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ABP C-Voter Opinion Poll 2021 LIVE: केरल से लेकर बंगाल, असम, पुडुचेरी और तमिलनाडु तक, कहां किसकी बन सकती है सरकार?
ABP C-Voter Opinion Poll 2021 LIVE: केरल से लेकर बंगाल, असम, पुडुचेरी और तमिलनाडु तक, कहां किसकी बन सकती है सरकार?
ABP News-CVoter Opinion Poll Results 2021 LIVE Updates: देश के पांचों राज्यों में 27 मार्च से होने जा रहे विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सी-वोटर की तरफ से एबीपी न्यूज के लिए सर्वे किया गया है. यह सर्वे शाम 5 बजे से एबीपी न्यूज पर प्रसारित किया जा रहा है. कल यानी गुरुवार की शाम को पहले चरण के प्रचार खत्म हो जाएंगे. ऐसे में इस सर्वे में काफी हद तक यह साफ हो जाएगा कि कहां पर कौन सी पार्टी की सरकार बन सकती है.
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
24 Mar 2021 07:16 PM
सी-वोटर एबीपी ओपिनियन पोल के मुताबिक, पुडुचेरी में यूपीए को 7-11 सीटें मिल सकती है जबकि एनडीए को 19 से 23 सीटें मिल सकती है. तो वहीं अन्य को यहां पर 0-1 सीट मिल सकती है.
केरल में कुल 140 विधानसभा की सीटें हैं. सी-वोटर ओपिनियन पोल के मुताबिक, एलडीएफ को 71 से 83 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि यूडीएफ को 56-68 सीटें और बीजेपी को 0-2 सीटें मिल सकती हैं.
असम में कुल 126 विधानसभा की सीटें हैं. सी वोटर सर्वे के मुताबिक, बीजेपी प्लस को 65 से 73 सीटें मिल सकती हैं. कांग्रेस प्लस को 52-60 सीटें और अन्य को 0-4 सीटें मिल सकती है.
एबीपी न्यूज से बात करते हुए सीपीआई सचिव अतुल अंजान ने कहा कि हम पश्चिम बंगाल में गैर-भाजपाई सरकार बनाएंगे. अगर हंग असेंबली होती है तो बीजेपी को समर्थन की बजाय गैर भाजपाई दलों का समर्थन करेंगे.
सी-वोटर के डायरेक्टर यशवंत देशमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव बायो-पोलर यानी दो दलों का चुनाव हो गया है. उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले अब किसे वोट देंगे और कौन जीतेगा इसका अंतर कम हो गया है.
पीएम मोदी मोदी की रैलियों से बीजेपी को फायदा हुआ है. नंदीग्राम में ममता बनर्जी को चोट से टीएमसी को बहुत ज्यादा फायदा होता हुआ नहीं दिख रहा है. ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी और टीएमसी को बढ़त मिलता दिख रहा है जबकि कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को नुकसान होता दिख रहा है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सी-वोटर का एबीपी न्यूज के लिए यह तीसरा ओपिनियन पोल है. 24 मार्च यानी आज के सर्वे में टीएमसी को 152-168 सीटें, बीजेपी को 104-120 सीटें, लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 18-20 सीटें और अन्य को 0-2 सीटों का अनुमान है.
इससे पहले 15 मार्च के सर्वे में टीएमसी को 150-166 सीटें, बीजेपी को 98-114 सीटें, लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 23-31 सीटें और अन्य को 3-5 सीटें आने का अनुमान लगाया गया था. तो वहीं 27 फरवरी को किए गए सर्वे में टीएमसी को 148-164 सीटें, बीजेपी को 92-108 सीटें, लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन को 31-39 सीटें और अन्य को 0 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था.
