ABP e Shikhar Sammelan Live Updates: बिहार से बाहर फंसे लोगों को वापस लाए जाने के मुद्दे पर क्या बोले डिप्टी CM सुशील मोदी?

एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम 'e-शिखर सम्मेलन' में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, बाबा रामदेव, डॉक्टर नरेश त्रेहन समेत कई दिग्गजों ने राय रखी.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 04 May 2020 05:53 PM
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी नहीं कहा कि बाहर फंसे लोगों को नहीं लाना चाहिए. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि लॉकडाउन के पालन को लेकर केंद्रीय गृहमंत्रालय के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में कहा कि बसों से गाजीपुर और बनारस से लोगों को लाया जा सकता है लेकिन क्या सूरत और मुंबई से लाना संभव है. आज स्पेशल ट्रेन चलाने की इजाजत मिल गई है. जयपुर से एक ट्रेन चल रही है जो कल पटना पहुंचेगी.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बाहर में फंसे लोगों को वापस लाए जाने के मुद्दे पर कहा कि मैंने नहीं कहा कि हमारे पास संसाधन नहीं है. मैंने ये कहा था कि बसों से लाना संभव नहीं है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव कराए जाने की मांग की जा रही है. मध्य प्रदेश में अलग मापदंड और महाराष्ट्र में अलग मापदंड कैसे संभव है. सुधांशु त्रिवेदी के आरोंपों पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट खड़ा हो?
नवाब मलिक के आरोपों पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमने शुरुआती दिनों में ही कदम उठाए. हमने समय रहते लॉकडाउन शुरू किया.
एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कोरोना संकट को लेकर कहा कि हम लोगों से गलतियां हुई है, उसे मानना होगा. महाराष्ट्र में जब पहला मामला आया तो हमने केंद्र सरकार से कहा कि जो विदेश से आ रहे हैं उन्हें क्वॉरंटीन किया जाए. 20 फरवरी से ही कर्फ्यू लगाना शुरू किया. लगभर 30 फीसदी मामले हैं. हम चेकअप कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट सबसे अधिक आई.
एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी और एनसीपी नेता नवाब मलिक कार्यक्रम में शामिल हुए. सुधांशु त्रिवेदी ने इस्लामोफोबिया के आरोपों पर कहा कि सीएए-एनआरसी को लेकर कई सवाल उठाए गए. ये कोई नई बात नहीं है. ये बदनाम करने की साजिश है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नुकसान सभी को हुआ है. किसी की मजदूरी कम हुई, किसी का वेतन कटा, किसी का कॉन्ट्रैक्ट में पैसे नहीं मिले.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नई संभावना और अवसर भी आएंगे. निवेश बढ़ सकता है. कई अवसर आएंगे.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लॉकडाउन में जनता बधाई के पात्र है. कांग्रेस एक-एक मुद्दे पर बोल रही है. लेकिन हमारी सरकार ने महिलाओं के खातों में पैसे दिए, गैस फ्री दिए जा रहे हैं. किसानों को पैसा दिया गया. दिव्यांगों को पैसा दिया गया. सभी जरूरी कदम उठाए गए.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दो गज की दूरी बनाए रखना जरूरी है, हाथ धोते रखना, मास्क लगाए रखना जरूरी है.
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि वैक्सीन की खोज जरूरी है और इस ओर दुनियाभर में काम हो रहा है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लोगों को मास्क लगाए रहना चाहिए. खास कर जब आसपास बैठे हैं. लोगों को आसपास बैठने से बचना चाहिए. इस महामारी की कल्पना किसी ने नहीं की थी. जनवरी में पहला मामला आया. कैबिनेट की बैठक में पीएम मोदी ने बहुत पहले कहा था कि इसका संकट देश में भी आने वाला है. हमें सतर्क रहना होगा. आज देख सकते हैं कि पूरी दुनिया की हालत क्या है. हमने समय रहते तैयारी की. पुणे में एक लैब था हमारे यहां, आज 400 से अधिक लैब हैं. मास्क बनाने के लिए एक भी फैक्ट्री नहीं थे, आज सैकड़ों हैं. पीपीई बनाए जा रहे हैं. मात्र 8000 वेंटिलेटर थे, अब बनाए जा रहे हैं और ऑर्डर दिए गए हैं.
एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ट्रेन चलाने या अन्य चीजों को छूट दिए जाने के साथ कई शर्तें रखी गई है. जैसे पहले सैनेटाइज करना होगा. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होगा. राज्य भी अपने स्तर पर व्यवस्था कर रहे हैं.
एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में प्रकाश जावड़ेकर ने बसों को चलाए जाने को लेकर कहा कि बस चलाने की बात गृह मंत्रालय की तरफ कही गई है, ये मुझे जानकारी नहीं है. मजदूरों, पर्यटकों और जगह-जगह फंसे लोगों को परेशानी नहीं हो. इसके लिए व्यवस्था लगातार की जा रही है. आज ट्रेन भी चली है. ये मुझे लगता है कि यह एक अच्छी शुरुआत है.
एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में लॉकडाउन बढ़ेगा या नहीं इसको लेकर कहा कि इसको लेकर सरकार आधिकारिक घोषणा करेगी. जैसा कि सरकार ने देखा है कि 350 से अधिक जिले हैं जो ग्रीन जोन में हैं. 200 से 225 जिले हैं जो ऑरेंज जोन में हैं. रेड जोन में 120 के करीब जिले हैं. रेड जोन वाले शहर में भी जहां कोरोना के मामले हैं वहां सख्ती जरूरी है. बाकी जगह क्या-क्या कारोबार शुरू हो सकता है इसकी सूचना आज नहीं तो कल दी जाएगी.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एबीपी न्यूज़ के खास कार्यक्रम e-शिखर सम्मेलन में कहा कि लोगों को साथ में लिया और लॉकडाउन को अब तक सफल बनाया है. देश ने समझा कि हाथ मिलाओ नहीं हाथ जोड़ो. हाथ हमेशा साफ करें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया.
डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन मलेरिया में इस्तेमाल होता है. यह संभावना जगी कि मरीज को दिया जाए. लेकिन इसपर भी रिसर्च जारी है. आम लोगों को ये दवा (हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन) नहीं लेनी चाहिए.
डॉ नरेश त्रेहन ने कहा सावधानी हमेशा रखना होगा. प्लाज्मा थेरेपी इलाज नहीं है. इससे सिर्फ उम्मीद जागी है. कुछ उम्मीद की किरण दिखती है, हम सोचते हैं कि इलाज है. लेकिन ऐसा नहीं है. उम्मीद है लेकिन सावधान रहना होगा.
डॉ नरेश त्रेहन ने एबीपी न्यूज़ से कहा कि मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ साफ रखना ही धर्म है. कोरोना को लेकर कई तरह की उम्मीदें हैं. इसका कोई प्रूफ नहीं है. ये समझना कि गर्मी आ गई है, इससे कोरोना नहीं फैलेगा इससे बड़ी गलती नहीं हो सकती है.
डॉ नरेश त्रेहन ने एबीपी न्यूज़ e-शिखर सम्मेलन में कहा कि ये जो कोरोना महामारी फैली है उसमें 80 से 85 प्रतिशत मरीज खुद ही ठीक हो जाएंगे. जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण होंगे. हमें इसमें देखना होगा कि इनसे और लोगों में संक्रमण नहीं फैले. मास्क पहनेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग का पाल करेंगे और हाथ साफ रखेंगे यही इसका इलाज है.
डॉ नरेश त्रेहन ने तीन मई के बाद लॉकडाउन बढ़ाए जाने को लेकर कहा कि मेरे ख्याल में ऐसा नहीं होना चाहिए कि लॉकडाउन हटा दिया जाए, मैं ये स्वास्थ्य के मद्देनजर कह रहा हूं. आर्थिक नजरिए से नहीं कह रहा. लॉकडाउन अगर खोला जाता है तो धीरे-धीरे खोला जाना चाहिए. दो-चार हफ्तों में मैंने देखा कि हॉट स्पॉट की संख्या में कमी आई. मजदूरों की हालत खराब है, लोग कष्ट में हैं. हम यह भी चाहते हैं कि यह कम हो. मेंटली भी लोग निराश हैं. अगर संतुलन टूटा तो ये बहुत बुरा होगा. 10 प्रतिशत जो बिजनेस और आर्थिक एक्टिविटी है उसे खोला जाना चाहिए.
मेदांता ग्रुप के सीएमडी डॉ नरेश त्रेहन ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि हमारी तैयारी अच्छी रही. मेडिकल में जो लोग हैं, वो आज की सेना हैं. पीपीई, बेड्स को लेकर तैयारी का समय मिला. लोगों को मास्क कैसे लगाया जाए यह पता चला.
नरेश त्रेहन ने लॉकडाउन को लेकर कहा कि दुनिया के देशों से तुलना करें तो सरकार ने देश में अच्छा फैसला लिया.
कपिल देव ने इरफान खान और ऋषि कपूर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि इन लोगों ने सिनेमा को बहुत कुछ दिया और इन चमकते सितारों को हम बहुत याद करेंगे. दोनों ही कलाकार सालों तक अपने प्रदर्शन के दम पर लोगों का मनोरंजन करते रहे और इन्हें लोगों की यादों में हमेशा जिंदा देखा जाएगा.
कपिल देव के मुताबिक क्रिकेट मे उस तरह के डेली वेजेस वाले लोग नहीं होते जैसे कि बॉलीवुड या अन्य क्षेत्रों में होते हैं. लिहाजा क्रिकेट के फील्ड से उस तरह के आर्थिक योगदान की खबरों के नहीं आने की हम तुलना नहीं कर सकते हैं. क्रिकेट का फील्ड थोड़ा अलहदा है और इसी के चलते यहां उस तरह की खबरें आपको सुनने को नहीं मिलेंगी जैसी अन्य क्षेत्रों से सुनने को मिलती हैं.
कपिल देव ने कहा कि पाकिस्तान से खेलना या न खेलने का फैसला देश की नीति पर निर्भर करता है. दोनों देशों को मिलकर इसपर फैसला लेना होगा. क्रिकेट के फैंस तो भारत-पाकिस्तान के मैच के लिए हमेशा उत्सुक रहते ही हैं लेकिन जब तक देश की नीति इसका फैसला नहीं करती, हम इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं.
भारतीय क्रिकेट टीम की रैंकिंग दूसरे स्थान पर आ गई है लेकिन इससे कपिल देव चिंतित नहीं हैं और उन्होंने कहा कि जितना भी बड़ा चैलेंज हो टीम इंडिया उसे पूरा करने का गमखम रखती है. जितना बड़ा मुकाबला बढ़ेगा टीम इंडिया उतनी ही मजबूती से लड़ने और जीतने के लिए तैयार रहती है. क्रिकेट के मुकाबले जब भी शुरू होंगे टीम इंडिया किसी का भी सामना कर सकती है. चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो. इंग्लैंड हो या न्यूजीलैंड हो, किसी से भी टकराने में कोई दिक्कत नहीं है.
