एक्सप्लोरर

EXCLUSIVE: 150 जहाज, 60 विमान, 24 घंटे निगहबानी, जानें कैसे आतंकियों से भारत की समुद्री सरहद की रखवाली करते हैं कोस्टगार्ड

Indian Coast Guard: भारत के साढ़े सात हजार किलोमीटर लंबे तट और अथाह समंदर की सुरक्षा करने वाले इंडियन कोस्टगार्ड का दावा है कि देश पर अब 26/11 जैसा आतंकी हमला नहीं होने दिया जाएगा. 

मुंबई पर 26/11 के आतंकी हमले के हाल ही में 13 साल पूरे हुए हैं. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर हुए सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद से लेकर अब तक समंदर के रास्ते कोई बड़ा टेरर अटैक नहीं हुआ है. भारत के साढ़े सात हजार किलोमीटर लंबे तट और अथाह समंदर की सुरक्षा करने वाले इंडियन कोस्टगार्ड का दावा है कि देश पर अब 26/11 जैसा आतंकी हमला नहीं होने दिया जाएगा. 

आखिर ये कैसे संभव हो पाया, ये जानने के लिए एबीपी न्यूज ने पूरा एक दिन और एक पूरी रात कोस्टगार्ड के जहाज पर अरब सागर में बिताई. इस दौरान एबीपी न्यूज ने देखी कोस्टगार्ड की अरब सागर में लाइव निगहबानी और दुश्मन को चित करने वाली फायर पावर भी.

समंदर के सीने को चीरते हुए जा रहा था इंडियन कोस्टगार्ड यानी भारतीय तटरक्षक बल का जंगी बेड़ा. इस बेडे में शामिल हैं दो ऑफसोर पैट्रोल वैसेल यानी ओपीवी, दो फास्ट पैट्रोल वैसेल यानी एफपीवी जहाज और बेहद रफ्तार से दौड़ती दो चार्ली बोट्स. गुजरात के पोरबंदर से जहाजों का ये बेड़ा अरब सागर के जरिए निकला है देश के सबसे पश्चिमी बंदरगाह जखाओ के लिए. रण ऑफ कच्छ से सटे इस बंदरगाह से पाकि‌स्तान की सीमा महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. 


EXCLUSIVE:  150 जहाज, 60 विमान, 24 घंटे निगहबानी, जानें कैसे आतंकियों से भारत की समुद्री सरहद की रखवाली करते हैं कोस्टगार्ड

दूर-दूर तक फैले अरब सागर पर कोस्टगार्ड के फ्लीट की पैनी नजर है. कोई संदिग्ध बोट हो या जहाज अगर अरब सागर में दाखिल होता है तो उसे तुरंत इंटरसेप्ट करने की जिम्मेदारी इंडियन कोस्टगार्ड यानी भारतीय तटरक्षक बल की है. इसी बेड़े के एक बड़े जहाज यानी ओपीवी, आईसीजीएस सजग पर मौजूद थी एबीपी न्यूज की टीम.

कैसे समंदर की रखवाली करते हैं कोस्टगार्ड्स

कोस्टगार्ड के ओपीवी, आईसीजीएस सजग की ताकत के बारे में हम आपको आगे बताएंगे, लेकिन पहले ये जान लेते हैं कि इंडियन कोस्टगार्ड हमारी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा कैसे करते हैं. एबीपी न्यूज की टीम ने पूरा एक दिन और एक पूरी रात आईसीजीएस सजग पर रहकर अरब सागर में बिताया. 

सजग जहाज पर मौजूद एबीपी न्यूज की टीम ने पाया कि समंदर की रखवाली महज युद्धपोत और फास्ट पैट्रोल बोट्स से ही नहीं हो रही है. आसमान से भी इंडियन कोस्टगार्ड अपने डोरनियर विमान और एएलएच हेलीकॉप्टर से सर्विलांस रख रही है. समय समय पर डोरनियर एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर समंदर में होवर कर रहे हैं.


