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ABP News-CVoter Opinion Poll 2021 LIVE: बंगाल में जीत की हैट्रिक लगा सकती हैं ममता, जानें असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में किसकी सरकार?
ABP News-CVoter Opinion Poll 2021 LIVE: बंगाल में जीत की हैट्रिक लगा सकती हैं ममता, जानें असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में किसकी सरकार?
ABP News-CVoter Opinion Poll Results 2021 LIVE Updates: पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में एक चरण में 6 अप्रैल को वोटिंग होनी है. बंगाल में आठ चरणों में चुनाव होंगे. वहीं असम में तीन चरणों में वोटिंग होगी. पांचों राज्यों के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे. सभी पांच राज्यों की 824 विधानसभा सीटों पर 52 हजार 997 लोगों से बात की गई है. इसमें पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 19 हजार 314 लोगों से बात हुई है. सर्वे 28 फरवरी से 13 मार्च तक किया गया है.
एबीपी न्यूज़
Last Updated:
15 Mar 2021 11:13 PM
पुदुचेरी में किसे कितनी सीटें मिल सकती हैं? ओपिनियन पोल के मुताबिक, यूपीए को 10 से 14 सीटें मिल सकती है. वहीं एनडीए के खाते में 16 से 20 सीटें जा सकती हैं. अन्य के खाते में 0 से 1 सीट जाने का अनुमान है.
केंद्रशासित प्रदेश पुदुचेरी में हो रहे चुनाव की क्या तस्वीर बन सकती है? ओपिनियन पोल में इसको लेकर भी सवाल हुए. पुदुचेरी में यूपीए को 2016 के चुनाव में 39.5 फीसदी वोट मिले थे, इस बार 40.7 फीसदी वोट का अनुमान है. यानी 1.2 प्रतिशत वोट का मामूली इजाफा होता दिख रहा है. एनडीए को पिछले चुनाव में 30.5 फीसदी वोट मिले थे, इस बार 45.5 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. यानी 14.9 फीसदी वोट प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है. अन्य को पिछले चुनाव में 30 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि इस चुनाव में वोट प्रतिशत 13.9 परसेंट रह सकता है.
केरल में किसकी सरकार बनेगी, सी-वोटर का ओपिनियन पोल के मुताबिक, एलडीएफ को 77 से 85 सीटें मिल सकती हैं. यूडीएफ को 54 से 62 सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को शून्य से 2 सीटें मिलने का अनुमान है. अन्य को 0 से एक सीट मिल सकती है.
केरल में इस बार क्या होने जा रहा है, इसका एक अनुमान भी सी-वोटर के इस सर्वे से लगता है. सत्ताधारी एलडीएफ को वोटों का मामूली नुकसान हो सकता है. पिछले चुनाव में केरल में एलडीएफ को 43.5 प्रतिशत वोट मिले थे. सर्वे के मुताबिक इस बार 42.9 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. यानी पिछली बार की तुलना में एलडीएफ के महज दशमलव 6 परसेंट वोट ही कम हो सकते हैं. 2016 के चुनाव में यूडीएफ को 38.8 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार 37.9 फीसदी मिलने का अनुमान है. यानी दशमलव 9 वोट की मामूली की कमी आ सकती है. बीजेपी को पिछली बार केरल में 14.9 फीसदी वोट मिले थे, इस बार 14.6 फीसदी वोट का अनुमान है. अन्य को पिछले चुनाव में 2.8 प्रतिशत वोट मिले थे, इस दफा 4.6 फीसदी वोट मिल सकते हैं.
तमिलनाडु में किसकी सरकार बनती दिख रही है? सी वोटर के सर्वे के मुताबिक, तमिलनाडु में यूपीए की सरकार बनने का अनुमान है. 234 सीट वाली तमिलनाडु विधानसभा में यूपीए को 161 से 169 सीटें मिल सकती हैं. एनडीए को केवल 53 से 61 सीटें मिलने का अनुमान है. कमल हासन की पार्टी एमएनएम को 2 से 6 सीटें मिल सकती हैं. एएमएमके को 1 से 5 सीट मिल सकती हैं जबकि अन्य के खाते में 3 से 7 सीटें जा सकती हैं.
