ABP News C Voter Survey: उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में रणभेरी बज चुकी है. बीजेपी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस से लेकर छोटे दल भी कमर कस चुके हैं. वार-पलटवार का दौर तो लंबे समय से चल ही रहा है साथ ही मतदाताओं को लुभाने के लिए योजनाओं और वादों की बारिश भी खूब हो रही है. 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश की कमान किसे मिलेगी और किसे 5 साल का वनवास मिलेगा, ये तो आने वाले समय में मालूम चल ही जाएगा. 


लेकिन उससे पहले चुनावी बिसात पर जनता किन मुद्दों को तवज्जो दे रही है और वोटों की हवा किस ओर बह रही है, यह जानने के लिए एबीपी न्यूज-सी वोटर के साथ मिलकर लगातार उत्तर प्रदेश की गलियों में जा रहा है ताकि लोगों की नब्ज टटोली जा सके. एबीपी न्यूज लोगों से विभिन्न मुद्दों से जुड़े सवालों के जवाब ले रहा है. 


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ऐसा ही एक सवाल लोगों से पूछा गया कि यूपी में कौन सा मुद्दा प्रभावी होगा? लोगों को विकल्प दिए गए ध्रुवीकरण, किसान आंदोलन, कोरोना, कानून व्यवस्था, सरकार का काम, पीएम मोदी की छवि या अन्य. 7 जनवरी को हुए ही सर्वे में करीब 17 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ध्रुवीकरण चुनाव में प्रभावी मुद्दा होगा. 21 प्रतिशत ने किसान आंदोलन का नाम लिया. 16 प्रतिशत ने कोरोना, 17 प्रतिशत ने कानून व्यवस्था, 11 प्रतिशत ने सरकार का काम, 8 प्रतिशत ने पीएम की छवि और 10 प्रतिशत ने अन्य को प्रभावी मुद्दा बताया. 


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इससे पहले यही सवाल 30 दिसंबर को लोगों से पूछा गया था. तब भी 17 प्रतिशत लोगों ने ध्रुवीकरण को चुनावों में प्रभावी मुद्दा बताया था. 22 प्रतिशत लोगों ने किसान आंदोलन का जिक्र किया था. 17 प्रतिशत ने कोरोना, 15 प्रतिशत ने सूबे की कानून व्यवस्था को प्रभावी मुद्दा बताया था. 11 प्रतिशत ने कहा था कि सरकार का नाम चुनावों में बड़ा मुद्दा बनेगा. 7 प्रतिशत ने पीएम मोदी की छवि और 11 प्रतिशत ने अन्य मुद्दों को बड़ा बताया था.


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