EXCLUSIVE:  150 जहाज, 60 विमान, 24 घंटे निगहबानी, जानें कैसे आतंकियों से भारत की समुद्री सरहद की रखवाली करते हैं कोस्टगार्ड

भारत की 7500 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी कोस्टलाइन यानी तटीय सीमा के साथ-साथ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित हिंद महासागर में फैले भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन यानी ईईजेड और देश के कुल क्षेत्रफल से डेढ़ गुना बड़े सर्च एंड रेस्क्यू एरिया की निगहबानी, निगरानी और सुरक्षा इंडियन को‌स्टगार्ड के लिए एक बड़ी चुनौती है. 

कोस्टगार्ड के डीआईजी अनिकेत सिंह, जो आईसीजीएस‌ सजग पर ही मौजूद थे, उन्होंने बताया कि अपने आदर्श-वाक्य, 'वयम् रक्षाम' पर खरा उतरने के लिए कोस्टगार्ड के 150 से भी ज्यादा जहाज और 60 ‌से भी ज्यादा विमान और हेलीकॉप्टर इ‌स बड़े समंदर में दिन रात यानी 24x7 तैनात रहकर सुरक्षा करते हैं.

हमेशा से अभेद नहीं थी समुद्री सुरक्षा

भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा हमेशा से ऐसी अभेद नहीं थी. यही वजह है कि वर्ष  2008 में भारत पर 26/11 का आतंकी हमला हुआ था. मुंबई के 26/11 हमले को याद कर आज भी हर कोई सिहर उठता है. किस तरह आतंकी कसाब और उसके साथी पाकिस्तान से एक छोटी सी बोट के जरिए मुंबई पहुंचे और फिर बड़ा आतंकी हमला किया था. मुंबई हमले के बाद कोस्टगार्ड को भारत की तटीय सुरक्षा और ईईजेड की रखवाली की नोडल एजेंसी बनाया गया था. उसके बाद से ही भारतीय तटरक्षक बल देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित बनाने में जुटे हैं.


EXCLUSIVE:  150 जहाज, 60 विमान, 24 घंटे निगहबानी, जानें कैसे आतंकियों से भारत की समुद्री सरहद की रखवाली करते हैं कोस्टगार्ड

अब भी कम नहीं है खतरा

13 साल ‌से भारत की समुद्री सीमाएं सुरक्षित हैं तो इसके मायने ये नहीं कि खतरा कम हो गया है. इंडियन कोस्टगार्ड के लिए समंदर और खासतौर ‌से पाकिस्तान से सटे अरब ‌सागर से लगातार चुनौतियां मिलती रहती हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच आईएमबीएल यानी इंटरनेशनल मेरीटाइम बॉउंड्री लाइन इसी अरब सागर से होकर गुजरती है. यहीं ‌पर भारत पाकिस्तान और दूसरे पड़ोसी देशों की छोटी बड़ी फिशिंग बोट्स घूमती रहती हैं. ऐसे में कौन सी बोट संदिग्ध है, उसका पता लगाना थोड़ी टेढ़ी खीर है. क्योंकि इस तरह की खुफिया रिपोर्ट्स लगातार मिलती रहती हैं कि छोटी बोट के जरिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी भारत की सीमा में घुसपैठ करने की साजिश रचते रहते हैं.

पाकिस्तान और पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन भारत के खिलाफ 'एसैमेट्रिक-वॉरफेयर' की साजिश भी रचते रहते हैं. भारतीय तटरक्षक बल को इस बात का खतरा हमेशा बना रहता है कि आतंकियों की कोई बोट उनके जहाज से ना टकरा जाए. क्योंकि कुछ साल पहले सीरिया में अमेरिका का युद्धपोत आतंकियों का ऐसा ही निशाना बन चुका है, जब आतंकियों ने बारूद से भरी एक बोट से टक्कर मारी थी. खतरा इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि इस तरह की इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स भी मिलती रहती हैं कि पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को मरीन-ट्रेनिंग भी दे रखी है.

