ABP CVoter Survey On One Nation, One Election: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' यानी एक राष्ट्र में सभी चुनाव एक साथ कराए जाने के विचार पर राजनीतिक घमासान मचा है. सरकार ने इस मामले पर एक उच्च स्तरीय आठ सदस्यीय समिति पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित की है, जो 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की संभावनाओं का पता लगाकर अपनी सिफारिश सौंपेगी.
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार का कांग्रेस समेत 'इंडिया' गठबंधन के कई घटक दलों ने पुरजोर विरोध किया है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा वायनाड सांसद राहुल गांधी ने रविवार (3 सितंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर यहां तक पोस्ट किया, ''इंडिया यानी भारत राज्यों का एक संघ है. 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विचार संघ और उसके सभी राज्यों पर हमला है.''
मुद्दे पर मचे राजनीतिक घमासान के बीच जनता का रुख जानने के लिए एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने ऑल इंडिया सर्वे किया है. सर्वे में पूछा गया, ''क्या 'वन नेशन, वन इलेक्शन' देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा हो सकता है?'' जवाब में सबसे ज्यादा 54 फीसदी लोगों ने कहा कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' से देश के संघीय ढांचे को कोई खतरा 'नहीं' हो सकता है. 28 फीसदी लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि इससे खतरा हो सकता है. वहीं, 18 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इस बारे में कुछ 'कह नहीं सकते' हैं.
क्या 'वन नेशन, वन इलेक्शन' देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा हो सकता है?
(सोर्स- सी-वोटर)
हां- 28%
नहीं- 54%
कह नहीं सकते- 18%
बता दें कि मामले पर समिति ऐसे समय गठित की गई है जब सरकार ने आने वाले कुछ ही दिनों में संसद का विशेष सत्र बुलाया है. 18 से 22 सितंबर तक विशेष सत्र चलेगा. माना जा रहा है कि 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर कमेटी की सिफारिश के बाद सरकार इस पर विधेयक ला सकती है.
नोट- 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की चर्चा जोरों पर है. ऐसे माहौल में abp न्यूज़ के लिए सी वोटर ने ऑल इंडिया सर्वे किया है. इस सर्वे में 4 हजार 182 लोगों की राय ली गई है. सर्वे शनिवार (2 सितंबर) से आज (3 सितंबर) दोपहर तक किया गया है. सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है.
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