Uttarakhand Assembly Election 2022: उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव भी काफी दिलचस्प होने वाले हैं. साल 2022 में उत्तराखंड में चुनाव होने हैं, इस वक्त बीजेपी राज्य में सत्ता में है. वहीं कांग्रेस विपक्षी दल की भूमिका में है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी भी राज्य में ताल ठोंक रही है. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य में बीजेपी को 56 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस के हिस्से 11 सीटें आई थीं. वहीं अन्य सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने कब्जा किया था.
एबीपी न्यूज सी वोटर के सर्वे के जरिए हमने ये जानने की कोशिश की है कि आगामी विधानसभा चुनावों में आखिर कौन से मुद्दे हैं जो लोकप्रिय हैं. सर्वे में केजरीवाल के फ्री बिजली के दावे के लेकर भी जनता के मूड को भांपने की कोशिश की गई है. सर्वे में पलायन और एंटी इनकम्बेंसी को लेकर भी सवाल पूछा गया.
सर्वे में पूछा गया कि क्या उत्तराखंड में फ्री बिजली के वादे से केजरीवाल को फायदा होगा? इस सवाल के जवाब में 42 फीसदी जनता का जवाब था बहुत. वहीं 36 फीसदी जनता का मानना था कि केजरीवाल के इससे कम फायदा होगा. वहीं 22 फीसदी जनता का कहना था कि इससे केजरीवाल को कोई फायदा होने वाला नहीं है.
फ्री बिजली के वादे से उत्तराखंड में केजरीवाल को फायदा होगा ?
बहुत 42
कम 36
नहीं 22
उत्तराखंड में पलायन का मुद्दा भी काफी अहम है. ऐसे में ये जानने की कोशिश की गई कि आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में क्या पलायन राजनीतिक मुद्दा बनेगा? इस सवाल के जवाब में 62 फीसदी जनता ने हां में जवाब दिया. वहीं 38 फीसदी लोगों का मानना है कि चुनाव में ये मुद्दा नहीं बनेगा.
उत्तराखंड में पलायन मुद्दा बनेगा ?
हां 62
नहीं 38
एंटी इनकम्बेंसी को लेकर भी सर्वे में पब्लिक से सवाल किया गया. लोगों से पूछा गया कि उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी ने एंटी इनकम्बेंसी को कम किया ? इस सवाल के जाब में 64 फीसदी जनता ने माना कि हां उन्होंने एंटी इनकम्बेंसी को कम किया है. वहीं 36 फीसदी जनता का जवाब नहीं में था.
उत्तराखंड में धामी ने एंटी इनकम्बेंसी को कम किया ?
हां 64
नहीं 36