पाकिस्तान के इलाज की है पूरी तैयारी

पाकिस्तान के एसैमेट्रिक-वॉरफेयर का इलाज करने के लिए इंडियन कोस्टगार्ड ने पूरी तैयारी कर रखी है. इंडियन कोस्टगार्ड के जहाज एलएमजी गन से लेकर मोर्टार और कर्ल गुस्तोव रॉकेट लॉन्चर से लैस हैं. ये वही कर्ल गुस्तोव रॉकेट लॉन्चर हैं जिनका इस्तेमाल भारतीय सेना के पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पाकिस्तान के आतंकी कैंपों को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किया था. तटरक्षक बल के नौसैनिक इस कर्ल गु‌स्तोव रॉकेट लॉन्चर ‌से दिन-रात ड्रिल करते रहते हैं.

कर्ल गुस्तोव रॉकेट लॉन्चर और मोर्टार का इस्तेमाल रात के अंधेरे में संदिग्ध बोट्स का पता लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि रात में समंदर में अंधेरा रहता है. इनके जरिए आसमान में इल्युमिनेशन राउंड फायर किया जाता है जो करीब छह लाख मोमबत्तियों के उजाले के बराबर होता है. उजाला होने पर संदिग्ध बोट पर एलएमजी यानी लाइट मशीन गन और एचएमजी यानी हैवी मशीन गन से फायरिंग में मदद मिलती है. ये फायरिंग और रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई संदिग्ध बोट कोस्टगार्ड के जहाज करीब आने की हिमाकत करती है या फिर चेतावनी के बावजूद समंदर में नहीं रोकती है, जैसा कि वर्ष 2015 में हुआ था.

ताकत में इजाफा कर रहे कोस्टगार्ड

पिछले 13 साल ‌से समंदर के रास्ते भारत पर कोई बड़ा आतंकी हमला नहीं हुआ है, यही वजह है कि भारतीय तटरक्षक बल के डीजी ने साफ शब्दों में कहा था कि देश में मुंबई के 26/11 जैसे आतंकी हमले को फिर से दोहराने नहीं दिया जाएगा. आईसीजीएस सजग पर तैनात भारतीय तटरक्षक बल के अधिकारियों ने बताया कि यही वजह है कि इंडियन कोस्टगार्ड अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रही है. माना जा रहा है कि वर्ष 2025 तक इंडियन कोस्टगार्ड के जंगी बेड़े में करीब 200 जहाज और 100 एयरक्राफ्ट हो जाएंगे.

समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के साथ साथ तटीय सुरक्षा को लेकर भी बाइट इंडियन कोस्टगार्ड काफी सजग है. भारतीय तटरक्षक बल के डीआईजी एसके वर्गीस ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि 26/11 हमले के बाद से अब तक 7500 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी कोस्टलाइन पर कई रडार स्टेशन लगाए गए हैं. 

अभी कोस्टगार्ड के कुल 48 रडार स्टेशन हैं और इसके अलावा 46 रडार स्टेशन और लगाए जाने की तैयारी चल रही है. आईसीजीएस‌ सजग पर आने से पहले एबीपी न्यूज की टीम इंडियन कोस्टगार्ड के पोरबंदर स्थित रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन यानी आरओवी भी गई थी, जहां से पूरे अरब सागर पर निगरानी रखी जा रही थी.


