West Bengal Opinion Poll: बंगाल में फिर टीएमसी की सरकार के आसार, पढ़ें वोट शेयर, क्षेत्रवार आंकड़ें सहित सब कुछ
West Bengal ABP CNX Opinion Poll 2021 Results: पश्चिम बंगाल की कुल 294 विधानसभा सीटों पर आठ चरणों में चुनाव होने हैं. नतीजे 2 मई को आएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बीजेपी महज 3 सीटें ही जीत पाई थी.
West Bengal Opinion Poll 2021: देश के पांच राज्यों में मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में आम लोगों के बीच इस पर चर्चा होनी लाजमी है. राजनीतिक खबरों में रूची रखने वालों से लेकर आम लोग अखबारों, टेलीविजन और सोशल मीडिया के जरिए चुनावी खबरों को पढ़-देख रहे हैं. इन पांच राज्यों में से सबसे ज्यादा चर्चा में पश्चिम बंगाल है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर सत्ता में वापसी के दावे कर रही हैं तो वहीं पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है. बीजेपी का भी दावा है कि वो तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर देगी. जाहिर है कि चुनाव में पॉलिटिकल पार्टियां दावे करती हैं लेकिन फैसला जनता को करना होता है.
ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने सीएनएक्स के साथ मिलकर ओपिनियन पोल किया है और जनता की राज जानने की कोशिश की है. इस सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में एक बार फिर से टीएमसी की सरकार बन सकती है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 148 है. सर्वे के मुताबिक, टीएमसी को बंगाल में 154-164 सीटें मिल सकती हैं. यानी पश्चिम बंगाल में तीसरी बार ममता बनर्जी की सरकार बन सकती है. वहीं बीजेपी को और इंतजार करना पड़ सकता है.
हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी के प्रदर्शन में जबरदस्त इजाफा होता दिख रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी तीन सीटें जीतने में ही कामयाब हो पाई थी. लेकिन सर्वे के मुताबिक, इस बार बीजेपी 102-112 सीटें जीत सकती है. सीएनएक्स-एबीपी न्यूज़ ने सर्वे के दौरान लोगों से कुछ सवाल किए हैं और उन पर उनका जवाब मांगा है.
किस पार्टी को कितनी सीटें?
तृणमूल कांग्रेस- 154 से 164 सीटें
बीजेपी- 102 से 112 सीटें
लेफ्ट-कांग्रेस- 22 से 30 सीटें
अन्य- एक से तीन सीटें
चुनाव के बाद किसे मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं?
इस सवाल के जवाब में राज्य की जनता ने ममता बनर्जी को पहली पसंद बताया है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, 42.65 फीसदी लोगों ने कहा कि वे विधानसभा चुनाव के बाद ममता बनर्जी को राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं. दूसरे नंबर पर बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष हैं. 24.17 फीसदी लोगों ने कहा कि वे दिलीप घोष को सीएम देखना चाहते हैं. शुभेंदु अधिकारी को 8.33 फीसदी लोग मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. अधीर रंजन चौधरी के पक्ष में 4.92 फीसदी लोग हैं. ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को दो फीसदी लोग चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
क्षेत्रवार आंकड़ें
नॉर्थ बंगाल- कुल 56 सीटें
नॉर्थ बंगाल में टीएमसी को 12 से 18 सीटें मिल सकती हैं. इस क्षेत्र में बीजेपी, टीएमसी से आगे निकलती दिखाई दे रही है. बीजेपी को नॉर्थ बंगाल में 29-35 सीटें मिल सकती हैं. लेफ्ट-कांग्रेस वाले महागठबंधन को 5 से 9 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा. अन्य के खाते में एक से तीन सीटें जा सकती हैं.
साउथ ईस्ट बंगाल- कुल 84 सीटें
साउथ ईस्ट बंगाल में विधानसभा की कुल 84 सीटें हैं. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, यहां टीएमसी बाजी मारती दिखाई दे रही है. तृणमूल कांग्रेस को 56-60 सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को 7 से 13 सीटें मिल सकती हैं. लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 14 से 20 सीटें तो वहीं अन्य का खाता खाली रह सकता है.
