नई दिल्ली: कृषि कानूनों पर बीस दिन से जारी किसान आंदोलन के बीच एबीपी न्यूज़ के मंच से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और किसान नेता शिवकुमार कक्का जी की बातचीत से बड़ी खबर सामने आई है. पिछले छह दिन से किसान नेताओं और सरकार के बीत चर्चा नहीं हो रही है. इस बीच आज एबीपी न्यूज़ के मंच पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों से चर्चा को लेकर तारीख पर बाचतीच हो रही है. वहीं किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि सरकार अगर बुलाएगी तो हम कल बात करने के लिए तैयार हैं.
कृषि मंत्री ने कहा, ''मुझे लगता है कि किसान यूनियन के नेता भी चिंतित हैं. मैं कक्का जी बात से सहमत हूं कि इस तरह के आंदोलन के लेकर चर्चा से ही समाधान निकलते हैं. हम भी चर्चा के जरिए जल्द समाधान होगा. अभी विश्वास का संकट है. मुझे भरोसा है कि जल्दी ही तारीख तय होगी. तारीख हो लेकर बातचीत चल रही है.''
कृषि मंत्री की इस बात पर किसान नेता शिवकुमार कक्का जी ने कहा कि सरकार कल चाहे तो बुला हम तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमें पहले सरकार की तरफ से कोई तारीख मिले और निमंत्रण मिले. हम सभी चर्चा के लिए तैयार हैं.
विश्वास है दोबारा शुरू होगी बातचीत, समाधान निकलेगा- तोमर
किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''भारत सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है. इस आंदोलन को भी सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसानों से अनेक दौर की बातचीत हुई है. किसानो की तकलीफ पर बातचीत करने के लिए तैयार है. किसानों को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है. मुझे विश्वास है कि दोबारा फिर बात होगी और हम समाधान पर पहुंचेंगे.''
उन्होंने कहा, ''हम किसान यूनियन के संपर्क में हैं, हमारा प्रयास है कि जल्द ही प्रस्ताव पर सहमति हो. सर्दी का मौसम है, कोविड का संकट भी है. इसीलिए सरकार को चिंता है कि समस्या का समाधान जल्दी हो.''
जल्दी कार्रवाई हो इसलिए एसडीएम का प्रावधान- तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने, ''किसान यूनियन के सामने कानून के पीछे जो भाव सरकार है उसे हमने विस्तार से रखा है. सारा देश देख रहा है कि कानून के हर क्लॉज का फायदा किसानों को मिलना शुरू हो रहा है. होशंगाबाद में एसडीएम की कार्रवाई इसलिए हो सकी क्योंकि कानून में प्रावधान है. लेकिन अगर यही विषय अगर कोर्ट में जाता तो शायद इतनी जल्दी इसका हल नहीं निकल पाता. कोर्ट में पहले से बहुत केस पेंडिग रहते हैं, इसलिए इतनी जल्दी न्याय मिलना संभव नहीं हो पाता.''
एमएसपी के मुद्दे पर क्या बोले कृषि मंत्री तोमर
किसानों की ओर से सबसे बड़ा मुद्दा एमएसपी को लेकर उठाया जा रहा है. इस पर कृषि मंत्री ने कहा, ''एमएसपी का विषय सदन में भी चर्चा के दौरान आया था. मैंने और प्रधानमंत्री ने देश को आश्वास्त किया है कि एमएसपी पर किसी को शंका करने की जरूरत नहीं है. एमएसपी पर खरीद को बढ़ाया गया है, एमएसपी पर पहले सिरअफ गेहूं और धान की खरीद होती थी लेकिन अब दलहत और तिलहन को भी शामिल किया जा रहा है. हमने किसान नेताओं से कहा है कि कुछ चीजें कानून में नहीं होतीं और वो प्रशासकीय निर्णय से चलती हैं. एमएसपी भारत सरकार के प्रशासनीत निर्णय में शामिल है.''
मंडी सिस्टम पर कृषि मंत्री ने कहा- किसानों को डरने की जरूरत नहीं
मंडी सिस्टम को लेकर किसान आंदोलन से आवाज उठ रही है कि सरकार मंडियों को खत्म कर देगी. इस सवाल पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ''किसान को डरने की जरूरत नहीं है. कानून के माध्यम से हमारी कोशिश थी कि किसान को दर दर भटकना ना पड़े, किसी पर निर्भर ना रहना पड़े. अपने खेत से अपनी फसल बेच सके, जितना रोकना हो रोक सके. इसके लिए एक लाख करोड़ के इंफ्रस्ट्रक्चर के फंड की व्यवस्था की है. अभी तक किसान को मंडी में बोली पर लगी कीमत पर मजबूर होना पड़ता है. हम इसे खोलना चाहते थे. हम लोग चाहते थे कि अगर टैक्स फ्री ट्रेड होगा, उसके खेत ही ट्रेड होगा तो उसे टैक्स से भी राहत मिलेगी.''
उन्होंने कहा, ''अगर एपीएमसी के बाहर बिना टैक्स के खरीद होगी तो लोग उसकी तरफ ही आकर्षित होंगे. पंजाब और हरियाणा में मंडी की मजबूत व्यवस्था है, इसलिए वहां किसानों को ज्यादा दिक्कत है. हमने राज्य सरकारों को मंडी से बाहर होने वाली ट्रेड पर टैक्स लगाने की बात की थी. सरकार की मंशा है कि किसान को अपनी फसल कहीं बेचने की स्वतंत्रता होनी चाहिए. किसान अगर कोई प्रस्ताव देते हैं तो हम इस विचार करने के लिए तैयार हैं.''
किसान नेता शिवकुमार कक्का जी ने क्या कहा?
शिवकुमार कक्का जी ने कृषि मंत्री के सामने सवाल उठाते हुए शिवराज सिंह चौहान के बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, सरकार कहती है कि किसान कहीं भी फसल बेच सकते हैं लेकिन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि दूसरे राज्यों से फसल बेचने कोई आएगा तो उसकी फसल जब्त कर लेंगे. इससे किसानों में डर हो रहा है, मध्य प्रदेश में गाडियां जब्त भी जा रही हैं.''
किसान नेता के सवाल पर जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को गलत तरीके से समझा गया. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान का बयान एमएसपी पर फसल की खरीद को लेकर था. ओपन मार्केट में किसी भी तरह की ट्रेड को लेकर कोई आपत्ति नहीं है.
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