तमिलनाडु को लेकर सी वोटर के ताजा सर्वे का अनुमान है कि राज्य में यूपीए का वोट प्रतिशत बढ़ सकता है. साल 2016 के चुनाव में तमिलनाडु में यूपीए को 39.4 फीसदी वोट मिले थे जबकि इस बार सर्वे के अनुमान के मुताबिक वोट प्रतिशत बढ़कर 43.7 फीसदी हो सकता है. यानी तमिलनाडु में यूपीए को 4.3 फीसदी वोट का फायदा हो सकता है. लेकिन एनडीए के वोट प्रतिशत में भारी नुकसान का अमनुमान है. पिछले चुनाव में तमिलनाडु में एनडीए को 43.7 प्रतिशत वोट मिले थे इस बार ये घटकर 30.6 प्रतिशत तक रह सकता है. यानी करीब 13.1 प्रतिशत वोटों का नुकसान एनडीए को हो सकता है. जबकि अभिनेता से नेता बने कमल हासन की पार्टी एमएनएम को 7 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. कमल हासन की पार्टी का ये पहला चुनाव है. एएमएमरे को भी 6.4 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. जबकि अन्य को वोट प्रतिशत का घाटा हो सकता है. पिछले चुनाव में अन्य का वोट प्रतिशत 16.9 था जबकि इस बार उन्हें 12.3 प्रतिशत ही वोट मिलने का अनुमान है.
ओपिनियन पोल का अगला सवाल था कि बतौर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का प्रदर्शन लोगों को कैसा लगा, 42 फीसदी लोगों ने कहा कि अच्छा लगा. 30 फीसदी लोगों ने सोनवाल के कामकाज को औसत बताया और 28 प्रतिशत लोगों ने खराब बताया.
सी-वोटर सर्वे में असम में लोगों से एक सवाल ये पूछा गया कि मुख्यमंत्री पद के लिए आपकी पसंद कौन हैं. सबसे ज्यादा 45 फीसदी लोगों ने मौजूदा सीएम सर्वानंद सोनोवाल को अपनी पसंद बताया. कांग्रेस के गौरव गोगोई को 26 फीसदी लोगों ने सीएम पद के लिए अपनी पसंद कहा तो बदरुद्दीन अजमल को 6 फीसदी, सोनोवाल सरकार के मंत्री हेमंत बिस्वशर्मा को 11 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया. वहीं 12 फीसदी लोगों ने अन्य को अपनी सीएम पद के लिए अपनी पसंद माना.
असम के लोगों से ओपिनियन पोल में एक सवाल ये भी था कि पीएम नरेंद्र मोदी का प्रदर्शन कैसा रहा. इस पर 50 फीसदी ने अच्छा, 20 फीसदी ने औसत और 30 फीसदी लोगों ने खराब बताया.
असम के वोट प्रतिशत को देखें तो एबीपी न्यूज-सी वोटर ओपिनियन पोल का अनुमान है कि पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार असम में एनडीए का वोट प्रतिशत थोड़ा बढ़ सकता है. साल 2016 के चुनाव में एनडीए को 41.9 फीसदी वोट मिले थे, इस बार वोट प्रतिशत में 3.10 प्रतिशत का इजाफा होने का अनुमान है. ऐसा अनुमान है कि इस बार एनडीए को 45 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं. यूपीए को वोट प्रतिशत में इस बार बड़ा फायदा होने का अनुमान है. 2016 के विधानसभा चुनाव में असम में यूपीए को 31 प्रतिशत वोट मिले थे. लेकिन इस बार यूपीए के खाते में 42.2 फीसदी वोट पड़ सकते हैं. ये सर्वे यूपीए को असम में सीधे-सीधे 11.2 प्रतिशत वोट का फायदा होने का अनुमान लगा रहा है. असम में अन्य को पिछली बार असम में 27.1 परसेंट वोट मिले थे, इस बार उन्हें सिर्फ 12.8 प्रतिशत वोट ही मिलने का अनुमान है. यानी अन्य को करीब 14.3 प्रतिशत वोट का नुकसान झेलना पड़ सकता है.
सर्वे में लोगों से सवाल किया गया कि असम चुनाव में उनके लिए बसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या है. इस पर 45 फीसदी लोगों ने कहा कि बेरोजगारी मुद्दा है. 19 फीसदी ने कहा बिजली,पानी और सड़क मुद्दा है. 5 फीसदी लोगों की राय थी कि कोरोना महामारी मुद्दा है. 4 फीसदी लोगों ने शिक्षा की सुविधाओं को मुद्दा बताया. 7फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार नियंत्रण को बड़ा मुद्दा बताया. 4 फीसदी लोगों ने कानून व्यवस्था को मुद्दा कहा और 16 फीसदी लोगों की राय था कि इनके अलावा और भी मुद्दे हैं.
अब चर्चा असम विधानसभा चुनाव की यानी किसकी सरकार बनती दिख रही है? एबीपी न्यूज़-सी-वोटर के सर्वे का अनुमान है कि असम में बीजेपी यानी एनडीए की सरकार दोबारा बन सकती है. 126 सीटों वाली असम विधानसभा में एनडी को 64 से 72 सीटें मिलने का अनुमान है. यूपीए को 52 से 60 सीटें मिल सकती हैं जबकि अन्य के खाते में जीरो से पांच सीटें आ सकती हैं.