मुख्यमंत्री के सवाल पर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं इसके बारे में फिलहाल बताने की स्थिति में नहीं हूं. जब हम 200 से सीट जीतकर आएंगे उसके बाद इस पर इंटरनल कमेटी के जरिए फैसला किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि चुनाव को लेकर कुछ हमारी ओपन और कुछ हाइड रणनीति होती है. उन्होंने कहा कि एबीपी के ओपिनियन पोल से कहीं ज्यादा सीटें वे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीतेंगे.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- “सीपीएम के कोर वोटर ही हमारे साथ नहीं है, हमारे पर हर राजनीतिक दल के लोग आए हैं, वो चाहे बात कांग्रेस की हो या फिर टीएमसी की. सीपीएम में भी कुछ बड़े अच्छे लोग हैं जो हमारे साथ आए हैं. उन्हें लगता है कि सीपीएम का राज्य में अब कोई भविष्य नहीं है. बंगाल में एक परिवर्तन की लहर है और लोग परिवर्तन का हिस्सा बनना चाहते हैं.” कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा- आज लोग मोदी जी के लिए काम करना चाहते हैं, विकास के लिए काम करना चाहते हैं.
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- आज अमित शाह की बंगाल में जितनी भी सभाएं होती है 25 हजार से लेकर एक लाख तक लोग आ रहे हैं. हर मैदान छोटा पड़ता जा रहा है. परिस्थितियां बदल गई हैं. आज सभाओं के लिए जगह छोटी पड़ती जा रही है.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- बंगाल में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद राज्य में सबसे ज्यादा असुरक्षित महिलाएं ही हैं. ऐसे में टीएमसी को बाकी राज्यों की बात करने की बजाय अपने राज्यों की बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक समय था जब बंगाल के स्टैंडर्ड ऑफ एजुकेशन की देशभर में मान्यता थी लेकिन आज बंगाल लगातार पीछे जा रहा है, हर क्षेत्र के अंदर.
पश्चिम बंगाल के प्रभारी और बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एबीपी न्यूज से ओपिनियन पोल पर बात करते हुए कहा- पश्चिम बंगाल की जनता चुपचाप वोट करती है. यहां पर हिंसा की जो राजनीति चल रही है उसे यहां की जनता हटाना चाहती है.
सीपीआई सचिव अतुल अंजान ने सी-वोटर एबीपी न्यूज ओपिनियन पोल में यह कहा कि पुडुचेरी, केरल, बंगाल और तमिलनाडु में बीजेपी का सफाया होगा.
सीपीआई नेता अतुल अंजान ने कहा- “परिवर्तन हो रहा है, जिसकी चर्चा नहीं की जा रही है. महीने भर पहले त्रिपुरा में ट्रायबल ऑटोनोमस का चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी की शिकस्त झेलनी पड़ी.” उन्होंने आगे कहा- बीजेपी सरकार बनाने के करीब पहुंची तो वे ममता के विधायकों को भी खरीदने से बाज नहीं आएंगे.
राजनीतिक विश्लेषक अभिज्ञान प्रकाश ने बताया कि 2019 के चुनाव में चेहरा नरेन्द्र मोदी थे और इस चुनाव में चेहरा ममता बनर्जी हैं. ममता बनर्जी के खिलाफ पेट्रोल-डीजल जैसे मामलों से नुकसान नहीं बल्कि एक सुरक्षा मिल रहा है. यही वजह है कि सत्ता विरोधी लहर का जितना असर ममता बनर्जी के ऊपर होना चाहिए उतना नहीं हो पा रहा है.
सी वोटर के सर्वे में यह सामने आया है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार बन सकती है. इस सर्वे में बताया गया कि टीएमसी को 152-168 सीटें मिल सकती है. बीजेपी के खाते में 104-120 सीटें आ सकती हैं. कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के खाते में 18 से 26 सीटें आ सकती है जबकि अन्य के खाते में 0 से 2 सीटें आ सकती हैं.
सी-वोटर ने एबीपी न्यूज के लिए पांचों चुनावी राज्यों में सर्वे किया है. इस सर्वे में 47 हजार 334 लोगों की राय ली गई है. इसमें सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल के 17 हजार 890 लोग शामिल हैं. इसके साथ ही 17 से 22 मार्च के बीच पश्चिम बंगाल में स्नैप पोल भी किया गया है . जिसमें 2 हजार 290 लोगों की राय ली गई है. इस पोल में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 % है.
सवाल उठ रहा है कि ममता बनर्जी क्या तीसरी बार सरकार बनाएगा या फिर बीजेपी की राज्य में पहली बार सरकार बनेगी? सी-वोटर की तरफ से किए गए ओपिनियन पोल में यह सामने आया कि टीएमसी के खाते में 42 फीसदी, बीजेपी के खाते में 37 फीसदी, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के खाते में 13 फीसदी और अन्य के खाते में 8 फीसदी वोट जा रहे हैं.
