीबियों को कारण बताओ नोटिस भेजा था. सोनिया गांधी ने विधायकों की बगावत पर नाराजगी जताई और कहा कि उन्हें अशोक गहलोत से ऐसी उम्मीद नहीं थी. विधायकों की बगावत के बाद गहलोत कांग्रेस प्रमुख के चुनाव की दौड़ से बाहर हो गए थे. इस सियासी संकट के बाद अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने पार्टी अध्यक्ष से माफी मांगी और कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.



नोट: इस सर्वे में 4427 लोगों से बात की गई है. सर्वे के नतीजे पूरी तरह से लोगों से की गई बातचीत और उनके द्वारा व्यक्त की गई राय पर आधारित हैं. इसके लिए abp न्यूज़ ज़िम्मेदार नहीं है.


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