EXCLUSIVE:  150 जहाज, 60 विमान, 24 घंटे निगहबानी, जानें कैसे आतंकियों से भारत की समुद्री सरहद की रखवाली करते हैं कोस्टगार्ड

एबीपी न्यूज ने देखी दिन भर की कार्रवाई

अरब सागर में अब दिन छिपने जा रहा था. सूरज अब ढलने लगा था और एबीपी न्यूज दिनभर आईसीजीएस सजग पर कोस्टगार्ड के नौसैनिकों की जिम्मेदारी और कार्रवाई को बेहद करीब से देख रहा था. सजग को इसी साल मई के महीने में कोस्टगार्ड में शामिल किया गया है. करीब 100 मीटर लंबे इस जहाज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने एक ई-कार्यक्रम के जरिए कोस्टगार्ड में शामिल किया था. गोवा शिपयार्ड में बने इस स्वदेशी युद्धपोत पर एक हेलीकॉप्टर भी तैनात किया जा सकता है.

रात के वक्त एबीपी न्यूज सजग जहाज पर सजग प्रहरियों के साथ अरब सागर पर ही था. रात में ही एबीपी न्यूज की टीम सजग के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से में पहुंची. वो था सजग का ब्रिज यानी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर. ये किसी विमान के कॉकपिट जैसा एक बड़ा रूम था जहां से सजग की रफ्तार और दिशा के साथ ‌साथ सभी कमांड दी जा रही थीं.

पूरी रात सजग पर बिताने के बाद जैसे ही सुबह हुई तो मोबाइल फोन पर पाकिस्तान का नेटवर्क आना शुरू हो गया. ऐसे में ये साफ हो गया कि सजग अब जखाओ पोर्ट पहुंचने वाला है. लेकिन अपने नाम की तरह ही 'सजग' जहाज समंदर में अपने कर्तव्य के लिए पूरी तरह सजग था. क्योंकि समुद्री सीमाओं की सुरक्षा करना ही कोस्टगार्ड का ध्येय है, जो आदर्श-वाक्य, वयम् रक्षाम: में भी दिखाई पड़ता है.

ये भी पढ़ें

CM ममता से मुलाकात के बाद 2024 में नेतृत्व और कांग्रेस को लेकर क्या कुछ बोले शरद पवार? जानें

Mamata Banerjee के बयान KC Venugopal का तंज, कहा- Congress के बिना BJP को हराने का सोचना सिर्फ सपना

 

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Phil Salt
₹11.50 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.50 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.50 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

कम सीटें या अजित पवार, बीजेपी के सामने सरेंडर क्यों हो गए शिंदे?शिंदे का सरेंडर, फिर भी सीएम पर सस्पेंस, PM मोदी के मन में क्या है?Normal PAN, e-PAN, या PAN 2.0: कौन सा आपके लिए सही है? | Paisa LiveMera Balam Thanedar: OMG! बुलबुल बनी under-cover agent, चोरी हुए हार का कैसे पता लगाएगी बुलबुल?

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
'हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार के पीछे बांग्लादेशी सेना और आतंकवादी ताकतें', VHP ने उठाई ये मांग
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
इस सत्र में नहीं पास होगा वक्फ संशोधन बिल, अगले सत्र तक बढ़ेगा संसदीय समिति का कार्यकाल
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
संभल हिंसा पर बोले वकील- पूर्व नियोजित थी हिंसा, दूसरा सर्वे ‘एडवोकेट कमिश्नर’ के आदेश पर हुआ
राजकुमार की शादी में हुआ था अनोखा काम, पत्रलेखा ने एक्टर की मांग में भरा था सिंदूर, जानें वजह
शादी में पत्रलेखा ने भरा था राजकुमार राव की मांग में सिंदूर, ये है वजह
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
मुसीबत में फंसा इंडियन तो पाकिस्तानी छात्र ने की मदद! ईरान से वायरल हो रहा खूबसूरत वीडियो
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
कैसे बनाएं अपना मंथली बजट, जानें स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग के टिप्स
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
पीएम किसान योजना का फायदा लेने के लिए जरूर कर लें ये काम, नहीं तो अटक जाएगी आपकी अगली किस्त
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Exclusive: एक कैंप से दूसरे कैंप जाने वाला भारत नहीं, एक मजबूत भारत चाहिए, बोले- डेनमार्क के राजदूत
Embed widget