मुख्यमंत्री के तौर पर ममता बनर्जी का कामकाज कैसा है, इस सवाल के जवाब में 54 फीसदी लोगों ने अच्छा कहा. वहीं 20फीसदी ने औसत बताया है और 26 फीसदी का कहना है कि ममता बनर्जी ने खराब काम किया है.
अगला सवाल था कि चुनाव के अहम फैक्टर क्या क्या होंगे? 15 फीसदी को एआईएमआईएम का ध्रुवीकरण मुद्दा लगता है. 19 फीसदी को लगता है कि टीएमसी के बागियों से चुनाव तय होगा, 29 फीसदी का मानना है कि ममता बनर्जी की द्वारे सरकार योजना बड़ी भूमिका निभायेगी. 8 फीसदी का मानना है कि बीजेपी में घोटाले के आरोपियों का जाना मुद्दा होगा. 5 फीसदी को लगता है कि राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद से चुनाव तय होगा, 6 फीसदी को लगता है कि बीजेपी का आक्रामक प्रचार चुनाव की दिशा तय करेगा, जबकि 18 फीसदी लोग दूसरे मुद्दों को बड़ा फैक्टर मानते हैं.
सीवोटर ने पूछा कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी पसंद क्या होगी? 52फीसदी लोग ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. 27 फीसदी को दिलीप घोष पसंद हैं. 7 फीसदी का मानना है कि मुकुल रॉय मुख्यमंत्री बनने चाहिए. अधीर रंजन के पक्ष में 3 फीसदी लोग हैं. शुभेंदु अधिकारी को 2 फीसदी सीएम देखना चाहते हैं, जबकि अन्य नेताओं को 9 फीसदी लोग सीएम देखना चाहते हैं.
सर्वे में लोगों से ये भी सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी का कामकाज कैसा है, इस पर 46 फीसदी लोगों ने अच्छा बताया. 16फीसदी ने औसत और 38 फीसदी ने खराब बताया.
सर्वे का अगला सवाल था कि पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के प्रदर्शन को आप कैसा मानते हैं, 52 फीसदी लोगों ने पश्चिम बंगाल सरकार का प्रदर्शन अच्छा बताया है. जबकि 22 फीसदी ने औसत बताया. वहीं और खराब बताने वालों की संख्या 26 फीसदी रही.
पश्चिम बंगाल में बीजेपी भले ही टीएमसी को कड़ी टक्कर दे रही हो लेकिन अभी आगे टीएमसी ही है. सीवोटर के ओपनियन पोल के मुताबिक, टीएमसी को 150 से 166 सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को 98 से 114 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस और लेफ्ट के खाते में 23 से 31 सीटें जा सकती हैं. जबकि अन्य के खाते में से 3 से 5 सीटें जा सकती हैं.
पश्चिम बंगाल में हुए इस सर्वे में सीवोटर का एक सवाल ये भी था कि अगर आज चुनाव हुआ तो लोग किसे वोट देंगे और किसकी सरकार बनेगी. करीब 43 प्रतिशत लोगों का कहना है कि टीएमसी को वोट देंगे और 42 प्रतिशत लोगों का मानना है कि टीएमसी की ही सरकार बनेगी. जबकि 38 प्रतिशत लोग बीजेपी को वोट देंगे और 39 प्रतिशत का मानना है कि बीजेपी की सरकार बनेगी. कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन को वोट देने वाले 13 प्रतिशत लोग हैं. जबकि 12 प्रतिशत का मानना है कि इस गठबंधन की सरकार बनेगी. अन्य पार्टियों को वोट देने वालों की संख्या साढ़े 5 प्रतिशत है जबकि साढ़े 7 प्रतिशत का कहना है कि अन्य की सरकार बनेगी.
पश्चिम बंगाल में पिछली बार यानी 2016 में टीएमसी को 44.9 प्रतिशत वोट मिले थे, ऐसा अनुमान है कि इस बार ये वोट डेढ़ प्रतिशत कम होकर 43.4 फीसदी रह सकते हैं. बीजेपी को बहुत अच्छा फायदा दिख रहा है. पिछली बार 10.2 फीसदी वोट मिले थे, जो इस बार बढ़कर 38.4 फीसदी होने का अनुमान है, यानी 28.2 फीसदी का फायदा होता दिख रहा है. जबकि कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन को सबसे ज्यादा नुकसान दिख रहा है. पिछली बार इन्हें 37.9 फीसदी वोट मिले थे, इस बार 12.7 फीसदी ही मिलने का अनुमान है. यानी माइनस 25.2 फीसदी का नुकसान है. जबकि अन्य को पिछली बार 7 फीसदी वोट मिले थे, इस बार साढ़े 5 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है, यानी डेढ़ प्रतिशत का नुकसान हो सकता है.