कपिल देव ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद जब स्थिति नॉर्मल होगी तो मुझे लगता है कि लोग और ज्यादा उत्साह से खेलों को देखेंगे. टेलीविजन की टीआरपी बढ़ रही है और इसका फायदा क्रिकेट सहित सभी खेलों को मिलेगा. खिलाड़ियों को भी उनकी लय में लौटने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. खिलाड़ियों की अपनी अपनी फिटनेस होती है और हरेक खिलाड़ी को उनकी फॉर्म में लौटने में उनके शरीर के हिसाब से ही वक्त लगेगा.
कपिल देव ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण अगले 5-6 महीने तक क्रिकेट या और खेलों को उनके पुराने स्वरूप में देखना संभव नहीं होगा. हमें देखना होगा कि डॉक्टर्स और वैज्ञानिक कब तक इस बीमारी का इलाज ढ़ूंढ पाएंगे. कोरोना वायरस के कारण खेलों को बहुत नुकसान पहुंचा है लेकिन ये भी जरूरी था कि लोगों की जान बचाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाए. खेलों को उनके पुराने रूप में देखने के लिए अभी हमें थोड़ा इंतजार तो करना ही होगा.
पूर्व क्रिकेटर कपिल देव इस समय e-शिखर सम्मेलन के मंच पर आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि जिंदगी में एक्साइटमेंट बनी रहनी चाहिए और इसी के चलते उन्होंने अपने लुक में बदलाव किया. हालांकि उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि पहले भी लोग कहते थे कि अच्छे नहीं लगते और अब भी यही कहते हैं.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यूपी में जितने भी कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं उनमें से 50 फीसदी मामले जमात से जुड़े हैं. इसमें कोई शक नहीं कि जमात के चलते कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा हुआ है. जमात के जो भी मामले सामने आए हैं या आएंगे सभी का शत-प्रतिशत इलाज किया जा रहा है. चाहे कोई हिंदू हो या मुस्लिम किसी को भी इलाज से वंचित नहीं रखा जा रहा है. हालांकि पंजाब के श्रद्धालुओं के मामले की इस तब्लीगी जमात के मामले से तुलना नहीं की जा सकती है.
केशव मौर्य ने कहा, ''जो लोग वापस आ रहे हैं उन्हें रोजगार देने के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं. इस बीच दो लाक लोगों को निर्माण के काम में लगाए जा रहे हैं.'' आगरा मॉडल के फेल होने पर केशव मौर्य ने कहा, ''जब अमेरिका जैसा देश इतनी बड़ी चुका रहा है तो हमें भा सावधानी रखनी चाहिए. आगरा में हमने कई कदम उठाए थे. लेकिन तब्लीगी जमात और पारस अस्पताल की वजह से केस बड़ गए. अभी हॉट स्पॉट बनाकर रोका गया और जो संक्रमित हो गए हैं उन्हें इलाज दिया जा रहा है.''
जयराम ठाकुर के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य एबीपी ई शिखर सम्मेलन में जुड़े हैं. केशव मौर्य ने कहा, ''जो भी मजदूर बाहर फंसे हैं वो चिंता ना करें. उन्हें वापस लाएंगे, बस भेजनी पड़ेगी तो बस भेजेंगे और ट्रेन से लाना पड़ेगा तो ट्रेन लाएंगे. लेकिन सभी से निवेदन है कि सभी लोग आने के लिए उतावलापन ना दिखाएं. जिनके पास कोई विकल्प नहीं है सिर्फ वही चलें. अगर सभी लोग चल देंगे तो पूरी मुंबई खाली हो जाएगी. मुंबई में यूपी के लोगों की बहुत बड़ी भूमिका है. इसलिए अगर वहां से सभी लोग वापस आ गए तो संतुलन बिगड़ सकता है. उत्तर प्रदेश के दूसरे राज्यों में करीब 15 से 20 लाख लोग फंसे हैं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि सभी लोग वापस आना चाहेंगे.''
जयराम ठाकुर के बाद उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य एबीपी ई शिखर सम्मेलन में जुड़े हैं. केशव मौर्य ने कहा, ''यह मैं नहीं कह सकता कि बाहर से जो भी मजदूर आएंगे उन्हें कोरोना नहीं होगा. उत्तर प्रदेश ने तैयारी की है कि दूसरे राज्यों से जो भी हमारे मजदूर भाई बहन वापस आएंगे उन्हें क्वॉरन्टीन किया जाएगा.
प्रवासियों की समस्या पर जयराम ठाकुर ने कहा, ''हिमाचल प्रदेश में जो बाहर से आए थे वो अधिकांश लोग चले गए हैं. उनके जाने की व्यवस्था धीरे धीरे की गई. दूसरे प्रदेशों में जो लोग हिमाचल के फंसे थे उनके आने के व्यवस्था हुई. लेकिन इसके लिए हमने एक एक आदमी का रिकॉर्ड रखा. सभी का मेडिकल रिकॉर्ड रखा गया. हिमाचल प्रदेश के जो लोग बाहर के प्रदेशों में हैं उनकी संख्या लगभग दो लाख के करीब है.''
सुखबीर सिंह बादल के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एबीपी ई शिखर सम्मेलन में जुड़े हैं. जयराम ठाकुर ने कहा, ''हमने खतरे को पहले ही भांप लिया और इसी के हिसाब से स्टेप बाइ स्टेप प्लान किया. सबसे बड़ी बात है कि कोरोना वायरस को चेज करना है. वो हमें चेज ना करे इसी हिसाब से हमने प्लान किया. हमने ट्रेसिंग के लिए 16 हजार हेल्थ वर्कर के साथ काम किया.''
e शिखर सम्मेलन में सुखबीर बादल ने कहा- टेस्ट करवाने की जिम्मेदारी नहीं है, टेस्ट करवाने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है. पंजाब में टेस्टिंग नहीं है इसीलिए नंबर कम है. किसी की आलोचना से पहले फैक्ट्स भी चेक करने चाहिए. पंजाब सरकार ने श्रद्धालुओं को बिना जांच के घर भेज दिया. बस ने लोगों को रास्ते में उतार दिया.