बंगाल चुनाव को लेकर टीएमसी और बीजेपी दोनों ही पार्टियों की जनसभाओं में लोगों की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है. बीजेपी ने टॉलीवुड लेकर तमाम लोगों को उतार दिया है सियासी मैदान में. पीएम मोदी लगातार ताबड़तोड़ राज्य में रैली कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है.
बंगाल के लोगों से जब यह पूछा गया कि ममता बनर्जी को चुनाव में सहानुभूति मिलेगी? इसके जवाब में 42 फीसदी लोगों ने बताया कि हां मिलेगी. 31 फीसदी लोगों ने कहा कि नहीं मिलेगी. 16 फीसदी लोगों ने कहा कि कोई असर नहीं होगा जबकि 11 फीसदी ने कहा कि कह नहीं सकते हैं.
जब पश्चिम बंगाल के लोगों से यह पूछा गया वे अपने विधायकों से संतुष्ट है? इसके जवाब में 20 फीसदी लोगों ने बताया कि बहुत संतुष्ट हैं. 33 फीसदी लोगों ने बताया कि कम संतुष्ट हैं तो वहीं 37 फीसदी ने असंतुष्ट बताया जबकि 10 फीसदी ने कहा कि कह नहीं सकते हैं.
एबीपी सर्वे जब लोगों से यह पूछा गया कि बतौर सीएम ममता का कार्यकाल कैसा रहा? इसके जवाब में 59 फीसदी लोगों ने अच्छा बताया, 15 फीसदी लोगों ने औसत करार दिया जबकि 26 फीसदी लोगों ने खराब बताया.
सर्वे में यह पूछा गया कि टीएसम सरकार का कार्यकाल कैसा रहा? इसके जवाब में 48 फीसदी लोगों ने अच्छा बताया, 21 फीसदी लोगों ने इस औसत बताया जबकि 31 फीसदी लोगों ने खराब बताया.
सर्वे में बंगाल की जनता से यह सवाल किया गया कि क्या ममता बनर्जी पार्टी में भ्रष्ट नेताओं को संरक्षण देती हैं? इसके 48 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया है. जबकि 29 फीसदी लोगों ने जवाब नहीं में दिया और 23 फीसदी लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते हैं.
जब एबीपी ओपिनियन पोल में यह पूछा गया कि क्या MIM के चुनाव लड़ने से बीजेपी को फायदा होगा ? इसके जवाब में
39% लोगों ने हां कहा. नहीं- 35% लोगों ने कहा तो वहीं 26 फीसदी ने कहा कि कह नहीं सकते हैं.
एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने से बीजेपी को फायदा होगा? इसके जवाब में 39 फीसदी ने कहा कि हां होगा. 35 फीसदी ने कहा नहीं होगा, जबकि 33 फीसदी नेक हा कि कह नहीं सकते हैं.
सी-वोटर एबीपी न्यूज ओपिनियन पोल में पश्चिम बंगाल की जनता से यह सवाल किया गया कि क्या ममता बनर्जी को चोट का ड्रामा या साजिश है? इसके जवाब में 41 फीसदी लोगों ने इसे साजिश करार दिया. 37 फीसदी ड्रामा बताया जबकि 22 फीसदी लोगों ने कहा कि कह नहीं सकते हैं.
पुदुचेरी में कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही डीएमके यहां की 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. पुदुचेरी में कांग्रेस 15 सीटों पर लड़ रही है. 13 पर डीएमके के साथ सीपीआई और सीपीएम एक-एक सीट पर लड़ रही है.
पश्चिम बंगाल की 294 सीटों पर आठ चरणों में चुनाव होंगे. 27 मार्च को पहले चरण के लिए मतदान होंगे. पहले चरण में 38 सीटों पर वोटिंग होगी. दूसरे चरण का मतदान 1 अप्रैल को होगा, इसके तहत 30 सीटों पर लोग वोट डालेंगे. तीसरे चरण की वोटिंग के लिए 6 अप्रैल का दिन तय किया गया है, जहां 31 सीटों पर लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. 10 अप्रैल को चौथे चरण में 44 सीटों पर वोटिंग होगी. पांचवें चरण का चुनाव 17 अप्रैल को होगा, जहां 45 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा 22 अप्रैल को छठे चरण में 41 सीटों, 26 अप्रैल को सातवें चरण के तहत 36 सीटों तो वहीं आखिरी और आठवें चरण में 35 सीटों पर वोटिंग होगी. नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे.