ग्रेटर कोलकाता- कुल 35 सीट
ग्रेटर कोलकाता रीजन में भी तृणमूल का प्रदर्शन बढ़िया रहने वाला है. सर्वे में टीएमसी को 21 से 27 सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को 8 से 14 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस लेफ्ट गठबंधन और अन्य का खाता खाली रह सकता है.
साउथ वेस्ट- कुल 119 सीट
सीटों के लिहाज से साउथ वेस्ट रीजन सबसे बड़ा है. इस रीजन में विधानसभा की कुल 119 सीटें आती हैं. सीएनएक्स-एबीपी न्यूज़ के ओपिनियन पोल के सर्वे के मुताबिक, यहां टीएमसी को 60-66 सीटें मिल सकती है. बीजेपी ज्यादा पीछे नहीं है और वह 51-57 सीटें जीत सकती है. कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को एक से तीन तो अन्य का खाता खाली रह सकता है.
बीजेपी और टीएमसी में कौन सी पार्टी उस बेहतर स्थिति में है जो बेरोजगारी के मुद्दे को हल कर सकती है?
टीएमसी-43.67 फीसदी
बीजेपी- 38.05 फीसदी
दोनों- 05.28 फीसदी
दोनों में से कोई नहीं- 01.52 फीसदी
कह नहीं सकते- 11.48 फीसदी
इस सवाल के जवाब में 43.67 फीसदी जनता का मानना है कि ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी बेरोजगारी के मुद्दे को हल कर सकती है. वहीं 38.05 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने की क्षमता रखती है.
वोट शेयर के लिहाज से आंकड़ें?
वोट शेयर के लिहाज से टीएमसी को 41.53 फीसदी वोट मिल सकते हैं. साल 2016 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले ये कम हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में टीएमसी को 44.91 फीसदी वोट मिले थे. वहीं बीजेपी को जबरदस्त फायदा हो रहा है. इस बार बीजेपी के खाते में 34.22 फीसदी वोट जा सकते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 10.16 फीसदी वोट ही मिले थे. लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन का वोट शेयर काफी घट सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में 37.94 फीसदी वोट मिले थे, वहीं इस बार 19.66 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है. अन्य के खाते में 4.59 फीसदी सीटें जा सकती हैं.
क्या शुभेंदु अधिकारी के जाने से टीएमसी को नुकसान होगा?
इस सवाल के जवाब में 49.32 फीसदी लोगों ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी के टीएमसी छोड़ने से पार्टी को नुकसान हो सकता है. वहीं 31.51 फीसदी लोगों का कहना है कि शुभेंदु अधिकारी के छोड़ने से तृणमूल कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. इसके अलावा 19.17 फीसदी लोगों ने इस सवाल पर कोई राय नहीं दी.
ममता सरकार की सबसे बड़ी नाकामी?
सर्वे का अगला सवाल था कि ममता सरकार की सबसे बड़ी नाकामी क्या है? बेरोजगारी बढ़ी, ऐसा मानने वाले 33 फीसदी लोग थे. कानून व्यवस्था खराब हुई, ऐसे 29 फीसदी लोगों ने कहा. 15 फीसदी लोगों ने राय दी कि ममता सरकार भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम रही. जबकि 23 फीसदी लोगों ने अन्य नाकामियां गिनाईं.
बंगाल में सीटों की जानकारी
पश्चिम बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटे हैं. अनुसूचित जाति के लिए 68 सीटें आरक्षित हैं. वहीं 16 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई है. पिछले विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
किस पार्टी में ज्यादा भ्रष्टाचार?
इस सर्वे में लोगों से सवाल किया कि किस पार्टी में ज्यादा भ्रष्टाचार है, इसके जवाब में 59 फीसदी लोगों ने कहा टीएमसी में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है. वहीं 41 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी में भ्रष्टाचार है.
बीजेपी को बाहरी पार्टी बुलाने से टीएमसी को फायदा होगा?
सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि बीजेपी को बाहरी पार्टी बुलाने से टीएमसी को चुनाव में फायदा होगा या नहीं, 36 फीसदी ने हां, 35 फीसदी ने नहीं और 29 फीसदी लोगों ने कह नहीं सकते में जवाब दिया.
(नोट- इस सर्वे में 9360 लोगों से बातचीत की गई है. 15 फरवरी से 23 फरवरी के बीच लोगों से बातचीत की गई है.)