e शिखर सम्मेलन में सुखबीर बादल ने कहा- केंद्र सरकार सिर्फ सलाह दे सकती है. केंद्र सरकार टेस्टिंग नहीं करेगी आकर, टेस्टिंग पंदाब सरकार को ही करनी पड़ेगी. सुखबीर बादल ने महाराष्ट्र के नांदेड़ से लाए गए श्रद्धालुओं को लाने का बचाव किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए कैप्टन सरकार का जिम्मेदारी है. जब बाहर से कहीं भी लोग लाए जा रहे हैं तो उनकी जांच होनी चाहिए थी और उन्हें क्वॉरन्टीन करके रखना चाहिए. हर राज्य अपने नागरिकों को वापस ला रहा है. वुहान से नागरिक आए तो उनकी भी जांच की गई और क्वॉरन्टीन किया गया. पंजाब सरकार ने महाराष्ट्र सराकर को इजाजत दी. मजदूर और श्रद्धालु इंसान हैं, इनमें फर्क नहीं करना चाहिए.
भूपेश बघेल के बाद सुखबीर सिंह बाद एबीपी ई शिखर सम्मेलन में जुड़े हैं. सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ''हमने मुख्यमंत्री को सहयोग का भरोसा दिया है क्योंकि यह वक्त राजनीति करने का नहीं है. लेकिन पंजाब में आंकड़ों कम से कम दिखाने की कोशिश की जा रही है. जो 85% मरीज हैं उनमें कोई लक्षण नहीं होते. पंजाब में वही लोग अस्पताल जा रहे हैं जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं. इसीलिए पंजाब में मृत्यु दर सबसे ज्यादा है. अगर टेस्टिंग का सिस्टम होता तो हम पता कर लेते.
ट्रेन चलने के सवाल पर e शिखर सम्मेलन में भूपेश बघेल ने कहा- हमने अमित शाह जी को पत्र लिखा है. छत्तीसगढ़ के मजदूर बड़ी संख्या में देश के अलग अलग राज्यं में फंसे हैं. मैं बसें भेजकर उन्हें बुलवा सकता हूं लेकिन वो रास्ते में कहां रुकेगा. और नहीं संक्रमित है वो भी संक्रमित हो सकता है. इसीलिए प्वाइंट टू प्वाइंट ट्रेन चले. जो छ्त्तीसगढ़ की सीमा से लगे राज्य हैं वहां से तो बस भेज बुलाया जा सकता है. लेकिन असम, जम्मू में रह रहे लोगों के लिए मैं बस नहीं भेज सकता.
e शिखर सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- हमारे यहां जो पहला केस आया वो विदेश से लौटा था. दो महीने तक वो स्वस्थ रहा फिर उसमें लक्षण दिखे. इसीलिए हमने भारत सरकार से भी कहा कि क्वॉरन्टीन की सीमा 14 दिन के बजाए 28 दिन की होनी चाहिए.
e शिखर सम्मेलन में भूपेश बघेल ने कहा- यह बीमारी विदेश से आए हुए लोगों से फैली. इसलिए हमने विदेश से आए हुए लोगों को ट्रैस किया. उनके सभी कॉन्टैक्ट को ट्रैस किया. बिना लक्षण वाले लोगों को भी क्वॉरन्टीन किया. अधिकारी लगातार नजर रखते रहे कि कोई बाहर तो नहीं निकल रहा. भारत सरकार के कहा सोशल डिस्टेंसिंग लेकिन हमने कहा कि फिजिकल डिस्टेंसिंग. जब सोशल डिस्टेंसिंग करते हैं तो एक समूह में रहते हैं और बाहर नहीं जाते. लेकिन फिजिकल डिस्टेंसिंग में आप अपने परिवार में हों, दफ्तर में हों वहां सभी लोगों से दूरी बनाकर रखते हैं.
e शिखर सम्मेलन में भूपेश बघेल ने कहा- जैसे ही हमें कोरोना की जानकारी मिली, हमने इसके लिए तैयारी कर ली. सभी तरह के सार्वजनिक स्थानों को बंद किया, धारा 144 लागू की और बाद में पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया. इसके साथ ही लोगों की रोजमर्रा की चीजें उपबल्ध करवाने का प्रयास किया. लोगों को कठिनाई हुई लेकिन सभी ने सहयोग किया. पूरे राज्य के लोग सहयोग कर रहे हैं. हमारे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का भी सहयोग मिला. वे हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं.
मौलाना साद को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कहा- पुलिस अपना काम कर रही है, पुलिस ने नोटिस दिया है. पुलिस को अपना काम करने दीजिए. लेकिन इतना कहना चाहूंगा कि कार्रवाई हो रही है और आगे भी होगी. मैं पुलिस का प्रवक्ता नहीं बनना चाहता. लेकिन एक बात और जब कार्रवाई होती है तो कुछ और बातें कहीं जाती हैं. मुरादाबाद में डॉक्टरों पर हमला हुआ, बाद में उन लोगों को कोरोना निकला. एक बात समझिए कि यह एक ऐसी बीमारी है जो इंसानियत के लिए चुनौती है. अमीर-गरीब, बड़ा-छोटा और ईमान-इबादत कुछ नहीं देखती है यह बीमारी.
सोनिया गांधी के आरोपों पर रविशंकर प्रसाद ने कहा- सोनिया गांधी अगर यह कहतीं कि प्रधानमंत्री जी आपकी सरकार अच्छा काम कर रही है लेकिन यह यह कमियां हैं. तो हम उसका स्वागत करे और कमियों को दूर करते. लेकिन आज मैं कहना चाहूंगा कि सोनिया जी और राहुल जी आप लोग लोकसभा में कहां पहुंच गए. जिस पार्टी ने देश में 50 साल शासन किया वो आज कहां पहुंच गई.