तमिलनाडु की कुल 234 विधानसभा सीटों पर मुख्य मुकाबला राज्य की सत्ताधारी एआईडीएमके और डीएमके के बीच है. 6 अप्रैल को एक ही चरण में राज्य की सभी सीटों पर वोटिंग होगी. नतीजे 2 मई को आएंगे.
27 मार्च को वोटिंग होने जा रही है. इस लिहाज से अब यह आखिरी और महत्वपूर्ण ओपिनियन पोल है. एबीपी न्यूज के इस ओपिनियन पोल में असम, पश्चिम बंगाल, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु विधानसभा की तस्वीर साफ हो सकती है.
असम में विधानसभा की कुल 126 सीटें हैं. यहां पर 27 मार्च को पहले चरण में 47 सीटों पर, दूसरे चरण में 1 अप्रैल को 39 सीटों पर और 6 अप्रैल को अंतिम और तीसरे चरण में बाकी बची 40 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी. चुनाव परिणाम 2 मई को घोषित होंगे.
केरल में कुल 140 विधानसभा की सीटें हैं. राज्य में 6 अप्रैल को सभी सीटों पर वोटिंग होगी. केरल के अलावा तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी 6 अप्रैल को ही वोटिंग होनी है. चुनाव के नतीजे 2 मई को आएंगे.
केरल में फिलहाल सीपीआई (एम) की अगुवाई में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है. यहां मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन हैं. पिछले चुनाव में एलडीएफ को 91 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं. यहां बहुमत के लिए 71 सीटें चाहिए.
बैकग्राउंड
देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च से होने जा रही है. ये राज्य हैं 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल, 126 सीट वाले असम, 140 सीट वाले केरल, 30 सीट वाले पुडुचेरी और 234 विधानसभा सीटों वाले तमिलनाडु.
सी-वोटर ने एबीपी न्यूज के लिए सर्वे किया है. इस सर्वे में जनता की पूछताछ के आधार पर यह संभावना जताई गई है कि किस राज्य में कौन सी पार्टी मजबूत स्थिति में हैं और कहां पर कितनी सीटों के साथ कौन से दल सरकार की बन सकती है. इसके साथ ही, लोगों से पूछताछ के आधार पर वोट शेयर का आकलन किया गया है. हालांकि, यह ओपिनियन पोल है और अंतिम नतीजे अलग हो सकते हैं.
कब-कौन से राज्य में चुनाव?
तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर छह अप्रैल को एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे और दो मई को नतीजों की घोषणा होगी. इस चुनाव में बीजेपी ने सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के साथ गठबंधन किया है और बीजेपी 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. एआईएडीएमके गठबंधन का मुकाबला मुख्यतौर पर डीएमके-कांग्रेस गटबंधन से है. फिलहाल 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं डीएमके को 88 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं. बीजेपी ने 188 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसका खाता नहीं खुला था.
पश्चिम बंगाल में कुल 294 सीटों के लिए 8 चरणों में चुनाव होंगे. पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा. इसी तरह दूसरे चरण में एक अप्रैल को मतदान होगा. छह अप्रैल को तीसरे चरण के लिए मतदान होगा. चौथे चरण में 10 अप्रैल को मतदान होगा. पांचवें चरण का मतदान 17 अप्रैल को होगा. छठें चरण का मतदान 22 अप्रैल को होगा. 26 अप्रैल को सातवें चरण का मतदान होगा. आठवें चरण के लिए मतदान 29 अप्रैल को होगा. सभी चरणों के नतीजे एक साथ दो मई को आएंगे.
असम में 27 मार्च को पहले चरण में 47 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए, दूसरे चरण में 1 अप्रैल को 39 सीटों के लिए मतदान होगा, 6 अप्रैल को अंतिम और तीसरे चरण में शेष 40 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान होगा. केरल में 140 विधानसभा की सीटें हैं. राज्य में 6 अप्रैल को सभी सीटों पर वोटिंग होगी. केरल के अलावा पुडुचेरी में भी 6 अप्रैल को ही वोटिंग होनी है.