डोमेनिका में विपक्ष के नेता लेनौक्स लिंटन ने प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरित की सरकार पर साजिश में शरीक होने और तथ्यों को छुपाए जाने का आरोप लगाया है. लिंटन ने स्थानीय जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि मेहुल 25 मई को नहीं बल्कि 23 मई की रात से ही डोमेनिका में है. हालांकि एंट्री दस्तावेजों में उसके आने की तारीख 25 मई को दिखाई गई.
वहीं उसके साथ आए दो अन्य भारतीय मूल के लोगों की भी जानकारी है जिन्हें क्वारंटीन फेसेलिटी में ले जाया गया. लोग कह रहे हैं कि यह दोनों भारतीय एजेंट हैं हालांकि हमारे पास इसके बारे में कोई पुष्टि नहीं है. डोमेनिका पहुंचने पर चौकसी को गिरफ्तार नहीं बल्कि बाकायदा पुलिस ने हासिल किया. उसे शुरुआत में क्वारंटीन में भी नहीं रखा गया जो कोविड19 नियमों का भी उल्लंघन है.
विपक्ष ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है
मेहुल चौकसी भारत से आया है, वहां का नागरिक है और पंजाब नेशनल बैंक मामले में वांटेड है. इस तरह के व्यक्ति को डोमेनिका में नहीं होना चाहिए. वो खुद भी यहां नहीं रहना चाहता क्योंकि वो आया नहीं लाया गया है. डोमेनिका में कानूनी व्यवस्था ऐसे मामलों में तेजी से काम करती है. हमें उम्मीद है कि 2 जून को होने वाली सुनवाई में अदालत से स्पष्ट आदेश आएगा.
सरकार का यह आदेश समझ से परे है कि आखिर क्यों डोमेनिका में एयरपोर्ट पर खड़े विशेष विमान की फोटो नहीं खींची जा सकती. एयरपोर्ट स्टाफ को उसकी खास हिदायत दी गई है. साथ ही विपक्ष ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है ताकि डोमेनिका की सरकारी एजेंसियों की भूमिका स्पष्ट हो सके.
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