सोनिया गांधी के आरोपों पर रविशंकर प्रसाद ने कहा- अगर तब्लीगी जमात ने गलती की तो क्या इस्लामोफोबिया है? क्या उन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह देश जितना हिंदुओ का है उतना ही मुसलमानों का है. मोहन भागवत जी ने कहा है कि किसी एक समूह की वजह से पूरे समुदाय को बदलान नहीं कर सकते हैं. मैं सोनिया जी से कहना चाहता हूं कि राजनीति करने के लिए बहुत टाइम मिलेगा. लेकिन कभी तो देश के लिए सोचिए.
राहुल गांधी और रघुराम राजन की बातचीत को लेकर रविशंकर प्रसाद ने कहा- राहुल गाँधी यह विषय पिछले चुनाव से उठा रहे हैं. सदन में प्रधानमंत्री ने जवाब दिया है. राहुल गांधी के समय में कितने एनपीए हुए थे. नीरव मोदी और बाकी सब पर पूर्व वित्त मंत्रियों के क्या आशीर्वाद थे. यह सब कुछ पहले ही बताया गया है. लेकिन आज मैं चाहता हूं कि देश एक सुर में बात करे. राहुल गांधी को अपनी राजनीति करने दीजिए. राहुल गांधी को अर्थव्यवस्था की कितनी जानकारी है इस पर कभी बाद में बात करेंगे. पूरा देश हमपर विश्वास करता है, उनका काम है सवाल पूछना, हम उसका जवाब देते जाएंगे.
रविशंकर प्रसाद ने कहा- देश जल्द ही मोबाइल बनाने में दुनिया में नंबर वन होगा. चीन से दुनिया का मोहभंग हो रहा है लेकिन अभी इस पर बात करने का समय नहीं है. लेकिन एक बात जरूर कहना चाहूंगा कि अब भारत का समय जरूर आ गया है. हमारे प्रधानमंत्री जी ने दुनिया के सामने मिसाल पैदा की है. इतवनी सघन आबादी होने के बावजूद देश एक साथ खड़ा हुआ है. इससे एक ऊर्जा आयी है. भारत के प्रति एक आस्था का माहौल बन रहा है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा- कोरोना के बाद दुनिया बदल जाएगी. हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि दो महीने में दुनिया ऐसे बदल जाएगी. अमेरिका के इतने लोग विश्वयुद्ध में भी नहीं मरे. प्रधानमंत्री मोदी ने देश में लॉक डाउन करने का फैसला बिना किसी भय के उठाया. देश जागता है, जगाने वाला होना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने वही किया.
रविशंकर प्रसाद ने कहा- हमने ऐसी तकनीक बनाई जिसमें अगर कोई क्वॉरन्टीन में हैं तो आप अगर अपने मोबाइल टावर के क्षेत्र को छोड़ कर जाएंगे तो प्रशासन के पास मैसेज पहुंच जाएगा. इस सब काम के लिए मैं अपने सभी योद्धाओं को धन्यवाद देता हूं. डाक और संचार विभाग का काम तेजी से हुआ. देश में आईटी क्षेत्र में 85% काम हो रहा है.
कपिल सिब्बल के बाद एबीपी ई शिखर सम्मेलन से केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद जुड़े रहे हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा- लॉकडाउन में देश में कठिनाई तो है, सभी को घर में रहना है. लेकिन देश को जोड़ने के लिए टेलिफोन, इंटरनेट और आईटी जरूर है. यह सभी विभाग मेरे पास है. इसलिए हमने तय किया कि इसमें कोई दिक्तत ना हो. भारत की आईटी कंपनियों का 80% काम वर्क फ्रॉम से हो रहा है. देश में पचास टन दवा भारतीय डाक के माध्यम से पहुंचाने का काम किया है. इसके साथ ही पैसा भेजने का काम भी आईटी की मदद से करने का काम किया.
e शिखर सम्मेलन में कपिल सिब्बल ने कहा- हमें एक साथ लॉकडाउन को खत्म करने की जरूरत नहीं है बल्कि धीरे धीरे कत्म करना चाहिए. एक साथ लॉकडाउन करने से स्थिति और गंभीर हो जाएगी. हमारी जो कनेक्टिविटी देहात के साथ है वो हवाई जहाज से नहीं है. इसीलिए बामारी सिर्फ बड़े शहरों में है. हिंदुस्तान में महामारी का असर इसीलिए नहीं हुआ. आपको लॉकडाउन से पहले प्रवासी मजदूरों के लिए प्लान बनाया चाहिए था.
e शिखर सम्मेलन में कपिल सिब्बल ने कहा- 2008 की मंदी और 2020 की स्थिति में बहुत अंतर है. अमेरिका में पिछली तिमाही की -4.2 % है, अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि यह और भी आगे बढ़ेगी. 2008 से आद की कोई तुलना नहीं है. आज सभी एयरलाइंस दिवालिया हो रही हैं, एयरलाइंस दीवालिया होंगी तो फ्लाइट्स नहीं आएंगी. फ्लाइट्स नहीं आएंगी तो टूरिज्म नहीं आएगा. टूरिज्म नहीं आएगा तो रेस्टोरेंट बंद हो जाएंगे. जो हवाई जहाज हैं उसकी लीज़ मनी कौन देगा. यह तो सिर्फ एक उदाहरण है.
e शिखर सम्मेलन में कपिल सिब्बल ने कहा- आज के दिन में कंपनियां चीन नहीं जाना चाहती हैं लेकिन क्या भारत उसके लिए तैयार है? हमारे यहां जो कानून हैं जो लाल फीता शाही है उसके चलते हम फायदा कैसे उठाएंगे. टैक्सटाइल के प्रोजेक्ट बांग्लादेश और वियतनाम में जा रहे हैं. संकट को मौके में कैसे बदलेंगे ये तो बताएं. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को बताना चाहिए कि आगे क्या करने वाले हैं.
e शिखर सम्मेलन में कपिल सिब्बल ने कहा- आज सिर्फ ताली और थाली बजाकर इस महामारी का सामना कैसे करेंगे ? प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सामेन आकर कुछ नहीं बोलते. उन्हें सामने आकर प्लान बताना चाहिए. एक संयुक्त सचिव आकर रोज प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है. लॉकडाउन के एलान के वक्त प्रधानमंत्री ने सिर्फ चेतावनी दी, कोई प्लान नहीं बताया. ब्रिटेन में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ने कहा कि जिसकी नौकरी जाएगी 80% पैसा सरकार देगी. हमारे यहां प्रधानमंत्री ने कुछ ऐसा कहा. हमारे यहां नेशनल डिजास्टर एक्ट में सब कुछ लिखा है कि कैसे क्या होगा. आज देश के 24% यानी 10 करोड़ लोग बेरोजगार हैं. क्या इसके बारे में प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बने.
e शिखर सम्मेलन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा- आज सिर्फ उन्हीं की टेस्टिंग हो रही है जिनमें लक्षण दिख रहे हैं. लेकिन आज यह बीमारी ऐसी है कि जिसमें लक्षण नहीं दिख रहे हैं. इसलिए हमें देखना होगा कि हम किसका टेस्ट कर रहे हैं. सारे देशों में बिना लक्षण वाले लोगों की टेस्टिंग हो रही है. विश्व भर में जो नियम है, हमें उसी हिसाब से चलना चाहिए.
e शिखर सम्मेलन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा- इस समय में सरकार की ज्यादा आलोचना नहीं करना चाहता. 24 मार्च को सरकार ने लॉकडाउन लागू करने के लिए चार घंटे का सम किया. जनवरी के आखिर में WHO ने इसे आपातकाल घोषित किया लेकिन उसके बाद फरवरी में हमारी सरकार ने कहा कि यह कोई इमरजेंसी नहीं है. लेकिन हो गया सो हो गया हमें आगे के लिए सोचना चाहिए. सरकार ने कोई प्लान नहीं बनाया. ना नेशनल लेवल पर, ना राज्य स्तर पर और ना दिला स्तर पर. हमारे यहां टेस्टिंग भी बहुत काम है. अमेरिका में आज एक लाख टेस्ट रोजाना होते हैं.
e शिखर सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा- सुबह 5.30 से लेकर रात 12 बजे तक काम करता हूं. सभी मंत्री, अधिकारी और समाज के अलग अलग वर्गों के लोग मिलकर लड़ रहे हैं. हमने डॉक्टर्स की कमेटी बनाई, सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों की कमेटी बनाई. क्राइसिस मैनेजमेंट और लॉकडाउन को लेकर कमेटी बनाई. हमने लॉकडाउन और हॉट स्पॉट को लेकर भी अलग रणनीति बनाई. लोगों को रोजगार के लिए मास्क बनाने का काम दिया. लाखों मजदूरों के खाते में एक एक हजार रुपये भेजे. छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई. आज ही किसानों के खाते में फसल बीमा की राशि ट्रांसफरकर रहे हैं. हम कोटा में फंसे छात्रों को वापस लाए.
e शिखर सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मंत्रिमंडल के लिए झगड़े का सवाल ही नहीं था. सभी की सहमति से निर्णय था कि मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में हो. मध्य प्रदेश के जिन इलाकों में गड़बड़ी हुई वहां असमाजिक तत्वों के खिलाफ एनएसए लगाने का काम किया. हम सभी लोग मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.
e शिखर सम्मेलन में शिवराज सिंह चौहान ने कहा- मैंने सीएम बनते ही कोरोना से लड़ाई लड़ने का काम शुरू कर दिया था. इंदौर में स्थिति गंभीर थी, कुछ इलाकों में लोग अफवाह फैला रहे थे. स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रहे थे. लेकिन आज हालात सुधरे हैं. इंदौर भोपाल में मिलाकर 500 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं.
स्वामी रामदेव के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ई शिखर सम्मेलन से जुड़ गए हैं. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना से लड़ना है लेकिन डरना नहीं है. मध्य प्रदेश को कोरोना से बचाने का प्रयास कर रहे हैं. मैं काभी लेट मुख्यमंत्री बना, तब तक कोरोना मध्य प्रदेश में आ चुका था. जब मैं आया तब एक लैब में काम चल रहा था आज 14 लैब में काम चल रहा है. इंदौर, भोपाल में केस की संख्या में कमी आयी है. कई जिले कोरोना से मुक्त भी हो गए हैं.
तब्लीगी जमात को लेकर e शिखर सम्मेलन में बाबा रामदेव ने कहा- किसी एक समूह को लेकर पूरे समुदाय को बदनाम करना अच्छा नहीं है. ऐसा कहना कि इस्लाम अच्छा नहीं पूरे मुसलमान अच्छे नहीं यह कहना सही नहीं है. लेकिन जैसे योगी जी ने कहा कि इन लोगों लापरवाही का काम किया. लेकिन तब्लीगी जमात पूरे देश के मुसलमानों का नेतृत्व नहीं करती है. तब्लीगी जमात की यह सोच कि पूरी दुनिया को इस्लामिक बनाना है यह गलत है. यह एक तरह का बौद्धिक और धार्मिक आतंकवाद है. मैं कभी नहीं कहता कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है.
प्रवासी मजदूरों की समस्या पर e शिखर सम्मेलन में बाबा रामदेव ने कहा- यह नुक्ता चीनी करने का समय नहीं है. उस समय वक्त नहीं था कि जिन लोगों को जहां जहां जाना है वहां चले जाएं तब लॉकडाउन होगा. तो आज स्थिति बहुत भयानक होती. आज जहां जिन भी मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है तो उन्हें वापस ना बुलाया जाए. मेरे पास भी पतंजलि के कई प्लांट से फोन आ चुका है कि मजदूर घर जाना चाहते हैं. इसीलिए मैं कहना चाहता हूं कि यह एक गंभीर संकट निकल कर सामने आ जाए. मैंने अभी किसी को भी पतंजलि से नहीं निकाला है. मेरा कहना है कि जो भी जिस राज्य में अगर काम कर रहा है तो उसे वहीं रहना चाहिए.
e शिखर सम्मेलन में बाबा रामदेव ने कहा- सबसे पहले योगी जी ने कहा कि दुनिया मोह भंग हो रहा है, यह सच है. यह बात साबित हो चुकी है कि कोरोना का वायरस मेन मेड है. इसलिए दुनियाभर की कंपनियां अब भारत की ओर देख रही हैं. हमें इस संकट काल को अवसर के तौर पर कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इसकी तैयारी करनी चाहिए. हमें स्किल लेबर को तैयार करना चाहिए. आने वाले समय में बिहार और उत्तर प्रदेश को मिलेगा.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- प्रधानमंत्री ने जो गरीब कल्याण पैकेज दिया है, इसके साथ ही कोरोना वॉरियर के लिए 50 लाख का बीमा भी लागू किया है. उत्तर प्रदेश में आज पहली मई को 16 लाख कर्मचारियों के वेतन को बिना किसी कटौती देने जा रहे हैं. हम किसी का वेतन नहीं काटेंगे. राज्य सरकार ने अपने अनावश्यक खर्चों में कटौती की है. लेकिन हमारे सभी प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- विदेश से आए तब्लीगियों ने बीमारी की जनकारी को छिपाया. अलर्ट होने के कारण स्थिथि नियंत्रण में आ गई. 3000 हजार से ज्यादा तब्लीगी उत्तर प्रदेश में थे जिनका संबंध निजामुद्दीन से था. अगर समय रहते इन्हें क्वॉरन्टीन में नहीं भेजा गया होता तो इन लोगों ने तबाही मचा दी होती. अमेरिका और यूरोप से बदतर स्थिति हमारी होती. मौलाना साद को लेकर दिल्ली पुलिस जांच कर रही है. समय रहते पुलिस इस पर कार्रवाई करेगी.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- किसी ने अनावश्यक आरोप नहीं लगाए हैं. हमें यह देखना चाहिए कि निजामुद्दीन मरकज में जो तब्लीगी गए उनके द्वारा यह जानने के बाद भी कि विदेश से आए तब्लीगियों में कोरोना पॉजिटिव है, यह छुपाने का काम किया गया. किसी को बीमारी हो गई, कोई बात नहीं उसका इलाज किया जाएगा. लेकिन आप इसे छिपाकर उससे संक्रमण फैलाने का का काम करें तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं है कि तब्लीगी के इस रवैये के कारण संक्रमण तेजी से फैला. आज उत्तर प्रदेश के 1600 एक्टिव केस में 100 से ज्यादा तब्लीगी जमात के लोग हैं. यह लोग पहले ही बताते, लेकिन उन लोगों ने ऐसा ना करके बयानबाजी की. देखत ही देखते देश की एक बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में आ गयी. उत्तर प्रदेश में बड़ी तादात में पुलिस ने जमात के लोगों को पड़ा और क्वॉरन्टीन करवाया.
विपक्ष के और खासकर राहुल गांधी के आरोपों पर e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब पूरा देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है तब देश विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा है. देश की इस लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है. जो लोग भी ऐसा कर रहे हैं भारत की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी. देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने का काम विपक्ष कर रहा है. जनता ने उन्हें सबक सिखाया है और आगे भी सिखाएगी.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- चीन से लोगों का निवेश को लेकर मोहभंग हो रहा है. चीन से नाराज कंपनियों को यूपी में लाने का प्रयास किया जा रहा है. हमने के लिए दो स्तर पर कमेटी काम कर रही हैं, एक मंत्रियों का समूह है और एक औद्योगिक विकास अध्यक्ष की कमेटी लगातार काम कर रही है. कोरोना संकट के बाद चीन के सामने विश्वनीयता का संकट आया है. इसके बाद से दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां भारत की ओर देख रही हैं. कोरोना के बाद भारत को इसका लाभ मिलेगा. भारत की जनता का विश्ववास अपने नेतृत्व पर बना रहना चाहिए. आने वाला समय भारत का है, इसका लाभ भारत और उत्तर प्रदेश दोनों को मिलेगा.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- कोरोना से बचने के लिए व्यापक कार्ययोजना का काम बन रहा है. हमारी कोशिश है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियां कैसे आगे बढ़ें, इसे लेकर कदम उठाएंगे. प्रदेश में अभी भी आर्थिक गतिविधियां जारी हैं. हमने लॉकडाउन 1 और 2 में 119 चीनी मिलों को सफलता पूर्वक चलाया है. 12 हजार के अधिक ईंट भट्टों का संचालन किया है. मध्यम उद्योग की यूनिट्स को चलाने की व्यवस्था को लेकर हम अपनी कार्ययोजना को आगे बढ़ा रहे हैं. खेती में 97-98% काम पूरा हो चुका है, 5500 गेहूं क्रय केंद्र सफलता पूर्वक चल रहे हैं. जनता को संक्रमण से बचाने के सास साथ आर्थिक गतिविधियों को लगातार चलाए रखने के कार्ययोजना पर काम कर रहा है.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- जो भी मजदूर और श्रमिक दूसरे राज्यों से आएगा उसकी सभी जानकारी ली जाएगी. इन सभी की मैपिंग की जाएगी. इसी के आधार पर इन्हें रोजगार देने का काम भी किया जाएगा. हमने अबतक 15 लाख लोगों को रोजगार देने का काम किया है. पहले चरण में 6 लाख मजदूर वापस आ चुके हैं. मजदूरों को वापस आने के बाद उन्हें रोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा. उन्हें उनकी स्किल के हिसाब से रोजगार देने का काम किया जाएगा.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- जो भी मजदूर हैं वो हमारे हैं, उनके हितों को संरक्षण देना हमारा काम है, वो उत्तर प्रदेश में हो या बाहर. मैं प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभारी कि उन्होंने गरीब कल्याण पैकेज देने के साथ ही मजदूरों की वापसी का विस्तृत प्लान बनाया है. उत्तर प्रदेश में रहने वाले 26 लाख कामगार दूसरे राज्यों के हैं, इनको देने की सभी प्रकार की सुरक्षा देने का काम हमारी सरकार कर रही है. सभी राज्य समन्वय के साथ काम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में आने वाले 10 लाख मजदूरों के क्वॉरन्टीन में रखने की तैयारी हो चुकी है. सभी को वापस लाना चुनौती है.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- कोटा में फंसे 12 हजार के आधिक छात्रों को उन्हें सुरक्षित उनके घरों में पहुंचाने का काम किया गया. 15 हजार के अधिक छात्र प्रयागराज में फंसे थे, उन्हें भी सुरक्षित उनके घरों में पहुंचाने का काम किया गया. हरियाणा में रह रहे श्रमिकों को भी उनके घर पहुंचे चुके हैं. मध्य प्रदेश के श्रमिकों को वहां पहुंचाने और फिर वहां से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने का काम आज किया जाएगा. इन सभी का मेडिकल चेकअप, क्वॉरन्टीन में भेजने का काम किया जाएगा. इसी तरह राजस्थान, गुजरात और उत्तरखंड में फंसे श्रमिकों को भी वापस लाने का काम किया जाएगा. जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें हम तुरंत लेने को तैयार हैं. मेरी मजदूरों से अपील है कि पैदन ना चलें, जहां वहीं रहें. मैं आश्वासन देता हूं कि उन्हें कोई तकलीफ नहीं होगी.
e शिखर सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ ने कहा- मई दिवस पर अपने सभी कामगारों और श्रमिक वर्ग को बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पूरा देश कोरोना के खिलाफ जिस लड़ाई को लड़ रहा है. इस में सभी तबकों का ध्यान रखने के साथ ही इस लड़ाई को आगे बढ़ाने का काम हो रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज की घोषणा गरीबों के लिए हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में मंत्रि समूह का गठन करने के साथ ही अन्य कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया. निर्माण कार्य में लगे कामगार के लिए, प्रतिदिन कमाने वालों के लिए भरण पोषण के लिए भत्ते की व्यवस्था की गई है. हमने मनरेगा के मजदूरों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है. 18 लोगों के लिए दो बार खाद्यान की व्यवस्था की जा चुकी है. आज तीसरी बार यह व्यवस्था की जाएगी. आज दूसरी बार 30 लाख मजदूरों के खाते में भत्ता देना का काम किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चंद मिनट बाद ABP News e Shikhar Sammelan से जुड़ेंगे. कोरोना संकट के बीच योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की तैयारियों को लेकर बात करेंगे. योगी आदित्यनाथ के साथ एबीपी न्यूज़ के सुमित अवस्थी चर्चा करेंगे.

बैकग्राउंड

केंद्र और राज्य सरकारों की पहल और आम लोगों के सहयोग से कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. इस आज सुबह 10 बजे से एबीपी न्यूज़ 'e-शिखर सम्मेलन' आयोजित कर रहा है. इस खास कार्यक्रम में राजनीतिक दिग्गजों से लेकर, आर्थिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ बातचीत करेंगे और आम लोगों के सवालों के जवाब देंगे.


 


'e-शिखर सम्मेलन' में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी, योग गुरु बाबा रामदेव, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के वी सुब्रमण्यम, मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन और पूर्व क्रिकेटर कपिल देव बातचीत करेंगे.


 


इस दौरान कोरोना वायरस और इसके रोकथाम को लेकर जारी लॉकडाउन पर राय ली जाएगी. कार्यक्रम के LIVE अपडेट्स के लिए आप दिनभर एबीपी न्यूज़ के सभी प्लेटफॉर्म पर बने रह सकते हैं.

जानें कब-कौन होंगे e शिखर सम्मेलन में LIVE?
योगी आदित्यनाथ- सुबह 10 बजे
बाबा रामदेव- सुबह 10:30 बजे
शिवराज सिंह चौहान- सुबह 11 बजे
कपिल सिब्बल- सुबह 11:30 बजे
रविशंकर प्रसाद- दोपहर 12 बजे
भूपेश बघेल- दोपहर 1 बजे
सुशील मोदी- दोपहर 1:30 बजे
प्रशांत किशोर- दोपहर 2 बजे
कपिल देव- दोपहर 2:30 बजे
के वी सुब्रमण्यम- दोपहर 3 बजे
डॉ. नरेश त्रेहन- दोपहर 3:30 बजे
प्रकाश जावड़ेकर- शाम 4 बजे
सुधांशु त्रिवेदी- शाम 5 बजे

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