असम में साल 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 60 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि एजीपी को 14 सीटों पर जीत मिली थी. साल 2016 के चुनाव में एनडीए को 41.9 फीसदी वोट मिले थे. 2016 के विधानसभा चुनाव में असम में यूपीए को 31 प्रतिशत वोट मिले थे. राज्य में विधानसभा की 126 सीटे हैं.
केरल- पिछले चुनाव में एलडीएफ को 91 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं. वहीं बीजेपी को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी और एक सीट अन्य के खाते में गई थी. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 98 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. सीपीआई ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सीपीएम ने 84 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 58 सीटों पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 87 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी. एनसीपी ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था और दो पर कामयाबी हासिल की थी. इंडियन यूनियन मुस्मिल लीग (आईयूएमएल) ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 पर जीत हासिल की थी. जेडीएस को पांच में से तीन पर जीत मिली थी.
तमिलनाडु में पिछले विधानसभा चुनाव में जे जयललिता के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार एआईएडीएमके ने जीत दर्ज की थी. ये चुनाव नतीजे अपने आप में एतिहासिक रहे थे क्योंकि 1984 के बाद पहली बार ऐसा हुआ था जब राज्य में लगातार दूसरी बार किसी पार्टी ने सत्ता में वापस की. 2016 के विधानसभा चुनाव में एआईएडीएमके ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं कांग्रेस और डीएमके ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. डीएमके को 88 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं. अभिनेता विजयकांत की पार्टी ने 104 सीटों पर चुनाव लड़ा था और एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली. खुद विजयकांत भी चुनाव हार गए थे. बीजेपी ने 188 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और उसका खाता नहीं खुला था.
पुदुचेरी में पिछली बार बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा था और उसका खाता नहीं खुला था. उसने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. एआईएनआरसी ने भी अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया था और सभी सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी. उसे आठ सीटों पर कामयाबी मिली थी. एआईएडीएमके भी अकेले मैदान में उतरी थी. उसने भी सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और चार सीटों पर जीत मिली थी. कांग्रेस और डीएमके ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. कांग्रेस ने 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और 15 पर उसे कामयाबी हासिल हुई थी. डीएमके को नौ में से दो सीटों पर जीत मिली थी. एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.
पश्चिम बंगाल में पिछली बार ममता बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार वे तीसरी बार सत्ता में वापसी के दावे कर रही हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि इस बार बंगाल की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है और बीजेपी 200 से ज्यादा सीटें जीतेगी. वहीं कांग्रेस-लेफ्ट मोर्चा और आईएसएफ की महागठबंधन भी सरकार बनाने का दावा कर रही है. बंगाल की कुल 294 सीटों पर आठ चरणों में चुनाव होने हैं.
गुवाहाटी में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "20-25 सालों से हम मानते ही नहीं थे कि आंदोलन, हिंसा, घुसपैठ और आतंकवाद के बगैर असम हो सकता है. असम के अस्मिता की बात करने वाले घुसपैठ तक नहीं रोक पाए, असम की अस्मिता को क्या खाक बचाएंगे. आपकी गोदी में अजमल बैठा है और असम के अस्मिता की बात करते शर्म नहीं आती. कांग्रेस एक तरफ धर्मनिरपेक्षता की बात करती है और दूसरी तरफ यहां बदरुद्दीन अजमल के साथ है. केरल में मुस्लिम लीग के साथ बैठी है. मेरी तो समझ में नहीं आता कि ये कैसी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. इनके धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा अनोखी है."
बैकग्राउंड
ABP News-CVoter Opinion Poll 2021: कोरोना काल में देश का सबसे बड़ा चुनावी कार्यक्रम मार्च-अप्रैल में शुरू होने जा रहा है. पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. पांचों राज्यों की करोड़ों जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी और लोकतंत्र का पहिया घूमता रहेगा. पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुदुचेरी में विधानसभा के चुनाव होने हैं. असम को छोड़कर बाकी चार राज्यों में गैर-बीजेपी की सरकार है. इन पांचों राज्यों में पश्चिम बंगाल की चर्चा सबसे अधिक है. बाकी राज्यों के घटनाक्रम की जानकारी लोग अखबारों, टीवी और सोशल मीडिया के जरिए जुटा रहे हैं. इस बीच इन पांचों राज्यों का चुनावी मिजाज समझने के लिए एबीपी न्यूज़ ने सी-वोटर के साथ मिलकर ताजा ओपिनियन पोल किया है. जनता से बातचीत करके उनका मूड समझकर एक अनुमान तक पहुंचने की कोशिश की गई है.
पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं. तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में एक चरण में 6 अप्रैल को वोटिंग होनी है. बंगाल में आठ चरणों में चुनाव होंगे. वहीं असम में तीन चरणों में वोटिंग होगी. पांचों राज्यों के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे.